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'वंदे मातरम को मिले जन-गण-मन की तरह सम्मान', देखें संसद में राजनाथ सिंह का पूरा संबोधन

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00:00तत्थ परक सारगर्वित और प्रेरक भाषन देकर इसके एक अच्छी शुरुवात की है ध्यक्षमोदाइस में कहीं दो मत नहीं है।
00:09यह बंदे मात्रम भारत के इतिहास, बरतमान और भविष्य के साथ जुड़ा हुआ है।
00:16इस बंदे मात्रम ने ब्रिटिश शामराज से लड़ने में हमारे स्वतंता सेनानियों को काफी ताकत दिया था।
00:23बंदे मात्रम वहगीत है जिसके काण सदियों से स्वया हुआ है यह हमारा भारत देश जाग उठा था।
00:31वहगीत आधी सताब्दी तक तोतंतता संग्राम का प्रेरख बना रहा है। वहगीत जिसकी आवाज इंग्लिस चैनल पार करके ब्रिटिस पार्लेमेंट तक पहुझ गई थे।
00:44ऐसा था यह हमारा बंदे मात्रम। बंदे मात्रम जैसे अमर गीत के रचेटा मंकिम बावु ने कहा था एक दिन ऐसा आएगा जब सभी देश वाशी बंदे मात्रम गीत के महत्त को निश्शित रूप से समझेंगे।
01:00और वश्चन आया 1905 में बंगाल विभाजन के खिलाफ हुए आंदोलन के दवरान। इस आंदोलन के समय वह गीत धरती से आकास तक बूझ उठा था।
01:12त्रिया अरवन्दों नहीं वंडे सच्छव में बिल्कुल ठीक ही कहा था अद्यक्षमोदे कि दमंत्रा हैड बीन गीवन एंड एंड इन सिंगल दे यह होल पीपल हैड बीन करवर्टेड तो दे रिलिजन अप्ट्राटिजम अद्यक्षमोदे इसी आंदोलन के दौरान ब
01:42अगाने के खिलाफ एक सर्कुलर भी जारी कर दिया गया था लेकिन फिर भी बिटिश हुकोमत जंता को बंदे मात्रम कहने से रोक नहीं पाई थी बंदे मात्रम ने लोगों के अंदर एक नई शेतना भी जाग्रित कर दी थी उस समय अम्रिक बाजार पत्रिका के संस्थाप
02:12गवाना पड़े यह बात उन्होंने कहीं थी अध्यक्ष महोड़े रास्ती चेतना जाग्रित करने के लिए उस समय बंदे मात्रम संप्रदाई की भी अफ्थापना की गई थी और इसके सदस्थी बंदे मात्रम गाते हुए प्रभात फेरी भी प्रतिदिन निकाला करते थे
02:42गया था उसके मधवे भी बंदे मात्रम लिखा हुआ यह जंडा पहली बार बंगाल की धरती पर ही फाराया गया था द्यक्ष महोड़े और अगस्त 1906 में जब तुरी विपिंशंद पाल जी ने रास्टर से इतना जगाने के लिए एक समाशार पत्र की शुरुआत की थी त
03:12एक भावना बन गई थी यह एक दर्शन बन गया था इट बिकेमें पोयम पल्स एंड फिलोस्फी अध्यक्ष मुड़े अप्रेल उंडी सच्छे में नए बने पुरिवी अंगाल प्रांत में बिटिश संक सरकार ने बंदे मात्रम के सार्वजनिक नारे लगाने पर रोक ल
03:42है कि लोगों पर लाटियों की बारिश होती रही और पर जब तक उन्हीं होस रहा तब तक वे बंदे मात्रम का नारा ही लगए अध्यक्षeng लोगता है उस्मानिया विश्वी ज्यालय में
03:56भी बंदे मात्रम का नारा लगाने पर रोक लगी थी
04:00इस आदेश को नव मानने के लिए
04:03वहां के छात्रसीरी रामचंदर जी को भी जेल की सजा हुई थी
04:07उस समय रामचंदी की आयू बामुस्किल अठारा साल की थी
04:11और उसके बाल अठारा साल की उन्हें सजा भी दी गई थी
04:14उन्हें बीर सावरकर्जी ने बंदे मात्रम रामचंदर की उपाधी से नवाजा था
04:21अध्यक्ष महोले बंदे मात्रम सिर्फ बंगाल में सिमित नहीं रहा है
04:28यह भारत में उत्तर से दक्षिन और पूरप से लेकर पश्चिन तक फैल गया था
04:34पंजाब तमिलाड बामबे प्रिजडंसी सभी जगा लोग बंदे मात्रम बोलने लगे थे
04:42एक दूसरे का अभिवाधन भी बंदे मात्रम बोल कर करते थे
04:47जिर्फ भारत ही नहीं भारत के बाहर भी बंदे मात्रम भारत-वाशियों
04:54के लिए एक मंत्र की तरह कारिकर रहा था लंडन पेरिस जरैवा कनेड़ा सभी यह यहां
05:03भी भारत्वी थे भारत के लोग बंदे मात्रम लगातार बोलते थे
