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  • 10/29/2016
जम्मू-कश्मीर के तंगधार में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए 24 वर्षीय जवान संदीप सिंह रावत का पार्थिव शरीर आज देहरादून पहुंचा। एयरपोर्ट से सेना के ट्रक में शहीद को उनके घर तक ले जाया गया। हर बार फौजी जब घर लौटता है तो पूरे गांव-मौहल्ले को पता चलता है, हर रास्ते वो लोगों को राम-राम करता जाता है। संदीप के घर लौटने का पता इस बार भी चला लेकिन वो कैसे लौटा ये आप खुद लें। दीवाली पर लोग अपने-अपने घर आते है, लेकिन भारत मां ये लाल ऐसे घर लौटेगा इसका किस को पता था। घर के करीब सेना के जवान अपने साथी को कांधे पर उठाए घर तक लाए तो अपने लाल को बक्से में बंद देख मां का कलेजा फट गया। ये मां रो-रो कर अपने बेटे को बुला रही है। ताबूत के खुलते ही मां उसके चेहरे को सहला रही है कि कहीं उसका बेटा उठा जाए और उसके पांव छू लें। लेकिन संदीप ने जिस काम के लिए भारत मां की धरती पर जन्म लिया था वो पूरा हो गया है, शायद अपनी मां से ज्यादा संदीप को भारत मां का कर्ज चुकाना था जिसे दुश्मनों के मंसूबों को नकाम कर अपनी शहादत से उसने पूरा किया।

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