00:00अद्देश जी मुझे विपक्स की इस्तिती पर गालीब का इसेर याद आगे आपके अनुमती हो तो
00:05आज सर आगे बड़े सर गालीब को पूछा कि मैं काम तो बहुत करता हूं कोई आया गालीब को पूछने के लिए
00:15लेकिन मुझे सबलता नहीं मिलती है तो गालीब उनको जवाब देते हैं जो यहां अभी बोल के गए उन पर फिट बैठता है उमर भर उमर भर इस बूल में जीते रहे गालीब धूल चेरे पर थी और हम आई नहीं पूछते रहे मैंने तो बहुत की है लेकिन चेरा साफ नही
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