05:08उन्डिस्थव बारह में जब तरी गुबाल कृष्ट गोखले जी दक्षिन अफ्रिकात पहुशे तो उनका स्त्वागत भी बंदे मातरम नारों के साथ ही वहां की जनता ने किया था
05:20जब जोошे बंदे मातरम के साथ सहीध भगत सिंग और सहीद शंदर से खर आजाज जी के पत्र प्रारंब हुआ करते थे
05:30बदलाज धीगराजी का आखरी शब्द भी बंदे मातरम था फांसी पर जाते समय को रांतिकारी सूरह से इन के होठों पर भी बंडे मातरम था
05:40खोदिराम बोज की युभान पर फिर बंदे मात्रम बंदे मात्रम ही था अध्यक्षमोरे
05:46कि फिले बंदे मात्रम सिर्फ एक गीत नहीं है वे हमारी रास्तियता का सूत्र है भारत की अंतर आत्मा का यस्वर है
05:57अध्यक्स मुख़े आज जब हम बंदे मात्रम की डेड़ सताबी की गौरोसाली यात्रा का उत्सो मना रहे हैं
06:07तब यह सच फिकार करना पड़ेगा कि बंदे मात्रम के साथ जो नियाए होना शाहिए था वह नियाए नहीं हुआ
06:15आज आजार भारत में राष्टगान और राष्टगीत को बराबर का दर्जा देने की बात की गई थी
06:24लेकिन एक हमारी राष्टी चेतना का अबिन अंग बन गया समाज और संस्क्रित की मुक्यधारा में अस्थान पा गया
06:33वह हमारे रास्टी प्रतिकों में सामिल हो गया वह गान था हमारा जन गन बन लेकिन दूसरे गीत को मरजनाइज कर दिया गया उपेक्षित किया गया उसे खंडिक किया गया वह गीत है बंदे मातरम मत देख्चों हो दे इट वाज ट्रीटेड लाइक एंट एक्स्ट्रा वह �
07:03आप्षित करने का निर्णे लिया था और अध्यक्म हो देख्चों हो रहे बंदे मातरम के साथ हुए राजनितिक शल्ट और अन्याय के बारे में सभी पीडियों को जानना चाहिए इसी लिए इससंबल्स में चर्शा हो रही है क्योंकि यह लिगत के साथ नहीं था बलकि आ
07:33और जेक्शों होने, उस पुकार को सीमाओं में बादने की कोशिस, इतिहास का मैं मानता हूँ कि एक यह बहुत बड़ा च्छल था, इसलिए हम यह मानते हैं, कि बंदे मातरम का गवरो लोटाना यह समय की मांग है, और नैतिकता का यह तकाजा भी है, और जेक्शों होने, इस
08:03और शत्रपति सिवाजी महाराज जैसे महापुरसों के स्वराज, और स्वधर्म के मुल्यों का यह जीवन स्वरूप बन गया, अजेक्शों होने, बंदे मातरम स्वयम में पूर्ण है, लेकिन इसे अपूर्ण बनाने की कोशिस की गई, बंदे मातरम हमेशा रास्त्री भा
08:33अजेक्श महारे, बंदे मातरम के साथ जो अन्याय हुआ है, उसको जानना इसलिए भी आवश्यक है, ताकि भावी पीडियां ऐसा करने वालों की मानिशिक्टा को, ऐसा करने वालों की सोच को ठीक तरीके से थमश्यके, और अजेक्श महारे, और सबसे महत्यपूर्ण वज
09:03अंग्रिस ने अपनाया, इसी राज ने इतने देश का विभादन कराया है, और आजारी के बाद, सामप्रदाइक शोहार्द और एकता को कमजोर किया, अजेक्श महारे, आज हम बंदे मातरम की गरिमा को पुनर अस्थापित कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोग हम सब के खिला�
09:33प्रयास ये विभादन कारी मानसिक्ता का परिशे देता है अजेक्श महोदे, हमारे मन में रास्टगान और रास्टगीत के लिए बराबर का सम्मान है, जो लोग यह बाद नहीं समझते हैं, वे मां की ममता को भी नहीं समझते हैं, मां अपने बच्चों में अजेक्श महो�
10:03जनकड़मन और बंदे मात्रम दोनों ही हमारे रास्टी गाउरो हैं, दोनों को भारत माता के प्रतियतूत प्रेम, रास्वाद और बलिदान की भावना एक सुत्र में मानती हैं, विले बंदे मात्रम का उध्गोष यह किसी के विरुद्ध नहीं है, बलकि हमारी रास्टी �
10:33जन्यल रूल की कूट नीट और कुशासन ने वनीश्वी सदी के उत्रार्जक हमारी मात्र भूम की सिटी बहुत ही दैनीय करनी थी, उस समय बंगाल की धरती से रिशी बंकिंग चंचटू बाध्याजी ने बंदे मात्रम का हावान किया, यहावान राम्यान के प्रसिद्ध
