00:00अब हम हवाई आत्रा करने वाले उन लाखों लोगों की बात करेंगे जो पिछले करीब 10 दिनों से इंडिगो एलाइन्स की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहें
00:08आज हम उनकी तरफ से ये सवाल पूछेंगे
00:11अब इसे आप इंडिगो की लापरवाही कहिए या सोची समझी रणनी थी
00:19और हम ऐसा क्यों कह रहे हैं हम आपको बताएंगे
00:22उसने इन नियमों को लागू करने के लिए कोई योजना ही नहीं बनाई और बिना किसी तयारी के अचानक फिर लागू कर दिया
00:29इसके बाद पाइलेट्स और क्रू मेंबर्स की शिप में ऐसी गड़बड़ी हुई कि एपोट्स पर हवाई जहास खड़े रह गए और उन्हें उड़ाने वाला कोई नहीं था
00:36इसकी वज़े से लाखो यात्री एपोट्स पर भूखे प्यासे फसे रहे
00:40इंडिको के मताबिक उसने 1 से 7 दिसंबर के बीच 5,86,705 PNR रद किये हैं
00:495,86,705 PNR
00:52हवाई यात्रा में 1 PNR पर जादा से जादा 9 यात्रियों के टिकट हो सकते हैं
00:57अगर हम 4 लोगों का एक परिवार का एक टिकट मान ले
01:00तो इंडिको ने इन 7 दिनों में करीब 23,46,000 से जादा यात्रियों के टिकट कैंसल की
01:09और उन्हें एपोट्स पर भगवान भरों से छोड़ दिया
01:12इंडिको एरलाइन्स वारा बरती गई लापरवाही से देश के एपोट्स पर अराज़क्ता फैली
01:19आप मुसीब्तों का सामना जो कई लोगों को जो जरूरत की वज़े से ट्रावल कर रहे थे
01:24जिनको किसी एमजेंसी के लिए जाना था कल्पना कीजे उन पर क्या बीती होगी
01:28किसे अन्य एरलाइन्स के साथ अगर ऐसा होता तो शायद इस्तिती नहीं बनती
01:31क्योंकि इंडिगो भारत की सबसे बड़ी एरलाइन कंपनी है
01:34हर दिन इसमें लाखों लोग यात्रा करते हैं
01:39इसले जब इसमें गड़बड़ी हुई तो देश की घरेलू हवाई सेवाएं ही ठप पड़ गई
01:44भारत में घरेलू रूट्स पर प्रति दिन करीब 3,000 उड़ाने होती है
01:49इसमें अकेले इंडिगो जानते हैं प्रति दिन 2,300 उड़ाने संचालित होती है
01:54घरेलू उड़ानों में इंडिगो का मार्केट शेर करीब 64 प्रतिशत है 64%
02:00इसके बाद दूसरे नमबर पर एर इंडिया है जिसका मार्केट शेर है 27%
02:05यानि घरेली उड़ानों में इंडिगो की मुनोपली चल रही है
02:10एक आधिकार जिसे कहा जाता है
02:12इसलिए मुनोपली की वज़े से जब इंडिगो ने टिकेट कैंसल करने शुरू किये
02:16तो बड़े पैमाने परियात्री परिशान हुए
02:18आरोप लग रहे हैं कि जब डिजी सिये ने पाइलेट्स फ्लाइट स्टाफ से जुड़े कुछ नियम बनाए थे
02:23इंडिगो ने नियम वापस लेने का दबाव डालने के लिए
02:27अपने यहां उसे सही तरीके से लागू नहीं किया
02:30यानि क्या ब्लैक मेलिंग की तयारी थी
02:33कि डिजी सिये ने जो नए नियम बना हैं
02:36हम उन नियमों का पालन नहीं करेंगे
02:37हमारे बेना तुमारा काम नहीं चलेगा
02:39हम उसको मानेंगे नहीं
02:40और अचानक फिर ऐसी अपसरा तफ्री मचेगी
02:42पूरे भारत में कि यह डिजी सिये को जुकना पड़ेगा
