Skip to playerSkip to main content
  • 5 years ago
" जीवन में दु:ख को देखकर टूट जाना चाहिये? दु:ख होता ही क्यों है ? सुख के साथी से ग्रसित होकर बुरा बनना चाहिए?
पैसे से बड़ा स्वास्थ्य और स्वास्थ्य से बड़ा चरित्र , क्यों? धोखा और भरोसा।
विवेकानंद ने क्यों हैं," अगर सरि दुनिया को ही अस्पताल बना लें तो भी संसार से बीमारी का अन्त संभव नहीं है।"

Category

📚
Learning
Be the first to comment
Add your comment

Recommended