पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी यानी 'सफला एकादशी' (Saphala Ekadashi) इस वर्ष 15 दिसंबर, सोमवार को मनाई जा रही है। वनइंडिया हिंदी के इस वीडियो में जानें एकादशी व्रत का सही समय, पूजा विधि और पारण का शुभ मुहूर्त। सफला एकादशी को साल की अंतिम एकादशी माना जाता है, जो अपने नाम के अनुरूप भक्तों को हर कार्य में सफलता (Success) प्रदान करती है। इस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि कैसे भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और माता लक्ष्मी की पूजा करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और रुके हुए कार्य पूरे होते हैं। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन फलों के दान (Fruit Donation) का विशेष महत्व है। About the Story: Saphala Ekadashi is being observed on December 15, 2024. Known as the 'Ekadashi of Success,' this day is dedicated to Lord Vishnu. Devotees observe a fast to seek blessings for success in their career, education, and personal life. This video details the Saphala Ekadashi Vrat date, Puja Vidhi (rituals), Shubh Muhurat, Parana time, and the significance of fruit donation on this auspicious day.
00:09पौश मास की कृष्ण तक्ष की एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है।
00:16इस वर्ष ये पावन तिथी सोमवा 15 दिसंबर को मनाई जाएगी।
00:20पंचांग की अनुसार एकादशी तिथी रविवार शाम 6 बचकर 55 मिनट से शुरू होकर सोमवार रात 9 बचकर 15 मिनट तक रहेगी।
00:29उद्या तिथी के अनुसार वर्ष सोमवार को रखा जाएगा, जबकि वर्ष का पारण मंगलवार सुभा 7 बचकर 7 मिनट से 9 बचकर 12 मिनट के बीच किया जाएगा।
00:39सफला एकादशी का विशेश महत्व है क्यूंकि ये वर्ष की अंतिम एकादशी मानी जाती है।
00:45धार्मिक मान्यताओं की अनुसार इस दिन भगवान विश्नु की श्रद्धा पूर्वक पूजा और उपवास करने से व्यक्ति की जीवन में रुके हुए कार्य पूरे होते हैं, आत्म विश्वास बढ़ता है और सफलता की नए मार्ग खुलते हैं।
00:58इसी कारण इसे सफला यानी सफलता देने वाली एकादशी कहा गया है।
01:28व्यापार, पढ़ाई या जीवन की किसी महत्वपोन मोड पर सफलता की कामना कर रहे हो।
01:34व्रत और पूजा विधी
01:36सफला एकादशी के दिन प्रातह काल सनान कर स्वच वस्त्रधारन करें।
01:40इसके बाद भगवान विश्णू और माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
01:46घर के पूजा स्थान को साफ कर भगवान विश्णू या चित्रस्था पित करें।
01:50पूजा में तुलसी दल, पीले पुष्प, धूप, दीप और फल अर्पित करें।
01:55इसके बाद विश्णू सहस्र नाम या एकादशी व्रत कथा का पाठ करें।
01:59पूरे दिन उपवास रखें। इच्छा नुसार निर्जल, फलाहार या सात्विक आहार लिया जा सकता है।
02:05शाम को पुनह पूजा कर भगवान विश्णू और माता लक्ष्मी की आरती करें और अगले दिन शुब मुहूर्त मेवरत का पारण करें।
02:12फल दान का विशेश महत्व
02:15सफला एकादशी पर फल दान का अत्यंत महत्व बताया गया है।
02:20शास्त्रों के अनुसार इस दिन सबसे पहले भगवान विश्णू को फल अर्पित करने चाहिए।
02:25उसके बाद वही फल या अपनी श्रद्धानुसार अन्य फल जरूरत मंदों, गरीबों या ब्रहवणों को दान करने चाहिए।
02:32मान्यता है कि फल दान करने से व्यक्ति का आत्मबल बढ़ता है, मानसिक तनाव कम होता है और कारीक शेत्र में पदोन्नती या उन्नती के योग बनते हैं।
02:41फल दान को कर्म शुद्धी और सौभाग्य वृद्धी का माध्य माना गया है।
02:46किन लोगों के लिए विशेश फलदाई
02:48ये वरत विशेश रूप से छात्रों, नौकरी पेशा लोगों, व्यापारियों और उन व्यक्तियों के लिए शुब माना जाता है जिनके कारियों में लंबे समय से रुकावटा रही हो
02:58कहा जाता है कि सफला एकादशी का वरत करने से पुरानी कर्मों का बोज हलका होता है और जीवन में नई शुरुवात का अफसर मिलता है
03:06सफला एकादशी केवल एक वरत नहीं बलकि आत्म विश्वास, धैर्य और सकारात्मक्ता का पर्व है
03:13सची श्रद्धा, सैयम और दान के साथ किया गया ये वरत भगवान विश्वास की विशेश कृपा दिलाता है
03:19यदि आप अपने जीवन में सफलता, शान्ती और समरुधी जाते हैं तो सफला एकादशी पर वरत, पूजा और फल दान अवश्य करें
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