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अरावली संकट को लेकर बीएचयू के Dr. Sayandeep Banerjee के द्वारा जानकारी साझा की गई। उन्होंने बताया कि इस दीवार रूपी पर्वत को नुकसान पहुंचाना भविष्य में किस तरह से हमारे लिए बड़ी परेशानी का कारण हो सकता है। इसी के साथ उन्होंने यह भी चिंता जताई की अगर इसे नुकसान होता है तो भविष्य में हरियाली को जो इस पर्वत के दूसरी ओर है उसे रेगिस्तान बनने में समय नहीं लगेगा।
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00:00झाल झाल
00:30झाल झाल
01:00झाल
01:30आरावली एक ढाई सो करोर साल पुराना एक पोल थ्रस्ट बेल्ट है
01:43जैसे कि हम लोग आजकल हिमाले को देख रहे हैं हिमाले भी एक कोल थ्रस्ट बेल्ट है लेकिन वो सिर्फ आप कह सकते हैं कि 60 मिलियन एर्स सिर्फ है लेकिन अगर आप
02:02मत गौर करेंगे कि अरावली भी एक फॉल्ड रजट बिल्ट है हिमाले की तरह लेकिन वह हिमाले से चार गुना या आप कह सकते हмux 5 गुना जाधा पुराना है
02:13मतलब जितना हिमाले को हम देख रहें अगर हिमाले का analyzing foundation जब start हुआ था
02:22वो पचास से साथ मिलियन येर्स के भीच लोग कहते हैं कि 55-55 मिलियन येर्स के आसपास हमारा हिमाले बनना start खूआ था
02:30लेकिन अगर आप अरावली की बात करें तो वो 200 करोड नहीं रादर उससे भी पुराना अरावली का एज मिलता है कि उस टाइम पे अरावली परवत माला बनना स्टार्ट हुआ था
02:44अरावली परवत माला भी हिमाले की तरह ही इतना ही बरा और इतना ही सुंदर एक परवत माला था लेकिन जो मैं बार-बार कहा रहाँ कि 200 करोड साल की एरोशन के कारन बरसात हो,
03:00land erosion जो पानी से हो सकता है जो आप कह सकते हैं कि wind या मतलब directly हवा से हो सकता है धीरे धीरे 500 करोर साल की erosion के कारण वो अब छोटा हो गया है लेकिन इतना छोटा नहीं कि लेंट अगर आप कहें कि लेंट अरावली का लगमक 800 किलोमेटर के आसपास है जो गुजरात के northern part मतलब आ�
03:30दिल्ली के आसपास या मतहरियाना तक यह पूरा रेन जाती है उसमें कुछ-कुछ जगह इसका जो हाइट है जैसे माउंट अबूद जो हाइस पीक है अरावली में वो लगभग 1723 या 1724 मीटर के आसपास है तो वो हाइस पीक है अरावली का लेकिन और भी अरावली के बह�
04:00दिल्ली के से कम भी है यह 100 मिटर से कम है कुछ-कुछ है 80 मिटर के आसपास कुछ-कुछ है 90 मिटर के आसपास तो इस रेकिकम के परवत माले हमारे देश में होना हमारे लिए بह। मैं कहुंगा कि हमुए भगय शाली हैं इसलिए
04:17क्योंकि अरावली की अगर बात करें तो अरावली एक दिवार की तरीके से काम करता है और एक दिवार की तरीके से हमको बचाता है from the third desert जो third desert जो है जो जेगिस्तान है इंडिया के western part में आप चाहे तो मतलब अगर बात करें location की तो जैसलमील और जैसलमीड के आगे western part में जो third
04:47और फैल सकता था अगर बीच में अरावली जैसा दीवार नहीं रहता
04:52यह दीवार हो सकता है कहीं कहीं अब छोटे हैं हिमाले जैसे उचे नहीं है
04:56the main reason जो मैं बार-बार कहा रहा हूँ कि it's simply it's older than हिमाले है
05:03इसलिए वो अभी छोटा दिख रहा है ऐसा जरूरी नहीं कि वो छोटा था ठीक है
05:08तो यह दिवार रहनी चाहिए मेरे हिसाब से और यह दिवार सिर्फ आपके local forest हो
05:17या local lively loot के लिए हो उसके लिए जरूरी नहीं है यह दिवार इसलिए भी जरूरी है