11:03स्वारगाद अपी गरियेशी, इस श्लोक में भगमान राम ने लक्षमण जी से कहा है, हे लक्षमण यदी हमारे यदी, यद्य अपी, यह लंका सोने की है, फिर भी मुझे यह अच्छी नहीं लगती है, क्योंकि जन्निनी और जन्म भूम यह स्वारग से भी बढ़ करें,
11:33प्राचीन काल से हम भारतवासी, यग जन्नी, ग्रिह जन्नी और राष्ट जन्नी की पूजा करते चले आ रहे हैं, अब तक स्वारे हम लजियों को भी मा की संग्या देते हैं, भूमी को मा के सुरूप में देख रहा है, यह हमारी सब्वता का एक संसकार और यह विचार रह
12:03अधिक्ष महोड़े, मात्री पूजा की इसी परंपरा से ही बंदे मात्रम गीत का जन्म हुआ है, लेकिन जो लोग नो सब्वता के मुल्यों को समझते हैं, जो लोग नो संस्कृत के महत्त को स्वीकारते हैं, जिन्हों ने परंपराओं को दर्किनार कर दिया, वे लोग यह
12:33हमारी सरकार ने बंदे मात्रम की 150 वी वर्षगाट को धूम धाम से सारे देश में मनाने का फैसला किया है, वर्षगाट का यह उत्सव, बर्षगाट का यह उत्सव सांकेतिक नहीं होगा, अध्यक्ष महोड़े, कोई दिखावा नहीं है, यह एक प्रण है, बंदे मात्रम क
13:03रखना चाहता है, पहला यह कि भारत की आत्मा उसकी आध्यात्मिक आस्था है, यह आध्यात्मिक आस्था, रिलियन या मजभच से नहीं जुड़ी हुई है, बलकि रास्ट भक्ति से जुड़ी है और यह बाटने वाली नहीं है, यह समावेशी है, अध्यक्ष महोड़े, �
13:33क्रिंटिकल कंसेप्ट नहीं था कोई रिलिज्यस फंसेप्ट नहीं था यह म Manas entitled कुछ अ Nő यह दिया
13:47कि उन्होंने इसके गलए पर आप्तियां उठाईट और इनवाप्तियों के पीशे अंग्रेजी
13:53हुकुमत की डिवाइड एंड रूल की पालसी थे इसे दुरभाग विसे उस समय की कांग्रेस की तुस्टी करण की राज़ीत का भी भरपूर सबर्थन विला है अज हमें इस गलती को पूरी तरह से सुधारना होगा और माभारती से जिड़ हुए हर प्रतीक के प्रती जो रा
14:23प्रारम्ह में बंदे मात्रम की रशना स्वतंतर रूप से की गई थी और बाद में इसे बंकिम्चंद चटुपाद्याय ने आनन्दमठ उपन्याश में शामिल किया था कुछ लोगों को आनन्दमठ भी सामपरदाई लगा इस कारण बंदे मात्रम को भी निशाना बनाया �
14:53है तो यह स्पष्ट हो जाता है कि आनन्दमठ की विशेवस्त किसी भी मजभ या स्वंपरदाई के खिलाफ कदापी नहीं थी उस समय बंगाल में जक्श महुदै भयंकर अकाल था लोगों को अकाल का सामना करना पड़ रहा था लोग भूख मरी के कगार पर थे अंग्रेज
15:23साफ हो जाता है कि बंदे मात्रम आनन्दमठ कभी भी इसलाम बिरहुदी नहीं था यह तो उस दोर के बंगाल के नबाब और बिटिस सामराज जवाद के गढ़ जोड के छिलाब आम जनता की यह पुकार थी अध्यक्श मोरे आनन्दमठ पन्यास में जब उसका एक पात्र �
15:53हम और किसी मा को नहीं मामते जननी जन्मभूमिश्य स्वरगाद अपिगरियशी हम जानते हैं जन्मभूमी ही जन्नी है हमारी मा नहीं पिता नहीं बंदु नहीं इस्त्री नहीं पुत्र नहीं घर नहीं मकान नहीं हमारे लिए सिर्फ वही सूजला और सूफला है
16:15अद्यक्ष मोजई क्या ऐसी भावना का चित्रन करने वाला कभी और लेखक क्या वो कमिनल हो सकता था
16:24अब समय आ गया है कि बंदे मात्रम मोसकी इतिहाफ का अन बायाफ्ट इवैलेशन किया जाए अद्यक्ष मोजई
16:31आ गया है समय और अद्यक्ष मोजई बंदे मात्रम के दो पत तो सभी ने सुने हैं लेकिन बाकी की बारे में लोगों को जादा पता नहीं है
16:42और जिनल वरजन में से अधिकांत असों को भुला दिया गया है उन पदों में भारत की विशेश्टाओं को दर्शाया गया है
16:49अब उन पदों के महत्वरारत को पूरी तरका से समझने का आउसर आ गया है अद्यक्ष मोजई और यहीं आउसर है
16:57पहला पद जिशेश्टाया गया उसमें बंकिंबावो भारत मात आके संदर्व में का कहते हैं तुम ही विद्या हो तुम ही धर्म हो तुम ही हिर्दय हो तुम ही मर्म हो तुम ही मेरे सरीद की प्राण शक्ति हो
