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  • 5 hours ago
अनुराग ठाकुर ने संसद में पढ़ी कविता

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00:00कि वंदे मातरम है क्या कौम के खादीम की है जागीर वंदे मातरम मुल्क के वास्ते है आकीर वंदे मातरम मुल्क के वास्ते अक्सीर वंदे मातरम जुल्म से गर कर दिया खामोश मुझ को देखना जुल्म से गर कर दिया खामोश मुझ को देखना बोल उठेगी मेरी तास्व
00:30बेंगॉली सा इतिकार इस्लामिक स्कॉलर हुए रियाजुलकरीम उन्होंने एक किताब लिखी थी एक लेख लिखा था इसलाम और बंदे मात्रम
00:40मैं इसलाम इसलिए कह रहा हूँ कि मुझसे पहले कि कॉंग्रेज डियम के और अन्य वक्ताओं ने कहा कि मुसलिम इसके विरोधी थे
00:47नहीं साब में इसकी सचाई पर आपके प्रकाश जालना चाहता हूँ
00:50उन्हें बंदे मात्रम के समर्थन में एक लेख लिखा इसलाम और बंदे मात्रम
00:55रियाज करीम ने लिखा कि साजिश के तहर बंदे मात्रम का विरोध शुरू करवाया गया ताकि
01:00मुसलमानों को सुतंतरता संगराम के आंदोलन से धीरे धीरे हटा दिया जाए
01:06रियाजुलकरीम ने लिखा कि वंदे मातरम वे गीत है
01:09जो गीत गुंगों को जबान दे दे
01:13जो कमजोर दिल के थे उनको साहस दे दे
01:16जो सन्यासी विद्रोही हो
01:18या भारत का सुद्नांतरा संग्राम
01:20या फिर देश के लिए सीमा पर लड़ने वाले जबान हो
01:24वंदे मातरम के उद्गोश से ऐसा जोश पैदा होता हो
01:28कि मुर्दों में भी जान फूंग दे
01:30बढ़ते कदम रुक जाते हैं
01:35सर्तन जाते हैं गरूर से
01:38कान में पहुंची जहां जंकार
01:45वंदे मातरम
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