Sambit Patra Speech: संसद में गूंजा 'Jinnah' का नाम, Mamata पर ये क्या बोल गए पात्रा? जानिए संसद में जब संबित पात्रा ने ममता बनर्जी की तुलना जिन्ना की विचारधारा से की, तो क्या हुआ। लोकसभा (Lok Sabha) में 'वंदे मातरम्' (Vande Mataram) के 150 साल पूरे होने पर चल रही चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद संबित पात्रा (Sambit Patra) ने तृणमूल कांग्रेस और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर अब तक का सबसे तीखा हमला बोला है। पात्रा ने टीएमसी की विचारधारा पर सवाल उठाते हुए संसद में भारी हंगामा खड़ा कर दिया। About the Story: BJP MP Sambit Patra launched a scathing attack on West Bengal CM Mamata Banerjee and TMC in the Lok Sabha. During a discussion on the 150th anniversary of 'Vande Mataram,' Patra questioned TMC's ideology, asking if they bow to Goddess Durga or Muhammad Ali Jinnah. Watch the full heated debate and political showdown in Parliament.
क्या तेजस्वी यादव के पास 2 वोटर कार्ड हैं? संबित पात्रा बोले- 'ये ही है राहुल गांधी का असली एटम बम!' :: https://hindi.oneindia.com/news/bihar/tejashwi-yadav-have-2-voter-cards-bjp-allegation-sambit-patra-say-was-this-rahul-gandhi-atom-bomb-1354367.html?ref=DMDesc
संबित पात्रा से 'कितने जीरो' पूछने वाले Gourav Vallabh को मिली बड़ी जिम्मेदारी, PMO में इस पद पर हुए नियुक्त :: https://hindi.oneindia.com/news/india/gourav-vallabh-pm-economic-advisory-council-member-got-a-big-responsibility-in-pmo-1315457.html?ref=DMDesc
'यह INDI गठबंधन नहीं, रावलपिंडी गठबंधन है', कांग्रेस के 'गायब' पोस्ट पर Sambit Patra का तीखा तंज :: https://hindi.oneindia.com/news/india/sambit-patra-says-this-is-not-indi-alliance-this-is-the-rawalpindi-alliance-news-in-hindi-1282835.html?ref=DMDesc
00:00जब से भारत आजाद हुआ है पहली बार वंदे मात्रम का उच्सव सदन में वन रहा है
00:07क्यूंकि जब सताबदी वर्ष हुआ था आज सुबह भी मान्य प्रदान मंत्री जी ने बताया
00:12कि उस समय आपातकाल की स्थिती थी भारत वर्ष भारत माता जंजीरों में जकडी हुई थी और एमर्जंसी चल रहा था
00:22और उसके बाद 2006 में UPA1 ने एक बार प्रयास किया था मगर उह गलत डेट में प्रयास किया था
00:30वंदे मातरम को उच्सव के रूप में मनाने का तो सही मायने में देखा जाए तो आज का दिन पहली बार हिंदुस्तान आजाद हिंदुस्तान के सदन के सभागरह में संगच्छद्वंग संवधद्वंग संभो मना अर्थात सभी एक साथ एक मन के साथ एक आवाज में एक
01:00बंदे मातरम महोदेया जी एक गीत नहीं यहां एक मंत्र है कई बार दो शब्द होते हैं जो पर्याइवाची लगते हैं मगर पर्याइवाची नहीं होते हैं उनका अर्थलग होता है
01:16जैसे कि देश और राष्टर
01:18देश और राष्टर में भिन्नता है
01:20पर्थक्यता है
01:21जो देश है वही राष्टर नहीं है
01:23देश की सीमाएं होती है
01:26देश में मंत्री होते है
01:28देश में विभाग होता है
01:30देश में नदिया होती है
01:32देश में समुद्र होता है
01:34देश का एक वित्त होता है देश की अर्थ नीती होती है देश की रक्षा नीती होती है मगर राष्ट्र राष्ट्र आत्मा होता है राष्ट्र की सीमाएं नहीं होती राष्ट्र विचार में रहता है राष्ट्र का स्पन्न होता है उदाहरण के लिए यदि देश कहा जाए त