17:14बंडे मात तुम से इन कुछ पक्तियों से लिकालने का सवर्थन करने वालों से मैं यह पूछना चाहता हूं जिहोंने भी लिकाला किस संदर में किस हर्थ में किस भावणा में किस तरह और किस दिर्श्टीशे उनको बंडे मात तुम की यफस्तारी पंटियां साम प्रदा�
17:44वो जिन्ना के चस्मे से देख रहे थे
17:46इस करें इस कारणों नहीं सामको रहे
17:49अध्यक्स मुझे बंदे मातरम की यह पंक्त
17:53भारत की आत्मा का परिशे है
17:56फिर से दोहराना चाहता हूँ
17:57बंदे मातरम की यह पंक्त
17:59भारत की आत्मा का परिशे है
18:01यह पक्त पंक्ती हमें बताती है
18:04कि हमारा भारत एक ऐसी सब्विता है
18:07जिसने आध्यात मिक्ता को कभी दिवार नहीं बनने दिया
18:10हमारा अध्यात मौसुत्र है
18:13जो तोड़ने का काम नहीं करता है
18:15हमारा अध्यात पर जोड़ने का काम करता है
18:18यहवा सब्विता है जिसने कभी इस बात पर बन नहीं दिया कि सब रोग एक ही स्वर की पूजा करें एक ही ग्रंथ मानें और एक ही रीत रिवाज का बालन थे
18:30बंगाली संस्कृति में रचे बसे बंकें चंजी चतर जी इस बात को अच्छी तरह समझते थे
18:38एक और पद में उन्होंने लिखा बाहुते तुमिमा शक्ती बाहुते तुमिमा शक्ती ह्रदे तुमिमा भक्ती यानि हे मा तन की शक्ती भी तुम ही हो और मन की भक्ती भी तुम ही हो लेकिन उन्होंने तुरंट तस्पष्ट किया कि मा की यह भक्ती किसी मुर्ती की पूजा �
19:08इन तमाम तरकों के बावजूब कांग्रेश के एक बड़े तबके ने अपनी तुस्टी करन की राजनीत का खेल बंद नहीं किया
19:17अधिक्स होगा ने धर्म को रिलियन्ट समझना और मात्र पूजा को मूर्थी पूजा के रूप में देखना
19:26अंग्रेजियों की और मुस्लिम ली की पाल्सी हो सकती थी क्योंकि इसमें उनका राजनेटिक स्वार्थ चिपा हुआ था
19:33यह काम जान बूज कर उन्होंने किया बंदे मात्रम को खंडिक किया गया उसे तुस्टी करन का शिकार बनाया गया इससे क्या हासिल हुआ
19:44अज्ट्रेजियों की पाल्सी नव सर्फ पार्टीशन को रोकने में बिफल रही बलकि मैं मानता हूं कि यह पार्टीशन का कारण भी बनी है अब बताओ
19:58जहां एक और कांग्रेश ने तुस्टी करन की राज़ीत की है वहीं हमने सबका साथ सबका अभिकास सबका विश्वास की भावना के साथ काम किया है
20:09अध्यक्षमोरे आज आड़ी के आंदोलन के दौरान ही कांग्रेश के कुछ लोगों की अपने आप उस्टेकुलर दिखाने की बेचैनी इतनी बढ़ चुकी थी भारती संस्कृती भारती परंपरा और हमारी महान सब्यता से जुड़ी कोई भी बात उन्हें कमिनल दिखा�
20:39मैं आज एक घटना का उलेख आपके समक्ष करना चाहता हूं जिसे यह बात और पूरी तरह से अस्पष्ट हो जाती है विदेश मंत्राले के एक उश्चसतरी बैठक में जहां नहरू जी स्वैं मौजूद थे कामनबल सेकरेट्री वाइडी गुंडेविया ने पूछा अ�
21:09कमिनलिजम नहीं है खत्रा है तो हिंदू राइट मिंग कमिनलिजम है और यह प्राण के आधार पर मैं कह सकता हूं यह एक कुस्तक में लिखा है कोई प्रमान मांगे गाम मांगे गा तुका प्रमान भी मैं दे सकता हूं और जख्यमोदे दुरभाग से नहरू जी यह देख
21:39जनवें लेफ्ट विंग एक्स्टमिजम के कारण ना जाने कितनी पीडियां बरबाद हो गया देश के कई हिस्से विकास में पीछे रह गए पहले की सरकारें नक्सलबाद या बामपंथी उगरबाद की इस समस्या का समाधान नहीं ढूंड पाई
22:04इस समस्या का समाधान अगर किसी ने ढूंड तो वह हैं हमारे प्रधान मंतरी त्री नरेंदर मोदी उनके नेत्रतु में उनके नेत्रतु में लेफ्ट विंग एक्ट्रमिजम आज पूंड तह समाप की ओर है अध्यक्ष महर है आज वह अपनी सांसें तोड रहा है यह कितनी �
22:34उस विशारधारा को खत्रा ना मालकर बस रही वे कुटमबकम की भावा में विस्त्वाफ रखने वाली विशारधारा को खत्रा माला गया यह बात कोई रैंडम थार्ट नहीं थी अध्यक्ष मोदें यह एक ऐसा पुरवाग्रह था जिसने तुस्त्री करन की राजदीत को �
23:04और इसी तुस्त्री करन की राजदीत के कारण मुश्लिम महिरांगों से समान अधिकार चीने गए और इसी तुस्त्री करन की राजदीत के कारण भारत का विभाजन हुआ और इसी तुस्त्री करन की राजदीत के कारण आज पश्चिम बंगाल से बहुत से परिवारों को प
23:34भीयू रखी गई, जहां सती प्रथा के खिलाफ आवाज उटाईँ गई, बिधवा, पुनर्वभा को बढावा दिया गया अधयर्ट्छ नगाने।
23:41बाल विबाह की कुरीद के खिलाफ बाल विबाह की कुरीद के खिलाफ आवाज उठाई गए इसी बंगाल की धरती ने भारती पुनर जागर्ण की जनक राजाराम मोहर्ण राय को जन्म दिया है
24:01महान समाज शुडारक्त्री इस्वर चनविद्या सागर जी का भी यन और कर्म बंगाल ही रहा है इसी पवित्र धर्थी पर जनवे स्वामी वेकानन जी ने
24:141893 में कोई विश्वधर्म संसद में भारत की सनातन सभ्यता के महान मुल्यों से पूरी दुनिया को ऑगत कराया था और इसी धर्थी पर जनवे गुरदेव रविद्यना टैगुरु ने भारत को पहला नोबल प्राइज भी दिलवाया था
24:32अध्यक्ष्मोरे बंगाल वह पवित्र भूमी है जहां चैतन्य महाप्रभू स्वामी प्रवानंद संत्रामकिष्परमंद और स्वामी वेकानंद जैसे संतों ने जन्म लिया है उनकी उपस्तित ने बंगाल को अध्यात्म संस्कृति और हमारी सभ्यतागर्ट शेतना का ए
25:02परतनों की जन्नीर रही यह बंगाल की भूम बाद के समय में तुस्ती करन की राजदीत का केंद्र बना दी गए अध्यक्ष्मोरे और यह सचमुच बिडम्बना है कि वही भूमी यहां से रास्त्री एकता का बिगलवजा था वहीं से देश की एकता और अखंडता को चुन
25:32के समान अधिकार के लिए सामाजी कांदोलन सुरु हुआ था वही भूमी आज महिलाओं के लिए और सुरक्षित हो गई है और यह विडम्बना है कि जहां से यह विडम्बना है कि जहां से भारत के पहले आईश्य सरीकारी 77 नाट दी टैगोर आए उसी धरती पर आज इवा
26:02यह विडम्बना है यह विडम्बना है कि वही भूम जहां के सवपूत स्वामेवे कानंजी ने भगवाबस्त्र पहन कर पूरी दुनिया को भारती सभ्यता की महांता से परिचित कराया था आज उसी भूम पर भगवारं का मजा उड़ा जाता है उससे घ्रना की यह और अध
26:32के कारण हुआ है त्रिमूल कांग्रेश के कुशासन के कारण उसकी विभाजनकारी राजनी के कारण अध्यक्ष्म हो रहा है उसकी तुस्टी करण की रीज़ के कारण और घुसपैट्चियों को सरण देने के कारण अध्यक्ष्म हो रहा है और अध्यक्ष्म हो रहे बंकिम
27:02बंगाल की भलाई के लिए जरूरी है कि हिंदू और मुसल्मानों में एक्ता हो जिस व्यक्ति के ऐसे बिशार हो क्या वे कभी सामपरदाई गीत लिख सकते थे अध्यक्षम हो दें कुछ लोगों के दोरा बंदे मातरम में उपयोग किये गए मेटाफर्स रूपक जिन्हें कह
27:32यह जान बूश कर किया गया है यह बात नहीं है कि हमारे मुसलिम भाईों ने बंकिम्चिन चुताजी के मेटाफर्स को शही अर्थ में नहीं समझाता है मौलाना रजाउलकरीम ने कहा कि बंदे मातरम जैसे नर्गोस और सर्वांग सुन्दरगी को भी स्तामपरदाई कहते ह
28:02कहीं पर अध्व्यक्ष महद्� futu कोई दोस नहीं है का इस ले अध्यक्स महद्थी यह मैं कहना चाहना होंगा और अध्यक्स महद्थे हमें भाई को स्लाम किसको बुत-परस्ती कहता है और उसकी हदें कहां पर
28:18सच्चाई सच्चाई है कि भारती मुस्लिमों ने बंकिम चंद चकरजी के भाव को कौन बैठाने वाला है कौन बैठाएगा क्या बात करते है
28:31पाल में व्हां थाइगा वह थाई पर मंसाथ ही थे हमारे साथी थे हमारे साथी अधा भक्ताई
28:56प्लीज प्लीज प्लीज लुग अध्यक्सप हो रहते हैं सक्षाज़ बोले
29:06सच प्रफंजावर कमॉलों सच प्रत्रावा नहीं मचाना चाहिए
29:17खड़े हो खड़े होकर आपजन सब्हाने कि वे जब भी बोलने का उसने बैदिसे आउन страх कर सकते हैं
29:23संसत्य मर्यादा मैंने कभी नहीं तोड़ी
