00:00ये लोग अपने ही भ्रम में फंसे हुए थे उन्हें लग रहा था कि वो 100 मीटर उंचे पत्थर के खंभे पर खड़े हैं आदमी हिम्मत जुटाता है और पहला कदम रखता है तब ही नीचे एक स्टेप बन जाता है सबके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है जैसे उम्मीद की कि
00:30पर उठते हैं चारों तरफ अंधेरा और डर का माहौल चाता है सबके मन में एक ही सवाल क्या ये सच में वही पौरानिक पाताल लोग है फिर भी वो लोग आगे बढ़ते रहते हैं थोड़ी देर बाद वो एक पुराने महल में पहुंचते हैं अचानक कोई रिबन जैसी च
01:00लोग भागते हुए उसी रास्ते की तरफ लोटते हैं जहां से आये थे लेकिन एक साथ ही अभी पीछे था लालच में रत्न चुरा रहा था बाकी सब पत्थर के चबूत्रे तक पहुंच गए और वो पीछे रह गया और अगले ही पल उसका शरीर पत्थर में बदल गया व
Be the first to comment