00:00आपको ये बताते ही कि पहली बार इतिहास में ऐसा हुआ है जब अमेरिकी सेना ने धर्म के आधार पर किसी देश पर हमला किया है।
00:08इस देश का नाम है नाइजीरिया और राश्रुपती डॉनल्ड ट्रम्प का कहना है कि नाइजीरिया में इसलामिक कट्टरपंथी और आइसिस के आतंकवादी इसाई धर्म के लोगों को निशाना बना रहे थे जिसकी वज़े से अमेरिका ने नाइजीरिया पर ये ऐस्ट्र
00:38बचाने के लिए क्या करना चाहिए लेकिन उससे पहले आपको ये बताते हैं कि नाइजीरिया में ऐसा क्या हो रहा था जिसकी वज़े से अमेरिका ने उस पर ये ऐस्ट्राइक की
00:47नाइजीरिया पश्चिमी अफ्रीका के बड़े देशों में से एक है अगर आप नाइजीरिया के इस नक्षे को देखेंगे तो वो मुख्य रूप से दो हिस्सों में बटा है उत्तर के इलागों में मुस्लिम आबादी रहती है दक्षन के इलागों में ईसाई धर्म के लो
01:17कि उसने भी ये ऐस्ट्राइक उत्री नाइजीरिया के सोकोतो राज्य में की है
01:22सोकोतो वही राज्य है जिसकी सीमा पडोसी देश नाइजर से लगती है
01:28इस देश का नाम हम आपको इसलिए बता रहे हैं क्योंकि पहले आतंकवादी संगठन आइसिस इसी इलाके में सक्रिय था
01:35लेकिन बाद में उसका विस्तार नाइजीरिया तक हो गया
01:38आज नाइजीरिया में आइसिस को इसलामिक स्टेट वेस्ट आफरिका प्रोविंस कहा जाता है
01:43जो इसाईयों की टागेट किलिंग करता है
01:45रश्ट्रपती टरंप का कहना है क्योंकि सेना ने सातंकवादी संगठन के दो ठिकानों पर हमले किये है
01:51यह हमला युनाइटेट स्टेट्स आफरिका कमार्ड ने किया है
01:56जो पूरे अफरीका में अमेरिकी सेन्य गतिदियों को समालता है
02:00और अब तक ऐसी जानकारी है कि यह हमला गिनी की खाडी से हुआ
02:05जहां एक युद्वपोट से 12 से ज्यादा मिसाइले नाइजीरिया के आतंकवादी ठिकानों पर दागी गए
02:11इस हमले के बाद राश्रुपती ट्रंप ने जो बातें कहीं है वो बहुत महद्वपूर है
02:18उन्होंने आइसिस के आतंकवादियों को कूरा बताया है
02:21ये भी कहा है कि ये आतंकवादी निर्दोश इसाईयों की चुन-चुन कर हत्या कर रहे थे
02:25नाइजीरिया में इसाईयों पर ऐसी बरबरता और चूरता हो रही थी जो पिछली कई सदियों से नहीं देखी गई
02:31उन्होंने अमेरिका के रक्षा मंत्राले को Department of War भी बताया है
02:35और ये भी कहा कि जब तक वो अमेरिका के राश्चुपती हैं तब तक कट्टर पंती इस्लामिक आतंकवाद को पनपने नहीं दिया जाएगा
02:43इसके अलावा अमेरिका की रक्षा मंत्री Pete Hegsett ने कहा है कि ये एस्ट्राइक नाइजीरिया सरकार की सहमती से हुई है
02:52और नाइजीरिया ने भी कहा है कि वो अमेरिका की इस मदद के लिए उसका स्वागत करता है
02:57अब ये बात बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए क्योंकि जब नाइजीरिया की सरकार को ये लगा कि वो आतंकवादियों को रोकने में कामयाब नहीं हो रही है तब उसने अमेरिका की मदद ले और अमेरिका ने भी नाइजीरिया के इसाईयों को बचाने के लिए क्रिसमस की �
03:27पाकिस्तान को छोड़िये क्या बंगलादेश अपने अलपसंख्यक हिंदूओं को बचाने के लिए ऐसी कोई पहल करेगा और क्या अमेरिका को बंगलादेश के अलपसंख्यक हिंदूओं की उतनी चिंता होगी जितनी उसे नाइजीरिया के इसाईयों की है
03:40हकीकत तो ये है कि आज बंगलादेश उसी राह पर चल रहा है जिस राह पर आगे बढ़ते हुए नाइजीरिया का ये हाल हुआ है
03:48स्प्रिंगा नेचर में प्रकाशित हुए एक रीसर्च पेपर के अनुसार सिर्फ 35 साल पहले नाइजीरिया में मुसल्मानों की आबादी 25 प्रतिशत थी और इसाईयों की आबादी 60 प्रतिशत लेकिन आज ये स्थिती पूरी तरीके से बदल गई है
04:05आज नाइजीरिया में 50 प्रतिशत आबादी इसाईयों की है और 50 प्रतिशत आबादी मुसल्मानों की है और इन दोनों धर्मों में नाइजीरिया उत्तर और दक्षण में पूरी तरह से बंट चुका है
04:16बड़ी बात ये है कि अब दक्षण के इलाकों में भी मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है और इसके पीछे आतंकवादियों की कुरूरता है
04:25अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के नेता राइली मूर के अनुसार अकेले साल 2025 में 7000 इसाईयों की हत्या हुई