02:04उसमें कितना पानी है उसमें बायो डाइवर्सिटी क्या है यह सब चर्चा की जा सकती है देश के अंतरगत मगर जैसे ही हम कहते हैं भारत वर्ष एक राष्ट्र है तक्षनात उसी समय गंगा नदी नहीं रहती गंगा मा का रूप धारन कर लेती है वो गंगा मैया हो जाती है
02:34वहाले है जहां से दुर्गा आवर भाव लेती है जहां कहलाश में शिवशंकर शंबो विराजमान है यह एक विचार है ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार देश और राष्ट्र में पार्थक्यता है गीत और मंत्र में पार्थक्यता है गीत शरीर को स्पर्ष करती है गीत करन�
03:04तो होता है मंत्रा आत्मा को स्पर्श करती है जैसे वन्दे मात्रम आत्मा को स्पर्श करती है और अभी वासूरी जी ने भी बताया और सभी ने बताया साथ नवंबर 1875 को जब वन्दे मात्रम लिखा गया वहती थी थी अक्षे नवमी की जिसको आवला नवमी भी कहते है और
03:34मैं आनंद मठ जिस पुस्तक में जिस उपर्ण्यास में वंदे मात्रम नहीं थे उसे पढ़ा हूं।
03:42मैं उसका वह एक पन्ना पढ़ना चाहता हूं मूल सरूप में जहां वंदे मात्रम लिखा गया है।
03:51मैं बंगाली में ही पढ़ूंगा इसे मूल सरूप में।
03:55महेंद्र बोलील एतो देश एतो मानोई भवानन्द बोलील अमरा अन्यो मानिना जननी जन्म भुमिष्च स्वर्गाद पी गड़ी असे
04:08अमरा बोली जन्म भूमी जननी आमा देर मा नई बाप नई भाई नई बंधू नई स्त्री नई पुत्र नई घर नई बाड़ी नई आमा देर आछे के बन शेई
04:22सुजलांग, सुफलांग, मलय जो, सीतलांग, सस्षो, शामला, तकन बुजिया मोहेंद्र बोलील, तबे आबार गाओ, आबार गाओ, मोहेंद्र ने समझ लिया, और उने कहा अच्छा भवानन्द, फिर से एक बार गाके मुझे सुनाओ, भवानन्द, आबार गाईल, सुजल
04:52मुम्राहतरम
04:55इस सीड़일 भंग आंन्द मठ आनंद मट में य्थ आंध में इस पंक्ति में काथे भवांन
05:14कोई हमारा पिता नहीं है
05:16मेरा घर नहीं है
05:17मेरा कोई संसार नहीं है
05:19मेरी एक ही जननी है
05:21वह है
05:22वंदे मातरम सुजलांग सुफलांग
05:25भारत मा ही तो मेरी मा है
05:26और मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है
05:29आज हम उस पर चचा कर रहे हैं
05:32उस पर आज हम चिंता कर रहें
05:34मैं आज जो तुष्टी करण की राजनिती के विशय में बात हुई
05:39यहां कुछ संसत के सदस्यों ने विशय को रखा
05:43और उसे तोड़ने मरोडने की भी कोशिश की गई
05:46कहा गया कि सुवाश चंद्र बोश जी ने चिट्थी लिखा था
06:02जी को इसलिए लिखा था क्यूंकि CWC Congress Working Committee की
06:08जो मीटिंग कलकत्ता में October 1937 में होने बाली थी
06:1326 तारीक को उससे पहले 9 October को उसका एजेंडा आया था
06:19एजेंडे में लिखा हुआ था कि CWC इस बार तै करेगी
06:24कि वंदे मातरम का क्या करना है रखना है या विशर्जित कर देना है
06:30सुवाश चंद्र बोश तडप उठे थे तडपते हुए उन्होंने क्या लिखा था मैं पढ़ना चाहूंगा
06:37मैं ये किताब पढ़ रहा हूँ वंदे मातरम the biography of a song सभ्यसची भटचारिया
06:44और इस किताब में लिखा है
06:46while writing to you
06:47सुवाश चंद्र बोश लिख रहे है
06:49while writing to you
06:50I also plan to write to Jawahar LAL जी
06:53ये टेगोर जी को लिख रहे
06:54discussions are ongoing
06:56in the congress circles
06:57on the subject of वंदे मातरम
06:59on 26th October 1937
