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  • 18 hours ago
नेपोटिज्म के बीच कैसे बनाई बॉलीवुड में जगह? सुनिए नुसरत का जवाब

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00:00और कौन-कौन से आपके नए प्रोजेक्ट साने वाले हैं, आपके फैंस भी जानना चाह रहे होंगे, कि और किन-किन फिल्मों में जल दे आप दिखने वाले हैं?
00:07एक निरज पांडी जी की फिल्म है, उन्होंने प्रोडूस किया है, फ्राइड फिल्म वर्क्स, वो भी एक मेरे बहुत क्लोस तो हार्ट एक सब्जेक्ट है, विच अगैन बाउट, इस फ्रिल्लर ड्रामा, बट इस मेंली अगर्ल्स एक मुद्दा है, जो आज भी किसी भी ल
00:37एक ऐसे बैक्ग्राउंड से जो फिल्मों से जुड़ा हुआ ना हुआ, और हमारे देश में बहस भी नेपोडिसम पर बहुत जादा चलती है, कैसे आपने जगा बनाई बॉल्लीवूड में, वो उस जर्णी के बारे में आपताया है, प्यार का पंचनामा आपको कैसे मिली
01:07कि हाँ मैं भी यह कर सकता हूँ या कर सकती हूँ, तब मैंने प्यॉर अडिशन दिये थे, मैं उसी पर अपना तैलेंट दिखाती थी, कहीं किसी को पसंद आ गई तो मैं कास्ट हो गई, जैसा कि मैं कहती हूँ वक्त से पहले और वक्त से ज्यादा किसी को नहीं मिलता, उस �
01:37आने का अच्छली बहुत ही जादा कथिन समय होता है, लोग कहते हैं एक फिल्म मिल गई, ब्रेक मिल गया तो हो गया, वैसे नहीं होता है, उसके बाद की जो चॉइसे हैं, और उसके बाद अगर आप एक करियर सस्टेन कर पाते हो, वो अच्छली सबसे बड़ी विन होती है
02:07बाद की जो चॉइसे हैं, बस उतनी इशिद्दत से काम करते हूं कि अगली वाली भी उतनी पसंद आएगी और उसके बाद एक और एक और करूंगी और एक और करूंगी और करती रहूंगी, हमारी शुब गमनाई भी है, अच्छा, कार्ति कार्यन के भी उस फिल्म के बाद
02:37जब हमने स्टार्ट किया था, हम घर बैठ के टीवी पर देखते थे, फिल्मे और अक्टर्स और हम कहते थे हमें कब मिलेगा, हम हमारी शकल कब आएगी वहां, हम इतने सारे अवार्ड फंक्शन्स ऐसे इंटर्व्यूस देखते जहां सोचते थे कि हम कब उस मंच पर पॉ�
03:07बोले ना एक दूसरे के बारे में, बट जो जिन्होंने जर्नी स्टार्ट की होती है ना राजी, वो बहुत स्पेशल होते हैं, तो फॉर मी कार्थिक इस और बीड़ी एल्स, होल पंचनामा टीम इस बेरी क्लोस तो में हार्ट.
03:20आपके घरवालों का सपोर्ट कितना रहा आपको, जब आपने बताया कि आप बॉलिवॉड में जाना चाहरे, फिल्में करना चाहरे हैं, उनका सपोर्ट था?
03:27यार अच्छली उस वक्त ना, मुझे एक्टिंग पढ़नी थी, कोस था, मुझे चाहिए था कि मैं जाके एक्टिंग कोर्स करूँ, तो मुझे घर से ऐसा पोला गया, वो क्या होता है, मतलब, यह सीख के क्या मिलेगा, कुछ ऐसे वोकेशनल कोर्स करो, जहां डिग्री वि�
03:57तो मैंने घर पे बस इतना ही बोला कि फिल्म मिल गई है, छुटियां चल रही थी, समर ब्रेक था, मैंने जस्ट खतम कीती पड़ाई, तो मैंने का छुटियों में और क्या करूंगी, तो इससे बड़रे कुछ काम कर लेती हूं, तो उन्होंने एक फिल्म करने दी, फिर द�
04:27नहीं बोलिये कि यही करना है, बस करते-करते, I think, even my parents and my grandmother and my entire family, I think, we learnt on the field, कि जितना मैं और फिल्म करती रही, उतना वो भी सीखते गया और समझते गया और साथ देते गया, अब जब आप Bollywood के भीतर हैं, आप अंदर की इंडस्ट्री को जानना चाहते हैं, अब हम सब तो
04:57कहां पर है?
05:27अब दे डे सब इंसान ही है, हम गलतियां करते तो हम मान भी लेते हैं, उन से सीखते भी है, जो I think आप भी करते होंगे, आप भी करते होंगे, ऐसा नहीं है कोई गलती है, तो क्या मौका परस्तों की इंडस्ट्री है, कि टांग खीचने वाले भी बहते हैं?
05:39Is the word you're saying, मौका परस्त, yes, of course, why not? मैं भी opportunist हूँ, अगर मुझे एक फिल्म का offer मिला है, जो मुझे करनी है, तो मैं क्यों नहीं अपने आपको वहां जाके बोलू, नहीं मुझे करनी है,
06:09वो responsibly होने चाहिए, अभी वो सिर्फ आप जान सकते हो, या आपकी, आपने जो जिन्दगी में सीखा है, अब अगर मैंने अपनी सीख और अपनी जिन्दगी जो मैंने जी है, उसे मेरे values और मेरी perception और मेरे thought, अगर मेरे लिए सही है, तो वो मेरे लिए सही है.
06:25क्या बहुत शांदार है, बॉलिवूड में हम आजकल जो है, बहुत चर्चा है हो रहे हैं कि प्रॉपगेंडा फिल्में बन रहे हैं, इस पर आपकी क्या रहा है, क्या उन फिल्मों को प्रॉपगेंडा फिल्म कहना सही है, या फिर नहीं?
06:41यार, प्रॉपगेंडा क्या होता है, एक आइडियोलोजी होती है, और फिल्म क्या होती है, इस आट, इवेंचुली, आप एक कहानी कह रहे हो, अब मैं एक अक्टर हूँ, मेरे लिए कहानी सबसे ज़्यादा मैटर करती है, बट एक प्रॉपगेंडा में एक आइडियोलो�
07:11जो उसके correct facts है, या correct चीजे हैं, उसको मदे नजर अजर अखते हुए आप ideology आगे बढ़ाते हैं, तो सही है, अगर वो करते हुए आपने किसी और की ideology को जुटला दिया, या उसमें मिलावट कर दी, या उसमें fakeness डाल दी, जिसमें facts आपने घुमा दिये, तो I think फिर वो गलत
07:41क्यों question, अगर आपको किसी चीज के बारे में नहीं पता है, और एक film के माधियम से आपको वो knowledge मिल रही है, जहां आपकी सोच उस चीज पे शुरू हो जाए, कि यह ऐसा क्यों है, ऐसा क्यों नहीं था, मैंने इसके बारे में पहला क्यों नहीं सोचा, तो I think that is what the power of anything is, आज ह
08:11आप मुझे जुटला रहे हूं, आप समझ रहे हूं, तो यह एक perspective होता है, क्या हमें इस देश में एक perspective रखने का हक है, हाँ है, बड़ जितना हमारा हक है, उतना एक opposing ideology का भी होता है.
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