05:23क्योंकि इसी दिवार पे अगर आप देखेंगे उपर से एक तरफ आपका रिगिस्तान फैला हुआ है
05:30दूसरी तरफ आपकी हरियाली फैली हुई है
05:32तो अगर यह दिवार नहीं रहेगा यह हरियाली एक दिन रिगिस्तान में ही बदलने वाला है
05:38सर कहा जा रहा है कि अरावली के जो पास है जो पहाड़े हैं उसके नीचे बहुत से ऐसे पदार्थ हैं
05:45जो मानों के लिए बहुत खाजेवंदे से कापर हो गया जल सुरोत के कारण हो गया खनीच पदार्थ हो गया क्या है सर उसके अंदर भी
05:51देखी अरावली में ही नहीं पूरे अगर हम पूरे देश की बात करें देश के मतलब डिफरेंट इलाकों में डिफरेंट पधात पाय जाते हैं उसमें से अगर अरावली की हम लोग बात करें देन वहां पे कॉपर पाया जाता है जिंग पाया जाता है लेट पाया जाता है ज
06:21चाहे EV बाइक हो चाहे EV गारिया हो तो इसमें भी लेट बैटरी आपकी यूज होने लगे हैं और इसको चोड़ के कहीं कहीं सिल्वर भी मिलता है यह मतलब चांदी भी मिलती है बट यह आपको सोचना बहुत जरूरी है कि दोनों आस्पेक्स से मैं इसको देखना चाहूंगा
06:51सकता है मैं इसको लेके दो ही बात करना चाहूंगा कि अरावली के नीचे अगर हमारे पदार्थ है जैसे मैंने कहा कि कॉपर है जिंक है चांदी है अगर इस टाइप के पदार्थ है इसको निकाल अलके हम लोग दो चीज़ कर सकते हैं या तो इसको निकाल के हम लोग कहीं �
07:21जैसे जरूरी है मैं मानता हूँ कि future development के लिए हम लोग क्यों की achieve करना चाह रहे हैं कि हम लोग हमारे माननीय प्रधानमंती जी बोलते रहते हैं कि हमको अब विक्रसित भारत तक पहुचना है 2047 तक तो विक्रसित भारत बनने के लिए हमको definitely energy self-reliant होना परेगा
07:45कि हमको बाहर से energy ना खरीदना परे हमको बाहर से energy ना लाना परे हम अपने में ही energy develop कर सके और अपने से ही हम अपने आपको विक्रसित कर सके तो उस energy के लिए पदार तो definitely ज़रूरी है लेकिन ये भी हम लोग को सोचना परेगा कि पदार जो हम लोग निकालना चाह रहे हैं at what cost
08:15हम उससे एरोप्लेन बना सकते हैं, हम उससे सैटलाइट बना सकते हैं,
08:18हम उससे घर के सामन भी बना सकते हैं,
08:21लेकिन वो जो मैं कहेरा था, कि अरावली एक दिवार की तरह बैठा है,
08:27एक तरह हरियाली है, एक तरह रेगिस्तान है,
08:30अगर इस दिवार को आप सिर्फ copper zinc की अचाद्निंग के लिए अगर आप complete हटा दे दिन उसके बाद जो desertification होगा जो हरियाली धिरे धिरे घरती रहेगी desert बढ़ता रहेगा उसके कारण उस area या उस region के लोगों को जो हानी पहुचेगी वो हम कभी ठीक नहीं कर पाएंगे
08:52तो किसी एक जगा को बहतर करने के लिए किसी दूसरे जगा को बरबाद कर देना ये हम लोगों को बार बार सोचना चाहिए कि ये सच में ये करना कितना अच्छा होगा
09:05और सिर्फ ये बात हम इंसानों की नहीं है, ये बात है हम इंसान छोड के और भी इतने सारे जो species हैं, इतने सारे जिवजन्तु हैं, पौधे हैं, बहुत medicinal plants भी पाय जाते हैं अरावली में, तो अगर हम लोग ये सारे plants, ये सारे जिवजन्तु हम लोग हटा दे रहे हैं, तो �
09:35एक तरफ तरीके से कहा जाए तो इस लालच में कि बायो डाइवेट सीटी रहे ना रहे हमको पदार्थ मिलनी चाहिए
09:45इस लालच में हम एक तरीके से हमारा फ्यूचर हम लोग खतम करते जा रहा है
10:05प्राइवेट से कहब स काुझस लाएवेट से हमारा फ्यूचर हम एक तरीके से हमारा फ्यूचर हम लोग उस लाएवेट
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