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  • 6 years ago
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग सम्मेलन (एससीओ) में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार को किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक पहुंच गए। समिट में मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता में शामिल होंगे। समिट में पाक प्रधानमंत्री इमरान खान भी शामिल होंगे। हालांकि, मोदी और इमरान की मुलाकात नहीं होगी। इमरान पहले ही मोदी को पत्र लिखकर बातचीत की मांग कर चुके हैं।  

 

प्रधानमंत्री ओमान, ईरान और मध्य एशिया के रास्ते बिश्केक पहुंचे हैं। एक दिन पहले ही विदेश मंत्रालय ने साफ किया था कि किर्गिस्तान जाने के लिए मोदी पाक का रास्ता नहीं अपनाएंगे। 

 

वैश्विक सुरक्षा और आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर रहेगा जोर: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा था कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में वैश्विक सुरक्षा स्थिति और आर्थिक सहयोग पर मुख्य जोर रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि किर्गिस्तान की उनकी यात्रा एससीओ के सदस्य देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करेगी। मोदी एससीओ सम्मेलन के बाद किर्गिस्तान के राष्ट्रपति के आमंत्रण पर 14 तारीख को वहां की आधिकारिक द्विपक्षीय यात्रा पर रहेंगे। 

 

मोदी ने कहा कि हाल ही में भारत-किर्गिस्तान के बीच रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और निवेश सहित कई द्विपक्षीय क्षेत्रों में समझौते हुए। इससे दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत हुए। मोदी यहां किर्गिज राष्ट्रपति जीनबेकोव के साथ भारत-किर्गिज बिजनेस फोरम को भी संबोधित करेंगे। 

 

2001 में बना था शंघाई सहयोग संगठन

एससीओ एक राजनीतिक और सुरक्षा समूह है। इसका हेडक्वार्टर बीजिंग में है। यह 2001 में बनाया गया था। चीन, रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान इसके स्थाई सदस्य हैं। यह संगठन खासतौर पर सदस्य देशों के बीच सैन्य और आर्थिक सहयोग के लिए बनाया गया है। इसमें खुफिया जानकारियों को साझा करना और मध्य एशिया में आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाना शामिल है। भारत और पाकिस्तान इस संगठन से 2017 स्थाई सदस्य के तौर पर जुड़े थे।

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