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  • 15 hours ago
नाव नाही, ओळख नाही, नातेवाईक नाहीत, अशा बेवारस मृतदेहांचा शेवट कसा होणार? हा प्रश्न कायम राहतो. अशावेळी पुढं येतात समाजसेवक इक्बाल ममदानी.

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00:00देखे, COVID के अंदर जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा था न तो सबसे बड़ी समस्या थी कि जो डेथ होगी उसका अंतिम संसकार कौन करेगा?
00:06जो महनगर पलिका ने और सरकार ने जियार निकाला था वो यह था कि सारे ही बॉडिस को क्रिमेट करना चाहिए लेकिन उसके बाद एक मुस्लिम बॉडिय आई जिसको लेकर काफी हंगामा हुआ जियार को चेंज किया गया और बरियल और क्रिमेशन की परमिशन दी गई तो ल
00:36के अंदर हमने पलिस और डॉक्टर्स के साथ मिलके तकरीबं धाई से तीन हजार बॉडिस का अंतिम संसकार परिवार के लोगों का करवाया था और उसके बाद में हमको समझ में आया कि कुछ आईसी डेड बॉडिस है जिसको कोई देख नहीं रहा है तो हमने पूछा तो प
01:06हमने बाचीत की और उन से हमने कहा कि क्यों नहीं मुंबे पुलिस के साथ मिलकर इसका अंतिम संसकार का बिड़ा उठा है इस तरीके से ये काम की शुरुआत हुई आज तकरीबं देड़ सो से सवासो से देड़ सो बॉडिस जो हर मैंने हमारी टीम के पास आती है जिसका मंत
01:3612 लड़कों की टीम मौजूद है तीन एम्बिलिंसेस हमारे पास है जिसको लेकर के कारिया चल रहा है अब तक हमारी टीम ने 8000 से ज़्यदा बॉडिस का अंतिम संसकार करवाया
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