पिछले साल 17 दिसंबर के दिन की शुरुआत हुई एक बेहद बुरी खबर से.
देश की राजधानी दिल्ली में चलती बस में एक 23 साल की लड़की से रेप हुआ. हैवानियत का तांडव ऐसा था की उसकी आँतें तक निकल ली.
उसे दर्द को पूरे देश ने समझा और एक साथ उसके दोषियों के खिलाफ सड़क पर उतरा. इस प्रदर्शन की आवाज़ देश की हुक्मरानों तक भी पहुचि और नये क़ानून भी बने.
लेकिन अब एक साल बाद कई ऐसे सवाल है जो हमे और आपको खोजने पड़ेंगे. सवाल है की इस एक साल में क्या कुछ बदला है. क्या देश की बेटी दामिनी की कुर्बानी किसी काम आ पाई?