00:00जिनको आज बंदे मात्रम की चर्चा क्यूं हो रही है वो समझ में नहीं आ रहा है
00:06मुझे लगता है कि उन्होंने नए सिरे से अपनी समझ पर ही सोचने की जरूरत है
00:11कुछ लोगों को इसमें दिखता है कि बंगाल में चुनाव आने वाला ही इसलिए वंदे मात्रम की चर्चा हो रही है
00:18वो मंदे वात्रम के महिमा मंदन बंगाल के चुनाव के साथ जोड़ कर कम करना जाना
00:23दुनिया भर में जहां पर आजादी के दिवाने थे वो गुप्त बैठक भी करते थे तो पहले वंदे मात्रम का दान करकर बैठक किसे हुआ है।
00:53वंदे मात्रम के प्रती समर्पन की जरूरत वंदे मात्रम बना तब भी थी आजादी के आंदोलन के वक्त भी थी आज भी है और जब 2047 महान भारत की रचना होगी तब भी रहे।
01:23और करतवय के भाव जागरूत करने वाली कुरूती है।
01:27इसलिए जिनको आज वंदे मात्रम की चर्चा क्यूं हो रही है वो समझ में नहीं आ रहा है।
01:37मुझे लगता है कि उन्होंने नए सिरे से अपनी समझ पर ही सोचने की जरूरत है।
01:43कुछ लोगों को इसमें दिखता है कि बंगाल में चुनाव आने वाला ही इसलिए वंदे मात्रम की चर्चा हो रही है।
01:51वह कि मंगालं के बंगाल के चुनाव के साथ जोड़कर कम करना चाहते हैं।
02:00इस सही है कि बंदे मात्रम की रचनाकार है बंकिम बाबु बंगाल में पैदा हुए बंगाल में गितकी रचना हुए
02:12और आनन्द मट जिसमें बाद में बंदे मात्रम समाहित हुआ उसकी प्रुष्ट भूमिवी की बंगाल थी थी मगर जब बंदे मात्रम का प्रगटी करण हुआ बंदे मात्रम बंगाल तक सिमित नहीं रहा था
02:31देश तक भी सिमित नहीं रहा था दुनिया भर में जहां पर आजादी के दिवाने थे वो गुप्त बैठक भी करते थे तो पहले वंदे मात्रम का गान करकर बैठकी सिर्वा थी और आज भी सरहत पर हमारा जवान जब अपना सर्वोच बलिदान देता है
02:52यह आंतरिक सुरक्षा के लिए देश के पुलिस का जवान सर्वोच बलिदान देता है तो जब वो अपने प्रान त्यागता है इसके मुह पर एक ही मंत्र होता है वो वंदे मात्रम है
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