00:00एक समय था देज की आजादी के लड़ाई में मोड आया जब कुछ लोगों ने हिंदु मुसल्मान के अधार पर सोचना प्रारम किया और जब उनको लगा की स्वतंतरता आ रही है तो अंग्रेजु के हाथ में खेले वो और उन लोगों ने बंदे मात्रम को लेकर के गिवाद
00:30सुवाशन बोश्ट, महान राश्वक्त और गुरु रविद्राद तैगोर जी थे और इन ती ये तै किया गया कि बंदे मात्रम की कुछ लाइन उपर उनको था तो रविद्राद तैगोर जी ने कहा कि गीत कोई भी हो नाने के लिए साबने रूप से गाने के लिए छोटा
01:00के रूप में आज भी प्रिचली थें तो ये तीन महानुभवों की विवेक शील्टा पर उनकी रास्ट भक्ति पर आज कुछ लोग ये सवाल खड़ा कर रहे हैं और क्योंकि उनको विभाजन करना है बाटना है तो जो काम पहले तीसे और चौथे दर्शक में
01:24विभाजन की भूमी का बनाने वाले भारत विभाजन की भूमी का बनाने वाले लोग कर रहे थे वही काम आज उस लोग आपने रहा दे ती शौर्टूं के लिए कर रहे हैं
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