29:32अध्यक्ष मुस्लिमों ने बंकिंच चतरजी के भाव को कांग्रेश के कुछ नेताओं या मुस्लिम लेक के नेताओं से कहीं अधिक गहराई और सही अर्थ में समझा
29:47और हमारे यहां की सूफी परंपरा में अध्र्ष मौरे विसे इतकर पंजाब और बंगाल में अक्सर यह भाव देखने को मिलता है जिस भाव से बंदे मातरम लिखा गया
29:58खालाः खौ़ा गुलाम फरीद ने लिखा है ए हस्न एह हक्जी नोरे अजल
30:04ए ह हुस्न एह हक्यी नोरे अजल तैनू वाजिक ते अमकान कहों तैनू दसरत लक्षमन राम कहों तैनू सीता जी जानान कहों
30:16जिसका भावारत है
30:17हे सत्यसौंदर
30:19हे दिब प्रकास
30:21तुम्हें क्या माम
30:22क्या तुम्हें दफरत कहूं
30:24लक्षमर कहूं
30:27राम कहूं
30:28या सीता कहूं
30:29यह भावारत
30:30अदेक्स मोज़े
30:33एक महुखूर वकीन राम जिठामा लाली
30:37जिने एक बात कही थी
30:37मुझे अच्छी तरह याद है
30:39वो अच्छी तरह मुझे याद है
30:42उन्हें ने कहा था कि
30:43इसलाम में
30:44अल्लाव को रब इसलिए कहा जाता है
30:47क्योंकि उसका गुण है
30:49रबवियत
30:50यानि पालन पोशन करना
30:53यही गुण मा में होता है
30:55जो अपने बच्चों के
30:57तन और मन
30:58दोनों का पोशन करती है
31:00और यही डिब गुण
31:02हमारी मातर हूं में भी है
31:05जिस तरह हम अल्लाव के सामने
31:07उसकी अनंत
31:09रबुवियत के लिए सज्ड़ा करते हैं
31:11उसी तरह
31:12माभारती के सामने भी
31:14सज्ड़ा करना हमारा फर्ज है
31:16क्योंकि यह धर्टी हमारा पोशन करते है
31:19इसलिए बंदे मातरम
31:22कोई हिंदू मुसल्मान का सवाल नहीं है
31:26यह तो हर इंसान का फर्ज है
31:28जो इस धर्टी पर स्वांस लेता है
31:31अध्यक्श मुहरे इस तच यह है
31:34कि बंदे मातरम ने भारत के
31:36सभी लोगों की दिलों को अस्पंदित किया है
31:38चाहे वो हिंदू हो या मुसल्मान
31:40बंगाली
31:42और संस्कृत में लिखा गया है यह गीत
31:44तमिल बराठी, कंड़, गुजराती, हिंदी, तेल्गू
31:48मल्यालम और भारत की हर भाता
31:50बोलने वालों के दिलों में
31:52यह घर कर गया
31:53और यह गीत अनेकता में एक ताका
31:56सबसे बड़ा उदारन
31:57और इसी वज़े से
31:59इस ने उन लोगों को बिश्रित किया
32:02जो एक भारत, स्रेश्ट भारत के
32:04बिशारते, धरते थे
32:06अर देख समझे है
32:07सभी ने इसमें संगटित
32:09और एक होने की आवाज सुने
32:11बस कुछ लोगों ने इस कीट का
32:13मतलब गलत निकाला
32:15और गलत समझा
32:16अब इस समझ को बदलना होगा
32:18सही समझ पैदा करनी होगी
32:21और बंदे मात्रम का भी
32:23सही अर्थ भमें समझना होगा
32:25हम सब को यह समझना होगा
32:27बंदे मात्रम के माध्यम से
32:32किसे संबोदित कर रहे थे
32:34सब्साची भटा शार्या
32:36ने अपनी किताब में लिखा है
32:38जब बंदे मावो ने सब पकोटी
32:41यानि साथ करोड आवाजों के बारे में लिखा
32:43तो उसका मतलब बंदाल प्रेस्टेंसी की
32:46पुरी आबादी से था
32:47जिसमें बंदाल, बिहार, उडिशा, असम
32:50और छोटा नागपुर के
32:52कुछ हिस्से भी उसमें सामिज थे
32:54अध्यक्स मावड़े
32:56इसका उलेक स्वेंट बंकिम बावो ने
32:581872 में किया है
33:00और इसलिए
33:02साथ करोड के अबल किसी एक समधाय की आवाज नहीं थी
33:05इसलिए साथ करोड के और एक समधाय की आवाज नहीं थी
33:08किसी एक धर्म या संप्रदाय का यह नारा नहीं था
33:12यह तो समूची भारत की एक स्वरलहरी थी अध्यक्स मावड़े
33:15जिसमें हर्वारती की आस्था
33:17हर्वारती की आस्था
33:19एक साथ गूंग उठी की
33:21जो लोग बंदे मात्रम का विरोध
33:24इस अलहार पर करते हैं
33:26यह मुर्ति पूजा को बढ़ावा देता है
33:28यह बंकिम बावू के विशारों के रत्ती भर
33:31समझ नहीं रखते हैं
33:32मेरा ऐसा मानना है
33:34बंदे मात्रम में
