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  • 10 hours ago
Aravalli विवाद: खनन, नई परिभाषा और सरकार के सामने बड़े सवाल

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00:00अरावली परवतमाला को लेकर सरकार के सामने कई जटिल सवाल और चुनोतियां खड़ी हैं
00:04नई परिभाशा और खनन नियमों को लेकर परियावरन एक्टिविस्ट, वैग्यानिक और कोड सभी अपनी अपनी चिंताएं जटा रहे हैं
00:09सबसे बड़ा सवाल ये है कि अरावली की सही सीमा क्या हो, उंचाई कैसे मापी जाए और कितना इलाका बफर या एको सेंसिटिव जौन में रखा जाए
00:16परियावरन मंत्री भुपेंद्र यादव ने सफाई देते हुए कहा है कि जब तक वैग्यानिक अध्यान पूरा नहीं हो जाता, तब तक कोई नई खनन लीज नहीं दी जाएगी
00:23उनका दावा है कि एक दशमलव 4-4 लाख वर्ग किलोमीटर अरावली क्षेतर में सिर्फ 0 दशमलव एक 9 प्रतिशत हिस्सा ही खनन योग गया है
00:30और वो भी विशेश परिस्थितियों में, हालांकि अवैद खनन रोकने और कितनी पहाडियां सुरक्षित रहेंगी इस पर सपष्ट जवाब नहीं मिल पाया
00:37ये विवाद करीब 35 साल पुराना है
00:38सुप्रीम कोर्ट पहले ही कई इलाकों में खनन पर रोक लगा चुका है और CEC की सिफारिशों को लागू करने के निर्देश दिये हैं
00:44एक्सपर्ट का मानना है कि उंचाई समुद्र तल से मापी जानी चाहिए और 30 मीटर से उपर खनन पूरी तरह प्रतिबंधित होना चाहिए
00:50अरावली को बचाने के लिए वैग्यानिक मैपिंग, सख्त निगरानी और एक समान नीती की जरूरत है ताकि विकास और पर्यावरन संरक्षन के बीच संतुलन बन सके
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