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  • 14 hours ago
Vande Mataram पर चर्चा के बीच Sambit Patra का Mamata Banerjee पर सबसे तगड़ा हमला!

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00:00कि CWC इसमार तै करेगी कि वंदे मातरम का क्या करना है रखना है या विशरजित कर देना है और नहरू जी कहते हैं मैं तो डिक्षनरी के बगएर वंदे मातरम समझ भी नहीं सकता हूँ
00:16अगर once and for all नहरू जी के उपर चर्चा हो गई तो फिर मैं यहीं कहूँगा कई लोगों के लिगेसी को दबा करके नहरू की लिगेसी बनाने की चेश्टा की गई
00:26ममताब इनर्जी जिन्ना के आगे जुकेगी मैं पूछता हूँ दुरगा के आगे जुकना है या जिन्ना के आगे जुकना है
00:35जब से भारत आजाद हुआ है पहली बार वंदे मात्रम का उच्सव सदन में वन रहा है
00:42क्योंकि जब सताबदी वर्ष हुआ था आज सुबह भी मान्य प्रधान मंत्री जी ने बताया
00:48कि उस समय आपातकाल की स्थिती थी भारत वर्ष भारत माता जंजीरों में जकडी हुई थी और एमरजंसी चल रहा था
00:57और उसके बाद 2006 में UPA1 ने एक बार प्रयास किया था मगर वह गलत डेट में प्रयास किया था
01:06वंदे मातरम को उच्सव के रूप में मनाने का तो सही मायने में देखा जाए तो आज का दिन पहली बार हिंदुस्तान आजाद हिंदुस्तान के सदन के सभागरह में संग छद्वंग संवधद्वंग संभो मना अर्थात सभी एक साथ एक मन के साथ एक आवाज में एक सा�
01:36वंदे मातरम महोदया जी एक गीत नहीं है यह एक मंत्र है कई बार दो शब्द होते हैं जो परियावाची लगते हैं मगर परियावाची नहीं होते हैं उनका अर्थारग होता है जैसे कि देश और राष्ट्र देश और राष्ट्र में भिन्नता है पर्थक्यता है जो देश ह
02:06देश में नदिया होती है, देश में समुद्र होता है, देश का एक वित्त होता है, देश की अर्थ नीती होती है, देश की रक्षा नीती होती है, मगर राष्ट्र, राष्ट्र आत्मा होता है, राष्ट्र की सीमाएं नहीं होती, राष्ट्र विचार में रहता है, राष्ट्
02:36समाहित सागर में हो जाती है
02:38गंगा सागर में
02:39उसमें कितना पानी है
02:41उसमें बायो डाइवर्सिटी क्या है
02:43यह सब चर्चा की जा सकती है
02:45देश के अंतरगत
02:46मगर जैसे ही हम कहते हैं
02:48भारत वर्श एक राष्ट्र है
02:50तक्षणात उसी समय
02:53गंगा नदी नहीं रहती गंगा मा का रूपधारन कर लेती है वो गंगा मैया हो जाती है यदि देश कहा जाए तो हिमाले के वाल एक परवत सिंखला होती है
03:04मगर अगर राष्ट कहा जाए
03:06तो भारत वर्ष में हिमाले वहाले है
03:11जहां से दुर्गा आवर भाव लेती है
03:13जहां कहलाश में शिवशंकर शंबो विराजमान है
03:18यह एक विचार है
03:19ठीक उसी प्रकार
03:21जिस प्रकार देश और राष्ट में पर्थक्यता है
03:25गीत और मंत्र में पर्थक्यता है
03:27गीत शरीर को स्पर्ष करती है
03:30गीत करनप्री हो सकती है
03:33गीत की एक कलावधी होती है
03:35किन्तु मंत्र अक्षय होता है
03:38मंत्र अनंत होता है
03:40मंत्र आत्मा को स्पर्ष करती है
03:43जैसे वन्दे मात्रम आत्मा को स्पर्ष करती है
03:46और अभी वासूरी जी ने भी बताया
03:49और सभी ने बताया
03:50साथ नवंबर 1875 को
03:53जब वंदे मातरम लिखा गया
03:55वहती थी थी
03:56अक्षे नवमी की
03:58जिसको आवला नवमी भी कहते है
04:00और ये कार्तिक पूर्निमा से
04:02कुछ दिन पहले
04:04यह जो विशेश दिन है