02:45जबकि यह डिजी सिये के नए नियम
02:47यात्यों की सुरक्षा के लिए है
02:49डिजी सिये ने जनवरी दोजार चॉबिस में
02:51से नय नियम बना दिये थे
02:53इन नियमों को लागू करने के लिए
02:54unified कमप नियों के लिए गन्रात करीब टाइम लाइन दिकाई
02:56नयन में नियमों को दो चरणों में लागू करने
02:58के लिए कहा गया पहला चरण एक जुलाई
03:00सील्लाई देनलवर्य गांड़िस मेgi
03:01दूसा चरण नवंबर दोजार पच्चे से लागू मुना थे
03:03यानि DGCA ने देश के एलाइन कंपनी इसको तैयारी के लिए करीब 18 महीने दिया
03:08बाजूद इसके
03:09इंडिगो ने कोई गंभीरता ही नहीं दिखाई
03:12DGCA ने यात्रियों की सुरक्षा तैय करने के लिए नए नियम बनाये थे
03:16उन्होंने फ्लाइट स्टाफ की छुट्टियां और काम के घंटे तैय किये
03:19ताकि उनमें थकान नहों
03:22वो सुरक्षे त्रूप से उनान भर सके
03:24क्योंकि अनेकों जगों से ऐसी कंप्लेंस आ रही थी कि
03:26पाइलट्स या तो बाक टू बाक या फिर जो कूट मेंबर्स है
03:29स्टाफ मेंबर्स है वो बाक टू बाक उडान भर रहे और ऐसे में
03:32अगर उनकी ठकान किसी हादसे की वज़ा बने
03:35तो फिर ये बहुत नागवार गुजरती ऐसे में डीजी सिये चाहता था
03:40कि साथ दिन लगातार काम करने के बाद फ्लाइट स्टाफ को दो दिन की छुटती लगी
03:43नाइट शिफ्ट में नाइट लांडिंग की अधिकतम सीमा दो ही हो
03:47पहले ये चे थी
03:49नाइट शिफ्ट भी लगातार दो रातों से जादा ना हो
03:53लंबी फ्लाइट वाले हर पाइलिट को उडान के बाद कम से कम 24 घंटे का आराम मिले
03:58ये नियम उन पाइलिट्स के हित में थे जिन पर एक के बाद एक
04:02एक के बाद एक कई फ्लाइट्स को उडाने का दबाव डाला जाता है फिर चाहे वो थके हुए ही क्यों ना हो
04:06ये नियम उस फ्लाइट स्टाफ के रिए था जिन से कई कई दिनों तक बिना छुट्टी के काम करवाय जाता है
04:13आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जब थके मादे पाइलेट्स हवाई जहास उडाएंगे तो यातियों की सुरक्षा कितने बड़े खत्रे में पड़ जाएगी
04:20इतने लोगों की जिन्दगी किस के हाथ में होती है पाइलेट के हाथ में होती है
04:25सचाइइ यह है कि डेजी तन नियम एलाइन कमपनी के मुनाफे के हीत में नहीं है
04:29नियमों को लागू करने के बाद एलाइन कमपनियों को ज़ाधा पाइलेट ज़ाधा को पाइलेट ज़ाधाечение के हाथ रखने की ज़रुई तई
04:34हाइरिंग करना नहीं चाहते थे, मोटी रकम बचाना चाहते थे, फादा मुनाफ़ा चाहिए और ऐसे में उन्होंने नियमों के लिए तैयारी नहीं की
04:42और इन जो नहीं हाइरिंग्स हैं उससे कंपनी के मुनाफ़े पर असर पड़ता क्योंकि उडानों की संक्या तैयती, कर्मचारियों की संक्या बढ़ रही थी, शायद इसलिए इंडिगों ने खास अन्नीति के तहरे दिला परवाही बढ़ती, या फिर कहिए बहुत बड़ा �
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