00:00कि सारे जहां से अच्छा, हिंदुस्ता हमारा, हम बुल-बुले हैं इसके, ये गुलसिता हमारा, मधभ नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना, हिंदी है हम, बतने हिंदुस्ता हमारा
00:13आज हमारे राष्ट्रगीत के डेड़ सो वर्ष पूरे होने पर हो रही मैतपूर्ण चर्चा में, गर्व के साथ एक भारतिया होने के नाते मैं अपने विचार रखना चाहती हूँ
00:24सदन में इतिहास को तोड मरोड कर पेश करके, फिर से मुस्लिम तुष्टी करन के नाम पर भारतिया मुसल्मानों को कट घरे में खड़े करने की कोशिश की जा रही है
00:35लेकिन मैं सदन में बताना चाहूंगी कि हम भारतिया मुसल्मान जिन्ना के हवान को ठुकरा कर अपने इस प्यारे वतन की मिट्टी के साथ मजबूती से जुड़े रहे
00:46हमने महत्मा गांधी, बाबा साथ डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, रविंदरनाथ टेगोर जी, सुभाष चंदर बोष जी, मौलाना अबुलकला माजाद, अश्वाक उल्ला खां साहब के विचारों को अपनाया
00:59हम भारतिय मुसल्मान, इंडियन्स बाइ चोईस हैं, बाइ चांस नहीं
01:03वंदे मातरम के किन छंदों को राष्टे गीत के तोर पर अपनाया जाए
01:09ये फैसला सर रविंदरनाथ टेगोर और सुभाष चंदर बोष जी, जैसे नेताओ के परामर्ष के बाद हुआ
01:15क्या अब हम उन महान नायकों की समझ पर प्रशंचीन उठाएंगे, उन्हें देश को बाटने वाला और तुष्टी करने वाला कहने का पाप करेंगे
01:25उन महान हस्तियों ने बंदे मात्रम के उन छंदों को अपनाया
01:30जिनोंने देश के हर वर्ग, हर धर्म के मानने वालों को एक सूत्र में पिरोने का काम किया
01:35और मैं एक घटना आप लोगों के सामने रखना चाती हूँ
01:39वर्ष 1998 में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री रविंदर शुकला जी ने
01:45स्कूलों में राश्रगीत को गाना अनिवार्य कर दिया था
01:49लेकिन तब के ततकालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपाई जी ने
01:53जो समय लखनव के दौरे पर थे उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले पर
01:58नाराज़गी जताई और उईूपी सरकार ने राश्रगीत को अनिवारय करने
02:02वाले मंत्री को बरखास्त कर दिया था अब मैं सत्ता में सत्ता पक्ष से सवाल करना
02:08चाहूंगी मैं सत्ता पक्ष से सवाल करना चाहूंगी कि जो विजन आजादी के समय के लोगों का था राश्रगीत को स्वेच्चा पर छोड़ने का उसी का अनुसरन मानने अटल बिहारी वाजपाई जी ने किया तो क्या वे भी मुस्लिम तुष्टिकरन कर रहे थे जी नहीं
02:38आज हमें बन्दे मातरम के असली भाव को समझना जरूरी है य कीत तो देश के जल जंगल जमीन हर्याली और निर्मल हवा की वंदना को समर्पित है यह भारत की जनजन की मंगल कामना करता है कि भारत का हर नागरिक स्वश्त रहे और समन के साथ जी सके
03:01सुजलाम सुफलाम का अर्थ है
03:03सुनिए ऐसा देश जा स्वच और परियाप्त जल हो
03:07जा नदिया जिन्दा हो बहती हो जीवन देती हो
03:10अदेक्ष मौदे लेकिन अब जरा यमुना का हाल देखिए
03:13दिल्ली प्रदूशन नयंतरन समीती की
03:152025 की रिपोर्ट बताती है
03:17कि यमुना के कई हिस्सों में
03:20बियोडी स्तर 127 एमजी पर लीटर है
03:22तक पहुँच चुका है
03:24जबकि किसी जीवित नदी के लिए
03:25ये 3 एमजी पर लीटर से कम होना चाहिए
03:28ये सिर्फ नदी का संकट नहीं है
03:30ये किसान का संकट है
03:32नमामी गंगे के नाम पर
03:33हजारो करोड रुपे खर्च हो गए
03:35लेकिन सचाए ये है कि आज भी
03:37गंगा और यमुना के किदारे किसान
03:39मजबूरी में उसी जहरीली पानी