04:06यह वंदे मातरम को
04:07अक्षे बनाता है
04:08मैं आनंदमठ
04:10जिस पुस्तक में जिस उपर्ण्यास में
04:14वंदे मातरम नहीं थे
04:16उसे पढ़ा हूँ
04:17मैं उसका वह एक पन्ना
04:20पढ़ना चाहता हूँ
04:21मूल सरूप में
04:23जहां वंदे मातरम लिखा गया है
04:25मैं बंगाली में ही पढ़ूंगा इसे
04:28मूल सरूप में
04:29महेंद्र बोली
04:32एतो देश
04:34एतो मानोई
04:35भवानंद बोली
04:37अमरा अन्नो मा मानिना
04:39जननी जन्म भुमिष्च
04:41स्वरगाद पी गड़ी असे
04:43अमरा बोली जन्म भुमी जननी
04:46अमा देर मानोई
04:47बाप नोई
04:49भाई नोई
04:50बंधू नोई
04:51स्त्री नोई
04:52पुत्र नोई
04:53घर नोई
04:54बाडी नोई
04:55अमा देर आछे के बोल
04:57सेई
04:58सुजलांग
04:59सुफलांग
05:00मलयजो
05:01सीतलांग
05:02सश्शो
05:03शामला
05:04तकन
05:05बुजिया मोहेंद्र बोली
05:07तबे
05:08अबार गाओ
05:09अबार गाओ
05:11मोहेंद्र ने समच लिया
05:12और उन्य कहा
05:13अच्छ भवानद्व
05:14पिरसे एक बार गा के मुझे सुथ
05:16पुजिया
05:16भवाननद्व
05:18अबार गाइल
05:19सुजलांग
05:21सुफलांग
05:22मलयजो शीतलांग
05:23सुश्श्श्श्व बोलांग
05:24ma tarang bandi ma ha tarang
05:30this is the way it was sung for the first time
05:35in Deshraad in Anandmat
05:39Anandmat we
05:41ये इस पंक्टी में कहते है
05:43भवा रंत
05:44की हमारी पत्नी नहीं है
05:46हमारा पुत्र नहीं है
05:48कोई हमारी माता नहीं है
05:50कोई हमारा पिता नहीं है
05:51मेरा घर नहीं है
05:53मेरा कोई संसार नहीं है
05:55मेरी एक ही जननी है
05:56वह है
05:57वंदे मातरम, सुजलांग, सुफलांग
06:00भारत मा ही तो मेरी मा है
06:02और मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है
06:04आज हम उस पर चचात कर रहे हैं
06:07उस पर आज हम चिंता कर रहे हैं
06:10मैं
06:10आज जो तुष्टी करण की राजनिती के विशय में बात हुई
06:14यहां कुछ संसत के सदस्यों ने
06:17विशय को रखा और उसे तोड़ने मरोडने की भी कोशिश की गई
06:21कहा गया कि सुभाष चंद्र बोश जी ने चिट्थी लिखा था
06:25जवाहाल नाल नहरू जी को जिसके आधार पर नहरू जी ने सपस्टी करण दिया था
06:31मैं कहना चाहूंगा कि सुभाष चंद्र बोश जी ने चिट्थी नहरू जी को इसलिए लिखा था
06:39क्यूंकि CWC Congress Working Committee की जो मीटिंग कलकत्ता में
06:45October 1937 में होने बाली थी 26 तारीक को उससे पहले 9 October को उसका एजेंड़ा आया था
06:54एजेंड़े में लिखा हुआ था कि CWC इस बार तै करेगी कि वंदे मातरम का क्या करना है
07:02रखना है या विशर्जित कर देना है सुवाश चंद्रबोस तडप उठे थे तडपते हुए उन्होंने क्या लिखा था मैं पढ़ना चाहूंगा मैं ये किताब पढ़ रहा हूँ
07:15वंदे मातरम the biography of a song सभ्य सची भता चारिया और इस किताब में लिखा है
07:21while writing to you, सुवाश चंद्रबोस लिख रहे हैं
07:25while writing to you, I also plan to write to Jawahar Lali Ji, के टेगोर जी को लिख रहे हैं
07:30discussions are ongoing in the congress circles on the subject of वंदे मातरम
07:35on 26th October 1937, Congress Working Committee at their meeting in Calcutta will address the issue
07:42perhaps the committee will decide to discard the song