33:36मुर्ति पूजा की कोई बात नहीं है जिक्समोरे
33:38बंकिम बावू
33:39स्वेम मुर्ति पूजा के समर्थक नहीं थे
33:42यह बहुत कम लोगों को जानकारी है
33:44बंकिम बावू
33:45स्वेम मुर्ति पूजा के समर्थक नहीं है
33:47नहीं थे, यह बात उनके द्वारा सन अठारा सो शौहतल में लिखे गए
33:52एक लेख से बिलकुल साफ हो जाती है
33:55और अज्यक्ष मौरे, बंकिम बावू के लेखं से यह भी अस्वष्ट होता है
33:59उनका मानना था, भारती ये संस्कृत में भगवान की प्रतिमा ये भाव गम में है
34:06एक सेतु है, एक माध्यम है
34:09माध्यम है सत्ट को जानने का, माध्यम है इश्वर के स्वरूप को समझने का
34:16इसलिए बंदे मात्रम की माँ भारती कोई मुर्तिमान यह देवी नहीं है
34:22बलकि वह एक प्रतीक है उस भावना की इसके लिए हर भारती के हरदे में प्रहिम है
34:29और मैं दोहराना शाहता हूं कि बटे सासा और कुछ कट्टर पंसियों ने साइड इस बात को नहीं समझाता
34:46साथ क्यों दिया जब कि हम लोग तबी बंदे मात्रम के साथ हुए अन्याई के विरोध में खड़ेते और आज भी हम बंदे मात्रम के सम्मान के साथ किसी भी प्रकार का समझोता नहीं करेंगे
34:57बंदे मात्रम का गौरो हमारा गौरो है हमारा गौरो ही नहीं है हमारे पूरे भारत देश का यह गौरो है
35:04महात्मा गांधी बाल गंगादर तिलक्ट से लेकर राजंदर बावू और डाक्षर सांप्रसाद मुखर जैसे महारायक मौजूद थे जो भारत की सभ्यता और संस्कृत पर गर्व करते थे
35:21और इसी का प्रवा हमारे संब्रान की मूल प्रति में अंकित चित्रों में दीखता है त्रिलललाल बोष जी के मारत दर्सने बने ये चित्र भारत की आत्मा को भी अध्यक्ष्मोहदे प्रत्विंबित करते हैं
35:33सिंदुगाती सभ्यता की मुहर वैदी कास्रम प्री राम और रामण का युद्ध गीता उप्रेश भगवान बुद्ध का धर्मशक नटराज महावली पुरम का गंगा ओतरन चत्रपती महाराज शिवाजी और गुरगोवे निसिंग जी इन सब को संबिल्हान में समान मिला
36:03जेक्ष महोरे लेकिन आज आदी के बाद कांग्रेस ने भारत की सभ्यता संस्कृती और यहां तक की भारत के संबिल्हान को भी हमेशा अपने संकेंड हितों की बली चाहा है
36:14तुश्टी करन की राज्डी कांग्रेस के लिए हमेशास सम्भिधान भारत की संत्कृति तब्ध्था, संप्रहुता और मानोथा के ऊपर रही है
36:25कि बंदे मात्रम के साथ कांग्रेस ने संभिठान को भी खंडित करने का काम कि बरत्व निशा क्यामन में पहला संभिठान संसधुशन करके मूल संभिठान के चरित्र को बदल दियाọn जा अद्यक्शमोद
36:36को बदल दी आगे अध्यक्षमोद और यही तना बड़ा परिवर्तन था कि कानून के जानकारों ने इस संसोधन को दस सेकंड कांस्ट्यूशन की शंग्या दीती अध्यक्षमोद
36:48और उसमें हमने स्वंविधान की आत्मा को बचाने की लड़ाई भी लड़ी ती डाक्टर शांप साथ मुखर जी ने इसका बहुत जवर्दस्त विरोध किया था उन्हें पंडेत तहरू से कहा था यू आर ट्रीटिंग डिस कांस्टिचूशन एज इस क्रैप अफ पेपर या
37:18सम्भिधान की प्रस्तावना के साथी खिलवार किया गया ऐसे कुछ सब्ध जोड़े गए सिकुलर और सुसीलिजम जिन्हें सम्भिधान सुभा ने नकार दिया था उससे अर देखने हो रहें सम्भिधान और उसके मुल्यों के साथ खिलवार आगे भी जारी रखा गया य�
37:48आप में था अध्यक्षमाहद है उस फैसले को उलटने के लिए जब कांग्रिस की सरकार में संसर में कानून पास किया तो यह पूरी तरह से अस्पष्ट हो गया कि कांग्रिस के लिए नियाए से ज्यादा महत्रमुण है ओट बैंक और तुष्टी करन की राज़ी और अध्यक
38:18गुण्वां बंचित रह गया इस घूट को सुधारने का काम भी दी किसी ने किया है हमारे प्रधार मंत्री नरेंब्र मोधी जीन ने किया है
38:42continuous migration, deaths, rapid urbanization,
38:46मत दाता सूचियों को डिस्टार्ड कर देते हैं.
