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  • 3 weeks ago

ملکہ ترنم نور جہاں نے کلامِ اقبال پشتو میں گایا تھا..یقین نہیں آتا تو سن لیں 💫
ہر لحظہ ہے مومن کی نئی ان نئی شان
نظم: مرد مسلماں (ضرب کلیم)
آواز: ملکہ ترنم نور جہاں
ترجمہ: پروفیسر سید افضل رضا، مشہور پشتو شاعر، ادیب وڈرامہ نگار
Transcript
00:00मुमिन लरी हर दम
00:07मुमिन लरी हर दम पहर कतां के नवेशान
00:18पपुडों के पवैना के दलील सल्विद दुग्वान
00:23मुमिन लरी हर दम
00:30जब रूतों कुदूसियों कहारियों अपारि
00:53जब रूतों कुदूसियों कहारियों अपारियों
01:07तल और सीज़त जोशीते जोडेंगी मुमिन लरी हर दम
01:16जब रूतों के जोड़ेंगारियों कि जोड़ेंगे मुमिन लरी हर दोड़ेंगी मुमिन लरी हर दिर्ट
01:20लोगार ओन्जों शवे हमसाया निप्री
01:50लोगार ओन्जों शवे हमसाया निप्री
01:59बतन देखो ना देखो खारा ना बदर अपना मूमिन लरी हर्दम
02:20लोगार ओन्जों शवे हमसाया ना बदर अपना मूमिन लोगार ना बदर अपना मूमिन
02:29लोगार ओन्जों शवे हमसाया ना बदर अपना मूमिन
02:41जिस्तों शवे हमसाया ना बदर अपना मूमिन
02:49शवे हमसाया ना बदर अपना मूमिन लरी हर्दम
02:57जिस्तों शवे हमसाया ना बदर अपना मूमिन
03:17जिस्तों शवे हमसाया ना बदर अपना मूमिन
03:21जदहुमा
03:31जभदाएं टेस्तों शवे हर्दे जदहुमा
03:39दुनिया हो आकिरत बदवार अपना मूमिन
03:49मौमिन लरी हर दम
03:51यख्टी की प्रेजगे तरी दी कुल हागा सबना
04:19मौमिन लरी हर दम
04:47मौमिन लरी हर दम पहर दम के नवेशान
04:57पकुडों के पवैना के दलील सलीद सुभान
05:02मौमिन लरी हर दम
05:05मौमिन लरी हर दम
05:07मौमिन लरी हर दम
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