00:00ॐधरादपुर के विश्व प्रसिद्ध केवलादेव राश्य उध्यान में घायल वन्य जीवों के इलाज का तरीका जल्द बदलने वाला है।
00:17अब तक rescue किये गए जानवरों को छोटे पिंजरों में रखा जाता था जिससे उनकी recovery ठीक से नहीं हो पाती। अब वन्य विभाग नई विवस्था बना रहा है जहां प्रकृति खुद इलाज घर बनेगी। घायल मूर, नील गाय, चीतल या पाइथन जैसे जानवरों को उ�
00:47मूर, नील गाय या चीतल के काफी fawns जो injured हो जाते हैं उनको rescue किया जाता है ना सिर्फ गने के अंदर आसपास के पूरे बरतपूर जिले में तो हम यह देखते हैं कि जो rescue हुआ animal है उसके rehabilitation में जब हम cage में रखते हैं तो वो recovery में effect होता था तो इसलिए हम इस बार budget गोशना क
01:17टाइप में भी करवा रहे हैं जिसमें treated जो animals होते हैं उनको उस enclosure में रखकर दो-तीन दिन rehabilitate होने के लिए एक मौका दिया जाएगा ताकि उनका recovery बेटर हो
01:28इस नई योजना में मौझूदा rescue center को upgrade करके soft release enclosure बनाया जा रहा है यहाँ जानवरों को 2-3 दिन तक पेड़ों की छाओं और खुले स्थान में रखा जाएगा ताकि वे तनाव मुक्त होकर खुद को सामानने कर सकें
01:45इस दोरान उनकी निग्रानी भी होगी जिससे उनकी जंगल में सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हो सकें साथी center में operation theater और handling facility भी बन रही है
01:57वन विभाग की ये पहल वन जीवों के बहतर कल्यान के लिए बड़ा कदम है
02:27राज्य सरकार ने 2026 के बजट में केवलादेव के लिए 20 करोड रुपे दिये हैं जिससे ये काम पूरा होगा
02:36जल्द ही ये नई व्यवस्था शुरू हो जाएगी और केवलादेव की जैविविधता को और मजबूती मिलेगी
02:44भरतपुर से ETV भारत के लिए शाम विर सिहीं की रिपोर्ट
Be the first to comment