07:02congress working committee
07:03at their meeting in Calcutta
07:05will address the issue
07:06perhaps the committee will decide to
07:08discard the song
07:10I do not know your opinion in this matter
07:12and that is why I write to you
07:14in Bengal and among Hindu outside of Bengal
07:17great excitement has been caused
07:19and I write to you
07:20to know what you feel
07:22ये सुवाश जी ने लिखा
07:24अब मैं यहां पे उद्धूच करूँगा
07:27पंडित Nehru ने क्या क्या कहा है
07:30वंदे मातरम के लिए
07:31ये सब कुछ इस किताब में है
07:32on record
07:33मैं पढ़ रहा हूं
07:35Nehru had only recently read the novel
07:38अनन्दमत only six days
07:40before the working committee meeting
07:42के वल छे दिन पहने उनन्दमत
07:44अनन थनन में पढ़ लिया
07:46उसके बाद
07:47Nehru ने चित्थि लिका
07:48Nehru writes on 20th October 1937
07:51I have managed to get an English translation
07:54of Anandmat
07:55and I am reading it at present
07:57to get the background of the song
07:58it does seem that this background
08:01is likely to irritate the Muslims
08:03I do not understand it
08:05without the help of a dictionary
08:07आप चिंता करिए नहरू देश के प्रथम प्रदान मंत्री आनंद मट्क जैसे महान किताब को बंकिम रिशी बंकिम के उस महान गंत को आनंद फानन में छे दिन पहले पढ़ रहे थे CWC
08:23ताकि वंदे मातरम को विशर्जित करना है या रखना है इसका निर्णय वो ले सके आप सोच के देखिए यह किस प्रकार के धृष्ट रता थी भारत वर्ष के साथ
08:35और मेहरू जी कहते हैं मैं तो डिक्ष्णरी के बगएर वंदे मातरम समझ भी नहीं सकता हूँ
08:42पी रहे होदी के यह किश्ट वंदे मातरम क्या है समझ भी नहीं सकते हैं धन्यवाद है मांनियप्रदान मंत्री जी का आज मौका दिया है
08:56कुछ लोग घर में डिक्ष्णरी पढ़ पढ़क�로 आके भाशन तो किया है उन्होंने वरना अभी तक बंदे मातरम का अर्थ भी
09:12में Congress Working Committee की जो
09:15resolution है वंदे मातरम को लेके
09:17उसमें बहुत कुछ है मैं कुछ
09:19portion पढ़ रहा हूँ
09:20The other stanzas of the song
09:22are little known and hardly
09:25ever sung. They contain
09:27certain allusions
09:28and a religious ideology
09:31which may not be in keeping with
09:33the ideology of other religious
09:35groups in India. The committee
09:37recognizes the validity of the
09:39objections raised by the
09:41Muslim friends to certain parts
09:43of the song. While the committee
09:45have taken the note of such objections
09:47in so far as it has
09:49intrinsic value, the committee
09:51wishes to point out that the modern
09:53evolution of the use of song as
09:55part of national life is of
09:57infinitely greater importance
09:59that
10:00taking all
10:03things into consideration, therefore
10:05the committee recommended that
10:07whether the वंदे मातरम is sung at
10:09national gatherings, only the
10:11first two standards should be sung with
10:13perfect freedom to organizers
10:15to sing any other song
10:17of an unobjectionable
10:19character.
