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  • 6 years ago
महज 21 साल की उम्र में देश के लिए सर्वोच्च बलिदान हासिल करने वाले अमित कोरी वर्ष 2017 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे, शहीद के पिता सोहनपाल कोरी बताते हैं कि सेना में भर्ती होने से पहले अमित रोज सुबह उठकर उनके चरण छुआ करते थे, लेकिन अब वें शहीद बेटे की आरती के साथ अपनी दिनचर्या शुरू करते हैं। पित ने बताया कि बेटे के कारण लोग उनके घर को मंदिर की तरह पूजते हैं। सड़क से गुजरने वाले लोग यहां माथा टेककर ही आगे बढ़ते हैं।

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