महाराष्ट्र के अष्ट विनायक मंदिरों को स्वयं-भू गणपति माने जाते हैं। स्वयं-भू का अर्थ है खुद ही स्थापित हुआ। इसका सीधा अर्थ है कि ये आठ गणपति प्रतिमाएं स्वयं ही इस क्षेत्र में प्रकट हुईं। महाराष्ट्र में लक्ष्मी और गणपति की आराधना का स्थान माना जाता है। गणेशोत्सव में इन अष्टविनायक मंदिरों के दर्शन का महत्व है। यहां की कथाएं पौराणिक हैं और भगवान गणेश के विभिन्न रुपों से जुड़ी हैं।
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