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  • 11 hours ago
जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अश्वगंधा और मोरिंगा में कैंसर की दवा होने का किया दावा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रिसर्च पेपर पब्लिश.

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Transcript
00:00This is the Bio-Design and Innovation Center.
00:07It has been given that they have some molecules that can be used by cancer.
00:19These two molecules,
00:23and it has been given that they have a lot of molecules that can be used by cancer.
00:33This is the Bio-Design Center.
00:38This is the Bio-Design Center Center.
00:48Cancer cell, how can you develop the molecule and how can you block the molecule?
00:59Cancer cell is abnormal to the normal cell.
01:04Signaling pathways are disturbed, so the normal cell grows.
01:09Now the molecule in Indian knowledge system has been given to us as a grant.
01:15In this case, we have been tested by myracetine and weatherfarin molecules.
01:19We have been tested by cancer.
01:22In this case, we have been tested by the drug by-informatics.
01:29We have been tested by simulation and protein docking.
01:33We know that the normal Herceptin drugs are used in breast cancer.
01:38Similar effects show in initial trials.
01:42In this case, we have been tested by the cancer center.
01:46We have been tested by plant and stem.
01:51We have been tested by leaf.
01:54We have tested by leaf.
01:56We have tested by leaf.
01:58We have tested by leaf.
02:00And in a couple of weeks, it should be well-paid facilities.
02:01How can we get tested for us?
02:02We have tested by leaf.
02:03If you do not have tested-
02:06If you take a deep flow, it will involve a normal cell as an instant.
02:08The effect is not on the normal cells.
02:09You start with chemo therapy.
02:11This effect will be run.
02:13Thank you so much for joining us.
02:41जबलपूर की दाने दर्गावति विश्य विद्याला का बायो बिजाइन और इंफर्मेशन सेंटर पहले ही पांच पेकेंट ले चुका है।
02:49यहां के एचोडी टाक्टर ऐसे संदू का कहना है कि अभी भी भातिय आयरुवेद में कई ऐसी दवाएं हैं जिन में बीमारियों से लड़ने के गूल रहस्य चुपे हुए हैं।
03:07हमने भारतिय ग्यान परंपरा के साथ इस सूध को सुरू किया था और इसमें सफल तहासिद की है।
03:15देखे साब हम वध्यपरदेश जो है और देश का पहला ऐसा राज है जिनोंने भारतिय ग्यान परंपरा को अपने BST MSC के कोर्स में डाल दिया है।
03:23इसके लिए सादूबाद है हमारे क्रिस्टन को कि पूरे-पूरे स्लेवस तुयार हो चुके हैं।
03:27जब हम भारति ग्यान परंपरा के उपर स्लेवस बना रहे हैं बायकमिस्ट्री का और दुसी चीज़ों का तो हमने देखा कि यह तो सारे
03:34जो बायकमिस्ट्री में लिखे जाते हैं यह तो हमारे भारति ग्यान पर पूरे अवैलेबल हैं तो यह दो चीज़े हमने पहले टार्गेट करी हैं।
03:41एक तो मोरिंगा का लिया हैं हमने एक स्वांदा लिया।
03:43इसके अंदर जो जो मॉलिक्यूल हैं जो जो हमारे वेदों में लिखे गए थे उनको उनकी एक्टिविटी के लिए हमने पहले बायो और इन्फॉर्मेटिक का साथ लिया।
03:51बायो इन्फॉर्मेटिक में क्या होता है कि पूरी दुनिया की नॉलेज उसे भी डाल दी जाती है।
03:55उसमें से हमने करीब 1000-1000 दोनों के लिए 1000-1000 मॉलिक्यूल्स ली स्लेक्ट किये हैं।
04:00और उन 1000 मॉलिक्यूल्स में देखा है कि वह कौनसे 4-5 मॉलिक्यूल्स हैं।
04:04जो कि हमारे इस पर्टिकलर प्रोटीन को डॉक कर सके रोख सके हैं।
04:08जो कि थतरनाख प्रोटीन है या चैंसल से अंदर वह प्रोटीन है।
04:11उसको रोख देने चैंसल से रुप जाए।
04:13तो ऐसा करके उसमें निकालके 35 मॉलिक्यूल्स निकाले हैं।
04:16और यह हमारे मॉलिक्यूल्स सारे पब्लीश करा लिए हमने।
04:19बहुत अच्छे जर्नल्स में पब्लीश हुए।
04:21आप चाहें हमारे दुनों पेपर्स देख सकते हैं।
04:23तो भार्ति ज्यान परंप्रा और मॉडन नौलिश को हम साथ लेके आने वाले मध्यप्रदेश के और बजबपलपूर के एक ग्रूप है।
04:36जो कि अब वेट लैंब में भी हम जाएंगे।
04:38इसमें कि जो जो चीज़े हमने कंप्यूटर में करके देखी हैं।
04:41तो क्या हम यह कह सकते हैं कि हमने कैंसर की दवाई खुज़े हैं।
05:06दाक्टर ऐसे संदू का कहना है कि आयरुवेड में पहले भी इस दवा का इस्तिमाल होता रहा है।
05:13हलाकि कैंसर के मामले में यह प्रयोग नया है।
05:16कैंसर के इलाज में अभी जिन तरीकों का इस्तिमाल किये जाता है उन में मरीज को बहुत तकलीफ होती है।
05:24लेकिन इन मॉलिक्यूल के इस्तिमाल के बाद कैंसर के मरीज को शुरुवात में ही इस बात का पता लग जाएगा।
05:32और उसका इलाज तुरंट शुरू हो सकेगा। उसके शरीर में कैंसर को तुरंट रुका जा सकेगा।
05:39अब इस मामले में क्लिनिकल ट्राइल और इन दवाओं का आदमी पर प्रयोग कैसे हो।
05:47इसके लिए इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल डिसर्स से बात्चीत की जा रही है।
05:52और जल्द ही यह दवाँ आम आदमी के इस्तिमाल तक पहुंच सकेगी।
05:57विश्रजीत सिंग, ETV भारत, जबलबुर
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