00:00हिमाचल प्रदेश में साधू जीवन जी रहा सर्वेश सचान करीब 1000 किलोमीटर की यात्र तैकर के एसायार यानी स्पेशल इंटेंसिफ रिविजिन फॉर्म की आपचारिक ताय पूरी करने कानपूर पहुचा
00:10साल 1989 में घर छोड़ने के बाद सर्वेश हरिद्वार और फिर हिमाचल के शिवशक्ति धाम मंदिर में रहने लगा था
00:17लगभग 9 साल से वो गाव नहीं लोटा था क्योंकि पैत्रिक संपत्ती को लेकर परिवार से गंभीर विवाद हुआ था
00:243 दिसंबर को वो साधू वेश में धरमग पुर गांप पहुचा लेकिन बदला हुआ रूप देखकर परिवार ने उसे पहचानने से इनकार कर दिया
00:32संदेह बढ़ने पर पुलिस को बुलाया गया
00:35सर्वेश ने अपने शेक्षी की प्रमानपत्र और पुराने दस्तावेज दिखाए
00:39जाच में सभी कागज सही पाए गए जिसके बाद पुलिस ने पुष्टी की की वही असली सर्वेश है
00:44करीब पांच घंटे चली पंचायत और समझाने के बाद परिवार में उसे स्वीकार किया
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