04:34इसका मतलब ये हुआ कि नाइजीरिया में हर दिन उस्तन 35 इसाईयों को मारा जा रहा था
04:40ओपन डोर्स की एक और रिपोर्ट ये बताती है कि 2009 से अब तक 50,000 से ज्यादा इसाई मारे जा चुके हैं
04:49और इस दोरान 19,000 से ज्यादा चर्चिस पर हमले हुए हैं
04:53आज जिस तरह बांगलदेश में अल्प संख्यक हिंदूओं के खिलाफ कट्टरपंथी ताकतों को बढ़ावा दिया जा रहा है
04:59वैसा ही एक जमाने में नाइजीरिया में हुआ था
05:02नाइजीरिया में जब इसाई बहु संख्यक थे तब कट्टरपंथी मुहम्मद यूसुप ने बोको हरम की शुरुआत की थी
05:11यहां बोको हरम का मतलब था पश्चिमी शिक्षा और संस्कृती को इसलाम के खिलाफ बता कर उसका विरोध करना
05:17शुरुआत में बोको हरम को किसी नेगंभीरता से नहीं लिया
05:23माफ कीजेगा 2005 में नाइजीरिया में 7000 इसाईयों की हत्या हुई थी और उस हिसाब से वो गणना हमने आपको बताई
05:35अब हम बोको हरम की बात आपको बता रहे हैं बोको हरम के कटर पंतियों ने मस्जिद और मदर्सों के नाम पर इसाईयों को निशाना बनाया
05:45उनके खिलाफ नफरत भड़काई तब बोको हरम की इन गतिविदियों को नजर अंदाज किया गया
05:50सरकार को यही लगता था कि बोको हरम का उदेश इसलामिक रीती रिवाजों को बढ़ावा देना
05:55जब कि हकीकत में बोको हरम इसलामिक कटरवाद के लिए एक नई जमीन तैयार कर रहा था
06:012009 में जब बोको हरम और नाइजीरिया की सेना के बीच खुनी संघर्ष हुए
06:07और इनमें कई लोगों की जाने गई तब नाइजीरिया की सरकार ने बोको हरम को एक आतंकवादी संगठन माना
06:13हाला कि तब तक बहुत देर हो चुकी थी
06:15बोको हरम इतना ताकतवर हो गया था कि उसने न सिर्फ उत्तर पूर्वी नाइजीरिया के कई इलाकों पर कबजा किया
06:22बलकि धीरे धीरे इसाईयों का सफाया करना शुरू कर दिया
06:26इसके अलावा नाइजीरिया में जब आइसिस का प्रवेश हुआ
06:29तब बोको हरम से अलग हुए आतंकवादियों नहीं उसका साथ दिया
06:33और सोचिए आज बंगलदेश में भी तो यही हो रहा है
06:36आज बंगलदेश में जमाते इसलामी की कटरपंथी गत्विदियों को उसी तरह नजर अंदाज किया जा रहा है
06:42जिस तरह नाइजीरिया में बोको हरम के साथ हुआ था
06:46और हमें लगता है कि बंगलदेश की मौझूदा सरकार भी इसी गलती को दोहरा रही है
06:50हालकि यहां हम इस बात को भी जोड़ना चाहते हैं कि बंगलदेश में सिर्फ इसाईयों पर जल्म नहीं हो रहे
06:57इस्लामिक कटरवाद के कारण मुसल्मानों को भी इसकी कीमत चुकानी पड़ रही
07:02आतंगवादियों के कारण निर्दोष मुसल्मान भी इस संघर्ष में निशाना बन्ते हैं
07:10यह आरोप लगता है कि वो मुसल्मानों के खिलाफ धार्मिक हिंसा कर रहे है
07:14नाइजीरिया में अमेरिका के हमले के बाद दो बड़े सवाल है
07:18पहला सवाल ये है ये अगर अमेरिका खुद को धन निर्पेक्षता का सबसे बड़ा चैंपियन मानता है
07:23तो फिर ऐसा क्यूं है कि नाइजीरिया में इसाईयों को बचाने के लिए वो मिसाईले भेजता है
07:29और बांगलदेश में जहां हिंदूओं पर जुल्म हो रहा है उसे बांगलदेश को वो साड़े पांट सो करोड रुपे की आर्थिक मदद देता है
07:37दूसरा सवाल ये है कि अगर राश्रुपती ट्रम्प इसलामिक आतंगवाद के खिलाफ है और इसके लिए वो नाइजीरिया में आइसिस के ठिकानों पर एस्ट्राइक करवाते हैं
07:48तो इसी दोरान वो पाकिस्तान को इतनी एहमियत क्यों देते हैं जबकि सब जानते हैं पाकिस्तान से बड़ा आतंग परस देश इस दुनिया में कोई नहीं है
07:559-11 का हमला करने वाला उसामा बिन लादन खुद पाकिस्तान के आबटाबाद में मारा गया था
08:01और आइसिस भी लादन के अलक काईदा से ही अलग होकर बना था लेकिन पाकिस्तान पर राश्रुपती डॉनल्ड ट्रम महरबान रहते हैं
08:10सवाल यही है कि अगर आतंकवाद बुरा है तो इसके खिलाफ अमेरिका की प्रतिक्रिया पीड़तों के धर्म के आधार पर क्यूं तै होती है
08:17और पाकिस्तान के मामले में राश्रुपती ट्रम इस्लामिक आतंकवाद पर चिंता क्यूं नहीं जताते हैं
08:23तीसरा सवाल यह है कि क्या अमेरिका की तरह भारत भी बांगलादेश के हिंदूओं को बचाने के लिए कोई कदम उठा सकता है
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