07:46I do not know your opinion in this matter and that is why I write to you
07:50in Bengal and among Hindu outside of Bengal, great excitement has been caused
07:55and I write to you to know what you feel
07:58ये सुवाश ची ने लिखा, अब मैं यहाँ पे उद्धूत करूँगा
08:02पंडित नहरू ने क्या क्या कहा है वंदे मातरम के लिए
08:06ये सब कुछ इस किताब में है on record
08:09ने पढ़ रहा हूं
08:12Nehru had only recently read the novel Anandamatt
08:14only six days before the working committee meeting
08:18के वल छे दिन पहले और अनन्दमत अनन पढ़ लिया
08:21उसके बाद Nehru ने चित्थी लिखा
08:24Nehru writes on 20th October 1937
08:26quote, I have managed to get an English translation of Anandamatt
08:30and I am reading it at present to get the background of the song
08:34It does seem that this background is likely to irritate the Muslims
08:39I do not understand it without the help of a dictionary
08:42आप चिंता करिये Nehru
08:45देश के प्रथम प्रदान मंत्री
08:48आनन्दमत जैसे महान किताब को
08:51बंकिम रिशी बंकिम के उस महान गंत को
08:55आनन फानन में छे दिन पहले पढ़ रहते CWC
08:59ताकि वंदे मात्रम को विशर्जित करना है या रखना है
09:04इसका निर्णय वो ले सके
09:06आप सोच के देखिए
09:07ये किस प्रकार के दृष्टता थी भारत वर्ष के साथ
09:10और Nehru जी कहते हैं
09:13मैं तो डिक्षनरी के बगएर
09:14वंदे मात्रम समझ भी नहीं सकता हूँ
09:18एलोपी का भी वही हाल है
09:19एलोपी का भी वही हाल है
09:21तभी आज वो नदारत है
09:23बिना डिक्षनरी के ये वंदे मात्रम क्या है
09:26समझ भी नहीं सकते हैं
09:27धन्यवाद है
09:28मान्यप्रदान मंत्री जी का आज मौका दिया है
09:31कुछ लोग घर में dictionary पढ़ पढ़ के आके भाशन तो किया है उन्होंने
09:35वरना अभी तक बंदे मातरम का अर्थ भी नहीं समझ में आता
09:38आगे नहरू जी क्या कहते है मैं आपको पढ़ के सुनाओंगा
09:42नहरू जी के सब कुछ कहने के बाद Congress Working Committee की meeting होती है
09:46resolution मेरे हाथ में है इस किताब में Congress Working Committee की
09:50जो resolution है वंदे मातरम को लेके उसमें बहुत कुछ है मैं कुछ पॉर्शन पढ़ रहा हूं
09:55the other stanzas of the song are little known and hardly ever sung
10:01they contain certain allusions and a religious ideology which may not be in keeping with the
10:08ideology of other religious groups in India the committee recognizes the validity of the
10:14objections raised by the Muslim friends to certain parts of the song while the committee
10:20have taken the note of such objections in so far as it has intrinsic value the committee
10:26wishes to point out that the modern evolution of the use of song as part of national life
10:32is of infinitely greater importance that taking all things into consideration therefore the
10:41committee recommended that whether the वंदे मातरम is sung at national gatherings only the
10:46first two standards should be sung with perfect freedom to organizers to sing any other song of