10:20मतलब उनके मन में था कि वंदे मातरम
10:24objectionable है और organizers
10:26के ओपर छोड़ दिया गया कि आप
10:28कोई और गाना भी गा सकते हैं
10:30जो कि अन अबजेक्शनेबल
10:32नहीं है.
10:34बार बार आप देखिए
10:36नहरू जी का क्या कहना है. नहरू जी चिट्थी लिखते हैं
10:39सर्दार जाफरी को
10:41नहरू तोल सर्दार जाफरी
10:43that the song contains
10:44too many difficult words which people
10:47do not understand. And the ideas
10:49it contains
10:50मैं रिपीट कर रहा हूं इसे ध्यान से सुना जाए
10:53नहरू कह रहे हैं
10:54and the ideas it contains
10:56are also out of
10:59keeping with the modern notions of
11:01nationalism and progress.
11:03बंदे मातरम में नहरू कहते हैं
11:05जो ideas नहीं थे
11:07वो modern India के idea
11:09नहीं है. वो modern
11:11nationalism के idea नहीं है.
11:14इसलिए मैं चिंता में हूँ
11:15कि मुझे वंदे मातरम को
11:17रखना है या नहीं रखना है. आप
11:19सोच कर देखिए देश के पहले प्रधान
11:21मंत्री जिसके विशह में अभी
11:22माननिया
11:23प्रियंका जी ने भी बहुत कुछ
11:37करके नहीं की लिगेसी बनाने
11:39की चेष्टा की गई है. सरदार
11:41पटेल की लिगेसी को दबाया गया है.
11:44यहां तक दबाया गया
11:45कि जब सरदार पटेल की
11:46अंतिम संस्कार का समय आया.
11:49तब नहीं जी ने मुना कर दिया था
11:50अपने कैबिनेट के कोलीग को
11:52कि कोई भी सरदार पटेल के
11:54अंतेश्टी में ना जाए
11:56इससे खराब और क्या हो सकता है
11:58इससे खराब और क्या हो सकता है
12:00वेवल सरदार पटेल नहीं
12:03बंगाल सुने आज
12:04और ओडिसा भी सुने
12:06क्यूंकि सुभास चंद्र भोस
12:08ओरिशा के भी बेटे हैं और बंगाल के भी बेटे हैं सुवास चंद्र भोस के लेगेसी को कॉंग्रेस पार्टी और नहरु ने दबाया
12:15और आज प्रियंका जी ने कहा कि अहंकार हो गया है इन मेताओं में अहंकार हो गया है जो इतने बड़े-बड़े
12:23लोगों के लिए ऐसे शब्दों का प्रियोग करते हैं
12:26मैं कहना चाहूंगा आदर निया प्रियंका जी से प्रियंका जी
12:29एहंकार किसके पास था किस सरकार में था
12:32NCRT के 2000-2012 के
12:36हिस्ट्री के किताब में देखिए
12:38वो जो कार्टून है
12:41जिस काटून में एक केचुव के ऊपर बाबा साहिब अंबेटकर बैठे हुए है
12:47केचुव में लिखा हुआ है Constitution of India
12:49और पीछे हंतर लेके बाबा साहिब को कोड़े मार रहे है
12:53पंडिक जवाहलाल नहरू ये NCRT के किताब में
12:57नहरू को बड़ा और बाबा साहिब अंबेटकर को छोटा दिखाने के लिए
13:02Congress Party ने किया था
13:03और ये हिम्मत है कि कहते हैं कि हम अहंकारी है
13:07बाबा साहिब अंबेटकर को जो कोड़े मारने के काटून को
13:12NCRT के किताब में छाप सकता है
13:14मैं उन से पूछता हूँ कि आप अहंकारी है या हम अहंकारी है
13:19ठीसरा भी शाहिए यहां पर मैं रखना चाहूंगा
13:22कि आज
13:23In a cartoon also you cannot insult बाबा साहिब अंबेटकर
13:30I'm sorry that you feel that we can insult बाबा साहिब अंबेटकर
13:33In a cartoon also you cannot
13:35आज
13:36मैं कोड़ करना चाहूंगा
13:38Shri Aurobindo को
13:40Shri Aurobindo जी को कोड़ करना चाहूंगा
