दमोह। यह इंसानियत की सबसे बड़ी मिसाल है। 50 वर्ष की उम्र में अपनों से जुदा हुई बेबस हिन्दू महिला को मुस्लिम परिवार ने शरण दी। फिर यह इन्हीं की होकर रह गई। जिंदगी के 40 साल यही गुजारे। पूरा गांव इन्हें मौसी कहता है। कोई नहीं जानता कि ये कहां की हैं, मगर गूगल की छोटी सी मदद और सोशल मीडिया मुहिम ने पूरी कहानी में नया मोड़ ला दिया। 90 साल की उम्र में महिला से अपनों से मिला दिया।
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