10:53of an unobjectionable character मतलब उनके मन में था कि वंदे मातरम
10:59objectionable है और organizers के उपर छोड़ दिया गया कि आप कोई और गाना भी गा
11:05सकते हैं जो कि unobjectionable नहीं है बार बार आप देखिए नहरू जी का क्या कहना है नहरू जी चित्थी लिखते हैं
11:15सर्दार जाफरी को नहरू नहरू तोलि सर्दार जाफरी दिया जए इस यह द्यां से सुना जाए नहरू कहरे हैं
11:30and the ideas it contains are also out of keeping with the modern notions of nationalism and progress
11:38बंदे मातरम में नहरू कहते हैं
11:41जो आइडियाज नहीं थे
11:43वो modern इंडिया के आइडिया नहीं है
11:46वो modern nationalism के आइडिया नहीं है
11:49इसलिए मैं चिंता में हूँ
11:51कि मुझे बंदे मातरम को रखना है या नहीं रखना है
11:54आप सोच कर देखिए देश के पहले प्रधान मंत्री जिसके विशे में अभी माननिया प्रियंका जी ने भी बहुत कुछ बताया कि
12:02वन्स और ओल नहरू जी के उपर चर्चा हो जाए अगर वन्स और ओल नहरू जी के उपर चर्चा हो गई
12:08तो फिर मैं यही कहूंगा कई लोगों के लिगेसी को दबा करके नहरू की लिगेसी बनाने की चेश्टा की गई
12:15सरदार पटेल की लिगेसी को दबाया गया है यहां तक दबाया गया कि जब सरदार पटेल की अंतिम संसकार कसमें आया
12:24तब नेहरू जी में मना कर दिया था अपने केडिनेट के कोलीग को कि कोई भी सर्दार पठेल के अंतेश्टी में ना जाए इससे खराब और क्या हो सकता है
12:33इससे खावर क्या हो सकता है
12:35खेवल सरदार पटेल नहीं
12:38बंगार सुने आज
12:40और ओरीसा भी सुने
12:42क्यूंकि सुभाष चंद्र भोस
12:44ओरीसा के भी बेटे हैं
12:45और बंगाल के भी बेटे हैं
12:47सुभाष चंद्र भोस के लेगेसी को
12:49कॉंग्रेस पार्टी और नहरू ने दबाया
12:51और आज
12:52प्रियंका जी ने कहा कि अहंकार
12:55हो गया है इन मेताओं में
12:57अहंकार हो गया है जो इतने बड़े-बड़े
12:59लोगों के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं
13:01मैं कहना चाहूंगा आदर निया
13:03प्रियंका जी से प्रियंका जी
13:04एहंकार किसके पास था किस सरकार में था
13:08NCRT के दो हजार
13:10दो हजार बारों के
13:12हिस्ट्री के किताब में देखिए
13:14वो जो कार्टून है
13:16जिस कार्टून में
13:18एक केचुओं के ऊपर
13:20बाबा साहिब अंबेड कर बैठे हुए है
13:22केचुए में लिखा हुआ है Constitution of India
13:25और पीछे हंटर लेके बाबा साहिब को कोड़े मार रहे हैं
13:29पंडिक जवाहला नहरू
13:31ये NCRT के किताब में नहरू को बड़ा
13:34और बाबा साहिब अंबेटकर को छोटा दिखाने के लिए
13:37Congress Party ने किया आता है
13:39और पी हिम्मत है कि कहते हैं कि हम अंकारी है
13:42बाबा साहिब अंबेटकर को
13:45जो कोड़े मारने के काटून को
13:47NCRT के किताब में च्छाब सकता है
13:50मैं उनसे पूछता हूँ
13:52कि आप अंकारी हैं या हम अंकारी हैं
13:55तीसरा भी शाहिए यहां पर मैं रखना चाहूँगा
13:57कि आज
13:59इनकार्टून और सो यू कन नॉट इंसल्ट बाबा साहिब अंबेटकर
14:06I'm sorry that you feel that we can insult बाबा साहिब अंबेटकर
14:08इनकार्टून और सो यू कन नॉट आज
14:11मैं कोड़ करना चाहूँगा
14:13श्री अरविंदो को
14:15श्री अरविंदो जी को कोट करना चाहूँगा
14:18महर्शी अरविंद कहते हैं
