00:00हमारे देश की आजहादी के आंदू रूंद में सेक्रों महिलाओं नित्रुत्व किया लक्षावदी महिलाओं ने योगदान दिया
00:12कि एक घट्टा के मैं जिक्र करना चाहता हूं कि बारी साल
00:18बारी साल में बंदे मात्रम गाने पर सर्वादिक जुल्म हुए थे
00:30वो बारी साल आज भारत का हिस्सा नहीं रहा है और उस समय बारी साल के हमारी माताय बहने बच्चे
00:45मैदान में उत्री थी बंदे मात्रम के स्वाभिमान के लिए इस प्रतिबंद के विरोध में लड़ाई के मैदान में उत्री थी और तब
00:58बारी साल की एक विरांगना स्रीमती सरोजिनी भोष जिनों ने उस जमाने में वहां की भावना को दिखिये और उन्होंने कहा था
01:16कि बंदे मात्रम जो प्रतिबंद लगा है जब तक यह प्रतिबंद नहीं हडता है मैं अपनी चूडिया जो पहंती हूं निकाल दोगी भारत में वो एक जमाना था
01:34चूड़ी निकालना याने महिला के जीवन के बहुत बड़ी गट्ना हुआ करते हैं लेकि उनके लिए वंदे मात्रम की वह भावना थी उन्होंने अपनी सोने की चूड़िया जब तक वंदे मात्रम प्रतिबंद नहीं अटेगा मैं दुबारा नहीं धारन करूंगी ऐसा �
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