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  • 5 years ago
अमेठी। क्षेत्र की जर्जर सड़कें खुद-ब-खुद विकास की पोल खोल रही हैं। इन मार्गो पर आए दिन राहगीर गिरकर चोटिल होते रहते हैं। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देते हैं। अर्से पूर्व निर्मित की गई सड़कों की आज तक मरम्मत तक नहीं की गई। क्षेत्र की सड़कें गड्ढों में समा गईं वाहन बिना हिचकोले के नहीं निकलते। कभी एक्सल टूट जाता है, तो कभी बाइक फिसल जाती है। सरकारी अफसर या नेता तो भले ही सड़कों के चमाचम होने का दावा करें, लेकिन हकीकत तो कुछ और ही है। बता दे कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत मुसाफिरखाना से पारा मार्ग तक बनी सड़क जर्जर हो गई है, जिस पर आए दिन राहगीर हादसों के शिकार हो रहे हैं। सड़क गारंटी अवधि में होने के बाद भी ठेकेदार व अफसर मरम्मत कराने की सुध नहीं ले रहे हैं। बता दे कि प्रधानमंत्री मुसाफिरखाना से पारा मार्ग तक 4 करोड़ 60 लाख 66 हजार रुपए की अनुमानित लागत से 5.560 किमी सड़क का 2016 में निर्माण हुआ था। तीन साल से कम समय में ही सड़क पर जगह-जगह गड्ढे चुके हैं। मुसीबत बनी इस सड़क पर दर्जन लोग चोटिल भी चुके है। आज मार्ग की स्थिति यह है कि जगह-जगह जानलेवा गढ्डे हो गए हैं। इन्हीं गड्ढों में फंसकर आए दिन कोई न कोई दो पहिया वाहन फंसकर गिरता है। जबकि सड़क की गारंटी अवधि भी नहीं पूरी हुई है, इसके बावजूद सुध लेने वाला कोई नहीं है। यही हाल क्षेत्र के थोरी संपर्क मार्ग का भी है। 7 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर दर्जनों गांवों के लोगों का आवागमन होता है। ग्रामीणों की मांग पर सड़क का निर्माण भी कार्यदायी संस्था द्वारा कराया गया लेकिन यह भी मार्ग अब लोगों के लिए दुखदायी साबित हो रहा है। 

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