14:20जब उनसे उनके शिष्य ने पूछा
14:21कि कॉंग्रेस पार्टी ने
14:23कई पारग्राफ हटा दिये
14:25कि वल दोस्ट एंजा ही रखा है
14:26दुरगा नाम था उसमें
14:28सरस्वती जी का वबनन था
14:30इसने हटा दिया गया
14:31तो अरविंदो जी
14:321939 में जन्ना जाते हैं
14:35और अपने शिष्य को कहते हैं
14:37मैं कोट कर रहा हूँ
14:38अंग्रे जी में ही कहा था
14:39अंग्रे जी में बोलता हूँ
14:41सर अरविंदो कमेंटे
14:42और इसने हैं और अरविंदो के जो रिखिंडित रिखिंगे जी जी लिए सुचा के यह पूरे視ने हैं
14:48इसने ही जोपनी से जी अजी ने कुछरे वाज़ों शीरे बोलता है
14:49उन्हों ने कहा कि क्यों जो जो दुरगा लिखा गया है वंडे मातर्म में
14:58if it cannot find a place there
15:00the Hindus may as well be asked
15:02to give up their culture in future
15:04उन्होंने कहा कि
15:06क्यों जो दुर्गा लिखा
15:08गया है वंदे मातरम में
15:10उसमें अगर हिंदू व्यू भी है
15:12तो इतना कम्प्रोमाइस करके
15:14घबराने की क्या बात है? स्वभाइक है
15:16ये भारत वर्ष है
15:18इस भारत वर्ष में
15:19हिंदू व्यू आएगा ही
15:21सनातन का व्यू आएगा ही
15:24क्यों नहीं आए?
15:26अनाधी काल से
15:28जो गंडा अविरल बह रही है
15:30जो विचारधारा अविरल बह रही है
15:32उस विचारधारा को
15:34हम apologetic होके
15:36हम शर्मिंदा होके
15:38खंडित क्यों करे, महात्मा गांधी क्या कहते हैं, वो भी सुनने थे हैं, महात्मा गांधी कहते हैं,
15:43no matter what its source was and how and when it was composed, it has become a most powerful battle cry among the Hindus and Muslims of Bengal during the partition days.
15:55it was anti-imperialistic cry, as a lad when I knew nothing of Anandamatha or even Bankim, its immortal author, one day Matram had gripped me and when I first heard it, sung it, it had enthralled me, I associated the purest national spirit with it, it never occurred to me that it was a Hindu song or meant only for the Hindus, unfortunately, now we have fallen on evil days, madam of Do-Mit-Lunga,
16:23unfortunately, now we have fallen on evil days,
16:27तुम्ही दुर्गा दशप्रहरणधारिनी, कमला कमल दलविहारिनी, वानी विद्ध्यादाईनी, नमामी तौंग, नमामी कमला, ममलांग तुलांग, सुझलांग, सुझलांग, सुफलांग, मातरम, वंदे मातरम, बंगाल के मेरे साथी बैठे हैं,
16:44अंध में, बंगाल के मेरे साथियों से मैं कहना चाहूँगा, अगर मादुर्गा का नाम लेना, संप्रदाइक्ता है, बंगाल और ओडिसा, हम सब, एक समस्कृती, महाप्रभु जगनाच जी को मानने वाले लोग हैं,
17:00बिरेंद्र कृष्ण भद्र, सो वर्ष पहले बिरेंद्र कृष्ण भद्र ने, बहाले का वो आरती गाया है, जो हर बंगाली, हर ओडिया, महाले के दिन सुबह पाँच बजे उठके सुनता है,
17:16उसमें बिरेंद्र कृष्ण भद्र कहते हैं,
17:46जिन्ना के आगे जुकेगी, मैं पूछता हूँ, दुर्गा के आगे जुकना है, या जिन्ना के आगे जुकना है, यह निरनाए, टी-े-म-सी करे, बहुत-बहुत धन्यवाद, बंदे मातरा,
18:16करें झाल से कृथ्ट करेंश्ता है, यह निरनाए, यह निरनाए, यह निरनाए, बंदे मातर, बंदे बंदे मातर, बंदे मातर!
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