कैंपा-कोला कंपाउंड में 96 फ्लैट्स अवैध रुप से बनाए गए थे. बीएमसी ने बिल्डरों को सिर्फ पांच मंजिल तक बनाने की इजाजत थी लेकिन बिल्डरों ने नियमों का उल्लंघन किया गया.
इससे पहले 12 अक्टूबर को मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने कैंपा कोला कंपाउंड का निर्माण करने वाले बिल्डर के खिलाफ जांच कर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. इस साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कैंपा-कोला कंपाउंड के सभी अवैध फ्लैट्स को तोड़ने का आदेश दिया था.
अब इन्ही घरों को नगरपालिका के हथोड़ों से बचाने के लिए लोग सड़कों पर उतर आए। अब सवाल ये उठता है कि इन अवैध फ्लैट्स का जिम्मेदार कौन है वो लोग जो इन फलैट्स में रहते है या फिर वो बिल्डर जिसने ये फलैट्स बनाएं है?