03:41से खेती कर रहा है
03:42वही जहर अनाज में उतरता है
03:44और वही जहर किसान की जिंदगी को
03:46धिरे धिरे खतम कर देता है
03:48अद्यक्ष मौदियर जब पानी जहर हो जाएगा
03:50तो सुजलाम कैसे होगा
03:53जब किसान बर्बाद होगा
03:54तो सुफलाम कैसे होगा
03:56मले का अर्थ है
03:58मले परवत से बहने वाली ठंडी सुगंदित चंदन जैसी हवा जो जीवन देती है बिमारी नहीं
04:05आज मैं सदन से पूछना चाहती हूँ क्या आज के भारत की हवा मले अजे शीतलम है
04:10नहीं अध्यक जी बस संसद से बाहर कदम रखिए एक गहरी सास लीजिए
04:15ये चंदन की महक नहीं ये जहर है जो आपके हमारे फेफडों में उतर रहा है
04:20दुनिया के 20 सबसे प्रदूशिद शेहरों में से 13 भारत में है
04:25दिल्ली की हवा में सास लेना मानो रोज 20 सिगरेट पीने जैसा हो
04:29भारत हर साल सर्दियों में जहरीली हवा के प्रकोप में घिर जाता है
04:34एक यूआई गंभीर सर पर आ जाता है
04:36थंडी हवा का सपना आप ग्यास चेंबर मैं हम टू मिनस की
04:39ग्यास चेंबर की हकीकत बन चुका है
04:41हम वो देश हैं जहां सरकार प्रक्रती पर बने गीत का मान मर्दन तो करती है
04:46पर उसी प्रक्रती जंगल हवा पेड को बचाने वाले कानूनों को धीरे धीरे खुदी खतम कर रही है
04:52यह है आज के हमारे मलेयज शीतलम की अफसोस जनक सच्चाई
04:57हम अगर हम हवा को साफ नहीं कर पाए
04:59तो ना सुजलाम बचेगा ना सुफलाम बचेगा
05:02मानिया अध्यक्ष महोद्या सस्य साग्लम का अर्थ है ऐसा देश जहां उपजाओ जमीन हो
05:08जहां खेत फसल से भरे हो और किसान कर्ज और निराशा में न डूबाओ
05:12आज किसान सिर्फ मौसम से नहीं लड़ रहा है प्रदूशन नीतियों की बेरुखी और सिस्टम की नाइंसाफी से लड़ रहा है
05:19एक तरफ कॉर्परेट के लोन माफ होते हैं दूसरी तरफ किसान को उसकी वाजिब MSP भी नहीं मिल पाती है
05:25आप ग्लोबल सूपर पावर बनने की बात करते हैं लेकिन हमारी परक्यापिटा इंकम दुनिया में 136 नंबर पर है
05:33हम अपने छोटे पडोसी देश से भी पीछे हैं हमारे लोग धाई अजार डॉलर तक भी नहीं कमा पा रहे हैं एक साल में
05:39और जिन अरब पतियों की रक्षा करते हैं वो इतना पैसा एक सेकिंड में कमा लेते हैं
05:44आज वंदे मातरम को बुनियाद बना कर राजनीती की जा रही है लेकिन जमीन पर जंगल पुझी पतियों को सौपी जा रही है
05:51आदिवास्यों को उनके घरों से उजाडा जा रहा है मातरम में जो मातरम आता है वे सिर्फ मातर भूमी की वंदना नहीं वे इस धर्ती की हर नारी वे इस देश की हर बेटी हर महिला के सम्मान की बात भी करता है
06:05लेकिन आकड़े अगर आप देखेंगे एंसी आर्बी की हाल की रिपोर्ट के अनुसार मैं हम जो सौने ने
06:11के अनुसार देश में हर वर्ष लगबग 30,000 से अधिक बलतकार हो रहे है यानि एक दिन में 80 से अधिक महिलाय यौन हिंसा का शिकार होती है और ये सिर्फ दर्ज मामले है जब जम्मु कश्मीर की एक बच्ची हिंसा कत्याचार का शिकार होती है जब सत्ता से जुड़े लो
06:41दिया जाता है तो ये घटनाए बंदे मातरम की आत्मा पर चोट पहुचाती है मैं अध्यक्ष पहुद्या बस यही कहना चाहती हूँ अपनी बात को अंत में रखते वे कि बंदे मातरम सिर्फ अतीत की ललकार नहीं ये वरतमान की जिम्मेदारी है ये आत्मा मंधन की घड
07:11अच्छा हिंदोस्ता हमारा हम बुल बुले है इसके ये गुल सिता हमारा मझभ नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिंदी है हम पताने हिंदोस्ता हमारा
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