00:00जब लोहे पर जंग लगने की प्रक्रिया आरंभ होती है तो यह केवल एक पूरक विशेष्टा नहीं है बलकि इसमें कई चरण शामिल होते हैं
00:07पहले चरण में लोहे की सतह पर आकसी करण की क्रिया शुरू होती है जो जंग की पहली परत बनाती है
00:13इसके बाद ये जंग के कण अन्य तत्वों के संपर्क में आकर समुचित रूप से विक्सित होते हैं
00:19इस प्रक्रिया के लिए नमी का एक महत्वपून भूमी का होती है जब लोहे की सतह पर पानी का मौजूद होना होता है तब ये जंग को बढ़ाने में सहायक होता है
00:28पानी की उपस्थिती से इलेक्ट्रोनों का आदान प्रदान अधिक तेजी से होता है जिससे जंग की वृद्धी होती है इसके अलावा यदि मिट्टी या अन्य रासायनिक तत्व उपस्थित होते हैं तो यह प्रक्रिया और बढ़ जाती है
00:42अंत में लोहे पर जंग लगने की प्रक्रिया केवल एक प्राकृतिक घटना नहीं है बलकि यह मानव निर्मित संरचनाओं के लिए भी चेतावनी देता है जंग न केवल नजरिये में असंदिग्ध है बलकि यह धातू की मजबूत्ता को भी कमजोर कर देता है इसलिए जं
01:12जो हमें रासायन विज्ञान में गहरी समझ प्रदान करता है जब हम लोहे के जंग को देखते हैं तो हमें इस जटिल रासायनिक यात्रा के पीछे छिपे विज्ञान का ध्यान रखना चाहिए
01:42पेंट नहीं किया है तो यह क्या हो लोहे की सतार पर उपस्ति एक जल्व की परत बन जाते हैं जल्व की परत क्या होता है वायर के अमली ऑक्साइड जैसे
01:51च्यो टू एसो टू आदि को घोलकर अमलगना देती है जो की बिन्योजित होंकर एच प्लस आइन देते हैं इसमें राशायनिक अभिक्रिया होती है अगर इसको पाली में डूबाएंगे अच्छा डूबे रहेगा तो भी जगने लेगा जब हम बाहर निकालते हैं तब
02:06अगरी ऑक्सिने संपर्ग में क्या होता है जिसको आक्षिकर्ण की क्रिया कहते हैं इसकी राशायनिका दिख रहा होती है एच तू प्लस चीओ टू इकोल टू एच टू थी और उत्करमिड़ी का साइन आता है टू प्लस जिसमें पॉजिटीव आइन हो जाता है जो है तू
02:36और यह फेरस ऑइन जो है एनोड का काम करते हैं अगर हम इसमें सपोज पेंटिंग कर लें अथ्वा जैसे कि आप देख पाते हैं इसमें क्या एक दिया स्टेसे इसमें इक सतह चड़ा दी गई है इसकी लिए सतह चड़ा दी गई है तो इससे भी इसमें जंग नहीं लगे �
03:06अग्ञा सर्फ भी देते हैं जोड़ा है तो हमें हम से हैं घ्या करे प्रेंट्र काम काम हम फूड़ा जो जोड़ तो हम सें एक लिएरेक्सन हो रहा है तो हमें समझाना है नहीं है है
03:16आप देख पारे इसका थोड़ा-फटा इससा भ्लेक ब्लक सा हनी लग गया है तो हमसे कहाँ दिए ये जू रियेक्शन हो रहा है तो इसको हमें समझाना है कि एलक्ट्रो जए खाया निया करन का में अंतरता आता आपका इक लाश्ट वभल में कई बार वाई बार वाइ बार �
03:46आउक्सिडेशन होता है जिसको आक्सिकर्ड के लिया कहते हैं लोहे की सता पर उपस्तिक जल की परत वाई तो इस तरह से होता पर एक जगे इसमें कैथोड जाब बन जाएगा एक जगें एनोर बन जाएगा इससे एलक्टरिक से अंदरी ठरबा लोहे को खाना सुगर देता त
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