13:42महर्शी Aurobindo कहते है
13:44जब उन से उनके शिष्य ने पूछा
13:46कि Congress Party ने
13:48कई paragraph हटा दिये
13:49कि वल दोस्ट एंजा ही रखा है
13:51दुरगा नाम था उसमें
13:53सरस्वती जी का वर्नन था इसले हटा दिया गया
13:55तो Aurobindo जी 1939 में
13:58जन्ना जाते हैं
13:59और अपने शिष्य को कहते है
14:01मैं कोट कर रहा हूं
14:02अंग्रेजी में ही कहा था
14:03अंग्रेजी में बोलता
14:04सरारविंदो कमेंटे
14:06but it is not a religious song
14:08it is a national song
14:10and the Durga spoken of is
14:12India as the mother
14:13why should not the Muslims accept it
14:16in the Indian concept of nationality
14:19the Hindu view would naturally be there
14:22if it cannot find a place there
14:25the Hindus may as well be asked
14:27to give up their culture in future
14:28उन्होंने कहा कि क्यों
14:32जो दुर्गा लिखा गया है
14:33वंदे मातरम में
14:34उसमें अगर Hindu view भी है
14:36तो इतना compromise करके
14:38घबराने की क्या बात है
14:39सुभाविक है
14:41ये भारत वर्ष है
14:42इस भारत वर्ष में
14:44Hindu view आएगा ही
14:46सनातन का view आएगा ही
14:48जो विचार्धारा अविरल बह रही है
14:53उस विचार्धारा को
14:58हम apologetic होके
15:00हम शर्मिंदा होके
15:02खंडित क्यों करे
15:03महात्मा गांधी कहते हैं, वो भी सुनने कहते हैं, महात्मा गांधी कहते हैं,
15:07no matter what its source was and how and when it was composed,
15:12it has become a most powerful battle cry among the Hindus and Muslims of Bengal during the partition days.
15:19It was anti-imperialistic cry as a lad when I knew nothing of Anandamatha or even Bankim,
15:26its immortal author, Vande Mahatram, had gripped me and when I first heard it, sung it, it had enthralled me.
15:33I associated the purest national spirit with it, it never occurred to me that it was a Hindu song
15:39or meant only for the Hindus, unfortunately, now we have fallen on evil days,
15:45madam of Do-Mrit-Lunga, unfortunately, now we have fallen on evil days.
16:03सुजलांग, सुजलांग, सुफलां, मातरम, वंदे मातरम, बंगाल के मेरे साथी बैठे हैं,
16:09अंध में बंगाल के मेरे साथियों से मैं कहना चाहूंगा,
16:13अगर मादुर्गा का नाम लेना संप्रदाइक्ता है,
16:18बंगाल और ओडिसा, हम सब एक सलस्कुती महाप्रभु जगनाच जी को मानने वाले लोग हैं,
16:25बिरेंद्र कृष्ण भद्रों, सो वर्ष पहले बिरेंद्र कृष्ण भद्रों ने महाले का वो आर्ती गाया है,
16:35जो हर बंगाली, हर ओडिया महाले के दिन सुबह पाँच बजे उठके सुनता है,
16:40उसमें बिरेंद्र कृष्ण भद्रों कहते हैं,
16:43क्या बंगाल दुर्गा को जननी कहने से डरेगी
17:06क्या बेंगॉल की टीमसी क्या ममताब इनर्जी जिन्ना के आगे जुकेगी
17:12मैं पूछता हूँ दुर्गा के आगे जुकना है या जिन्ना के आगे जुकना है यह निरनाए टीमसी करे बहुत बहुत धन्यवाद वन्दे मातरा
17:23subscribe to one India and never miss an update
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