कोरोना की महामारी में सबसे अचूक हथियार सोशल डिस्टेंसिंग को माना जाता है और बाहर से आये लोगों को इस कारण क्वारनटाईन भी किया जा रहा है जिससे उनसे किसी को संक्रमण फैलने न पाए मगर बाराबंकी में जो दिखाई दिया वह एक खतरे की घण्टी की तरह है । यहाँ बाहर से आये मजदूरों के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए थे और हर मजदूर को उसके गन्तव्य तक पहुंचाने के लिए बसों का भी खासा इंतज़ाम भी किया है । मजदूरों को किसी से न मिलने देने के लिए पूरी एहतियात बरती जा रही है । इन सबके बावजूद कुछ मजदूर स्टेशन की दूसरी तरफ निकल कर कस्बे में बिक रहे खीरे को खरीदते दिखाई दिए । मजदूरों का इस प्रकार खुला घूमना आने वाले बड़े खतरे की आहट की रूप में समझा जा सकता है ।
Be the first to comment