नई दिल्ली : साल 2025 की शुरूआत में ही तीर्थ नगरी प्रयागराज में भव्य और दिव्य महाकुंभ का आयोजन हुआ। ये आयोजन जितना बड़ा था, उतना ही अव्यवस्थाओं से भी भरा था। 13 जनवरी को शुरू हुए महाकुंभ पर तब धब्बा लग गया जब 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के पर्व पर अचानक बहुत भीड़ मेला क्षेत्र में पहुंच गई और वहां भगदड़ मच गई। सरकार ने इस भगदड़ में 30 लोगों की मौत की बात कही, जबकि वास्तविकता में श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा इससे ज्यादा बताया गया था।
00:00दो हाजार पचीस की शुरुवात बहुत ही शुब और शामदार हुई संगमनगरी प्रयागराज में 13 जन्वरी से भाव्य और दिव्य महाकूंब का आयोजन शुरू हुआ
00:15144 सालों बाद हुए इस महा आयोजन ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्शित किया महाकूं में 66 करोड से अधिक लोगों ने स्नान कर पुर्णियफल प्राप्त किया
00:27जहां एक तरफ ये आयोजन दुनिया भर के लोगों के लिए आकर्शित का केंद्र बना हुआ था और लगातार सुर्खियां बटो रहा था
00:40वहीं इस आयोजन में कुछ घटना है या कुछ चीजें ऐसी भी थी जिनके कारण योगी सरकार की असफलता भी साफ तोर पर दिखाई दी
00:4929 जन्वरी को मौनी अमावस्या के दिन महाकूं में जो हुआ वो इस आयोजन पर लगा सबसे बड़ा धबा है
00:56इस दिन संगम में सनान के लिए भारी संख्या में लोग जुटे थे लेकिन सुरक्षा और भीड नियंदरड की उचित व्यवस्था ना होने के कारण भागदड मच गई और इसमें भारी संख्या में लोगों की मौत हो गई
01:09सरकार ने बताया कि इस भागदड में 30 लोगों की मौत हुई जबकि इस थाने लोगों के मताबिक इस भागदड में सरकारी आकड़ों से ज्यादा लोगों की मौत हुई है
01:19आस्था का महासंदम कहे जाने वाले महाकुम में संसाधनों का कूप रबंधन भी साफ तोर पर देखा गया
01:26हजारों करोडों रुपे के भारे बजट के बावजूद यात्रियों की मैपिंग या बारकोड पास जैसी स्मार्ट तक्निकों का उप्योग नहीं किया गया
01:36साल अव्यवस्था अव्यवस्थित भीड प्रबंधन और प्रशासनिक तैयारियों की कमी साफ नुजराई लाखोश रधालों जब संगम पहुच रहे थे तब ना तो पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम थे और ना ही प्रभावी भीड नियंतरन की व्यवस्था इसका नतीजा
02:06ने उनके दावों की पोल खोल दी इस आयोजन के दोरान वी आईपी लोगों को जो स्पेशल ट्रीक्मेंट दिया गया और आम जन्ता को उनके हाल पर छोड़ दिया गया ये बताता है कि राज्य सरकार के लिए आम जन्ता की जान की कोई कीमत नहीं है
02:21महा कुम के आयोजन में सियम योगी आतितनात की असफलता ने कई सवाल खड़े किये
02:32लोगों की मौद से ये सवाल भी खड़ा हुआ कि क्या सिर्फ प्रचार और इविंट मैनेजमेंट विशाल आयोजनों के लिए पर्याप्त है या जमीनी तयारी और जवाब देही भी उतनी ही आवश्यक है
02:44इसके साथ ही महा कुम्ब में हुए हाथसे से ये भी साफ हो गया कि कुम्ब में पहले हुए हाथसे से भी राजसरकार ने कोई सीख नहीं लिया
Be the first to comment