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  • 9 minutes ago
पूना मारगेम आत्मसमर्पित नक्सलियों के जीवन में फिर से रंग भर रहा है.आईए जानते हैं ये मुमकिन कैसे हुआ.

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00:00इस ट्रेनिंग के जरिये नक्सली अपने अन्ड़े लिए ये लोग, चहरे पर शांत भाव लिए, अपने काम में लगी ये टीन।
00:30अंदर छुपे हुनर को काबिल ट्रेनर की मदद से बाहर निकाल रही है, जो हात सिलाई मशीन में बड़ी संजीदगी से कढ़ाई कर रहे हैं, उन हातों ने कभी बंदूक और गोला बारूत का भार उठाया है, लेकिन सरकार ने उजवल भविश्य को गर्त में डालने वाले �
01:00गर जाएंगे सिली पकडिंगे, सिली करंगे, जीवने अपन करोगे, अब वापस नत्तर संगठन में तो नहीं जाओ गाओ, नहीं है, नहीं जाओ, दोजार बार से मार सेत्र में आई हैं, वो चात्वा कमपानी में था, कितना गेरा साल,
01:21इन पूर्व नकसलियों में से कोई जन मिलिश्य सदस्य था, तो किसी ने सप्लायर का काम किया,
01:51तो कोई नाच गाना गाकर नकसली विचारधारा को गाओं तक पहुँचाता था,
01:56जाने कितने बचपन इनकी राह पर चल कर लाल आतंग से जुड़े,
02:19ना जाने कितने परिवारों के सपनों को, नकसलियों की चंगुल ने दबोचा,
02:26जब सरकार ने हतियार छोड़ने का मौका दिया, तो ये सभी एकजुट होकर,
02:31लाल आतंग के साय से दूर, अब शान्ती की राहा पर चलने के लिए तैयार हो रहे हैं,
02:36अब मौका ये नहीं मिलता था, अभी फिर एकना दमन बढ़ गया, और उन लोग पीछे हट गया, तो ये मौका आगो के,
02:44हम लोग आते सलेंडर करके यहां तोड़ा खुशी से रह रहे हैं,
02:49अब अच्छा लग रहा है था? जी, अच्छा लग रहा है,
02:51जो नक्सल संग्ठन में आपके और भी साथी लोग है क्या हुटा था? नहीं है, पूरा आगी है, च्छोटे मोटे संग्ठन ऐसे हर किसी को रखते हैं से शंग्ठन में कुछ ऐसी गाउवाल तो है,
03:04बाकी सरकार में थे उन दोग पूरा सिलेंडर में आगे हैं, जो अजरबाई से नक्सल संग्ठन काम किया हूँ है, मिटे उटी चलो बुलके ले जाता था, अच्छा लग रहा है, अच्छा लग रहा है, तो पाई-पाईप जोडने का सिखो के पैसा मिलेगा तो क्या करोग
03:34सरकार ने नक्सलियों को हत्यार डालने के लिए
04:04बड़ा मौका दिया, इस मौके को भी नक्सलियों ने समझा और पूना मार गेम के तहट पुनरवास का हिस्सा बने, जिला प्रशासन अब सरेंडर करने वाले नक्सलियों को आगे बढ़ाने के लिए हर जरूरी प्रयास कर रहा है, तो सबसे पहले हमने उनके सभी
04:32पूना मार गेम जैसे पुनरवास कारिकरम मिलकर नक्सल प्रभावित इलाकों में अभूत्पूर्व बदलाव ला रहे हैं।
04:59आज पूर्व नक्सली हतियार छोड़ कर सिलाई मशीन संभाल रहे हैं।
05:04अपने गाओं में सम्मान पूर्वक जीवन जीने का सपना देख रहे हैं।
05:09ये परिवर्तन बताता है कि नक्सलवात के अंधिकार को विकास, पुनरवास और विश्वास की रोश्णी धीरे-धीरे पीछे धखेल रही है।
05:19कभी नक्सली दहशत के साई में सासे लेने वाला अभूजमान खुली उडान भर रहा है।
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