00:00लेकिन अभी जो इंग्लेंड हाली आटेस्ट देखे ये शिस्वी आप एक फॉर्माट इस वक्त इंडिया के मैं बाणूगा कि सबसे डिपेंडेबल बल्ले बाद हैं वो है टेस्ट क्रिकेट पचास की आवरेज आपकी वन डे में भी है और सांपल साइज थोड़ा चोटा ह
00:30उस तीन महीने का महौल अगर आप लोगों के साथ शेयर कर पाएं क्योंकि शायद वो दो तीन महीने जो थे इंडियन क्रिकेट जो है वो चाहेगी कि वो दो तीन महीने से जो निकाल पाए उसको आगे जाके इस्तिमाल करें
00:43बिल्कुल मतलब जिस तरह से हम इंग्लेंड में खेले हैं हमने बहुत अच्छा अच्छा खेला है वहाँ पे और काफी मज़ा आया सब के साथ खेलने में बहुत अच्छा एंवायमेंट था टीम का हम सब लोग बहुत ही सपोर्टिव थे एक दूसरे के लिए और बहुत मै
01:13कॉस बहुत ही और जो आखरी शाम थी मलब देखिए श्वताब इंग्लेंड में लोग कह रहे थे कि पांच टेस्ट मैच की सीरीज पच्छिस वे दिन गई और मुझे याद है कि लास दिन जब सुबह हम लोग उठे हैं और आप लोग उठे हैं हमारे से जाद तो आप लो�
01:43हमको मैच जीतना है उन 35 रणों में बिलकुल क्योंकि हमें पता था कितना डिफिकल्ट है वो विकेट पे खेलना क्योंकि वहाँ पे ऐसा आप अगर देखोगे तो सटनली विकेट गिर रहा था और साथ में तीन चार विकेट एक साथ गिर रहे थे और मैंने बैटिंग की ह�
02:13प्रसिद कृष्णा ने उस दिन पर बहुत अच्छी बॉलिंग डाली बहुत कंट्रोल में दिखे सब तो बहुत मज़ा आया हमने सबने बहुत मैंने की और हम वो मैच टेस्ट मैच जीते जिससे कि मुझे लगता है कि मुझे गूस बम आ रहे थे जब मैं फिल्डिंग कर �
02:43हम ची पर सीक बारे में आगे बात करने से पहले मुझे लगता है कि यशत बीका बैक ग्राउंड उनके स्ट्रेगल की तरफ हम चलते हैं बहुत चोटी सी उम्र आपको लेगा क्या स्ट्रेगल कितना स्ट्रेगल लेकिन हम कुछ तस्वीरें भी दिखाएंगे जिस पर मैं च
03:13के लिए खेलने का जी बिल्कुल मतलब जैसे की मेरे पापा खेलते थे तो उनको देखके उनसे ये थौट मेरे दिमाग में आया कि मुझे भी खेलना है मुझे भी करना है तो जब मैं खेलने के लिए स्टार्ट करना चालू किया तो मुझे ये था कि मैं एक दिन खेलूंगा �
03:43बहुत मज़ा आता है, और मैं खेलूँगा, उस चोटा, क्या होगा, बहुत चोटा था, तो मेरे दिमाग में एक ही चीज थी कि हाँ, जो भी है, मुझे अच्छे से मैंनत करना है, क्रिकेट खेलना है, और अच्छे स्कोर्स करने है, तो उस तरीके से मैं खेलता गया, खेलता
04:13मेहनत करके, बहुत सेक्रिफाइजस करके, लोग उपर आते हैं, और लोग खेलते हैं, जैसे कि मेरे जो दोस्त हैं, उन्होंने भी बहुत मेहनत किया, उनकी अलग अपनी मेहनत है, और वो देखके मुझे भी लगता है कि, हाँ, और कभी मेरे को जैसे, मैं जब कभी राजस
04:43कर सकता है तो मैं कर सकता हूं तो वो मुझे बहुत खुश करती है कि अगर मुझे देखके कोई लड़का जो गाओं में होगा या कोई बॉल्ड के किसी भी कोने में होगा वो यह सोचता होगा अगर यह कर सकता है तो मैं भी कर सकता हूं तो मुझे बहुत खुशी होती है वो �
05:13चले गए धर्मिंदर चले गए यारी यशस्वी जैस्वाल
05:1711-12 साल की उमर में आप UP से गए बॉम्बे
05:21वहाँ आपको कोई जानता नहीं कोई अता नहीं कोई पता नहीं
05:27आप तब क्रिकेट कैसे खेलने के बारे में सोच रहे थे
05:30मैं शायद थोड़ा और चोटा था तो बस अभी आप अगर चोटे बच्चों को बोलोगे खेल तुझे खेलने मिल रहा है
05:37तो वो खेलेगा उन्जॉई करेगा खेलेगा बस तो मुझे मज़े मज़ा आता था बहुत मज़ा आता था
05:42अभी क्रिकेट काफी प्रोफेशनल हो गए है
05:44बहाँ पर वो जो स्ट्रगल थी जिंदगी की जो श्वेता अभी जिर्कर कर रही थी
05:48बिल्कुल मतलब उस टाइम पर मेरे लिए मैं उसको स्ट्रगल जैसा नहीं देखता था
05:53मुझे लगता था कि यह मेरी जिंदगी है और मुझे ऐसे रहना है और यही है और मुझे यही करना है
05:58वो तो अफकॉस ट्रगल था ही ऐसा मैं नहीं कहरा हूँ कि स्ट्रगल नहीं था
06:03अगर मैं देखूँ अपने आपको यहां से चैसे अगर मैं कभी-कभी सोचता हूँ जब चीजे सही नहीं जा रही होती है जब मैं सोचता हूँ उस जरनी के बारे में उस दिनों के बारे में
06:15तो मैं हमेशा उस टाइम अपने आप में में को बहुत confidence आता है बहुत satisfaction भी मिलता है कि हाँ मैं जब वो कर सकता हूँ तो मैं इस मुश्किल से भी निकल सकता हूँ मैं यहां से भी बाहर निकल सकता हूँ तो वो मुझे बहुत confidence देता है
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