38:49इपने चुनावों की विश्वशनियता प्रभावित होती है.
38:53जेनुईन ओटर्स को नुकसान होता है.
38:56और साथ ही चुनावी वैदता पर भी स्वाभावी कुरूप से प्रस्ण उठते हैं.
39:00यही पर अध्यक्ष मोरे यसायार जैसी प्रक्रिया की आवश्च्टा पड़ती हैं.
39:11ताकि मत दाता सूचि को ठीक किया जाए.
39:14लेकिन जब कुछ दलों के नेताज चुनाव हारते हैं,
39:20या उन्हें हार सामने दिखाई देती हैं, तो वे इस पूरी प्रक्रिया को ही लाकर कटगड़े में खड़ा कर लेती हैं.
39:28और यह संबैरानिक संस्थाओं के प्रती गहरे अनाधर भाओं को दर्शाता है अध्यक्ष मोरे.
39:33अब यही लोग लगातार चुनावाई उपड एक साजिस के तहत हमले कर रहे हैं, यह कोई साधार अनालों शना नहीं है, यह एक सोशी समझी साजिस का यह हिस्ता है, अध्यक्ष मोरे, संबैरानिक संस्थाओं को बदनाम करना, राफ्ष के साथ अन्याय है, क्योंकि यही सं
40:03परंपरा रही है, आज जब देश मजबूत, लोग तांत्रिक मुल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है, तब ऐसी नकारात्मक राजनी नो के अवल निरासा जनक है, बलकि देश सहित के विरद भी है, अध्यक्ष मोरे, कुछ जल अपने राजनीतिक स्वार साजने के लिए, सि
40:33यह बात हिहास के पन्नों में दर्ज है, जब डाक्टर राजन प्रसाजी ने सोमनात मंदर के पुनर नर्माण और उधगाटन में शामिल होकर सांस्कितिक पुनर जागरन का संदेश दिया, देना शाहा, तब कंग्रेस ने इसका कड़ा विरोध दी किया था, राम मंदर नर
41:03इतिहासिक नर्डे के बाद कहीं जाकर भगवान स्री राम के बंदर का निर्माण हुआ है, और यह केवल एक मंदर का निर्माण नहीं है, बलकि यह भारती सब्हता के आत्म दोरों की पुनर थापना भीटी अद्यक्श मोजे, इन तभी बातों को देखकर, मैं यह कह सकता ह
41:33स्टेटिजिक थी, जहां कुछ लोग बंदर मात्रम के साथ सौतेला विवहार कर रहे थे, शाम परदाइक बता रहे थे, वहीं दूसरी ओ, महात्मा गांधी और डाक्टर राजन पताज जैशे देताओं को, इसमें किसी प्रकार की शाम परदाइक ताद्यक्श मोजे नहीं
42:03तो मैं रोमान चित हो गया, यह गांधी जी ने कहा रही और इस पर मैं मोहित हो गया, उसमें मुझे क्यवल राफ्ती भावना ही दिखाई दे रही थी, मुझे ऐसा कत्ताई नहीं लगा कि यह गीत, एक हिंदू गीत है, यह महात्मा गांधी ने कहा था, मैं नहीं कह रहा ह�
42:33यह महात्मा गांधी ने कहा था, अध्यक्स मोदे, डाक्टर राजंदर वागु ने कहा था, कि यहां तक बंदे मात्रम की बात है, यह मुर्ति पूजा को बढ़ावा नहीं देता है, मा दुर्गा का मतलब कोई मुर्ति नहीं है, बलकि यह उस देश का दूसरा नाम है, जो
43:03को सिरे से नकार दिया था मौलाना अब कलाम आजाद ने भी, उन्होंने भी बंदे मात्रम कीट को बहुत घहराई से देखा था, जोनों ने इसमें इसमें इसमें इसमें सिद्धानतों और वेदानत दर्शन का एक सुन्दर मेल पाया था, वेदानत कहता है, तच्चाई के �
43:33दूसरा विचार, इसलाम से आता है, वहां वहदते दीन, वहां वहदते दीन, यानि सभी धर्मों की एकता की बात है, इसलाम में भी सभी धर्मों की एकता की बात है, असुलह कुल, यानि सभी के साथ सांती और भाई शारे की बात की गई है, बंद मातरम गीत में, उन्होंने �
44:03रहिम तुल्ला सेयानी, नवाब सेयद मुहम्मद बहादुर, डाक्टर एमिय अंसारी, मौलाना आजाद, इन में ते किसी ने भी बंदे मातरम का कभी भी विरोध नहीं किया है, जिक्ष्मोजे, जहां तक बात है मुर्थ पूजा की, तो मैं आज इस सदन के माध्धम से, सभ
44:33मुमनी, यानि विस्वास करने वालों की मां, और उमुल किताब, यानि ग्रंथ जननी यशे शब्द मिलते हैं, क्या इन्हें भी मुर्थ पूजा की संग्या दी जाएगी? क्या इन्हें भी मुर्थ पूजा की संग्या दी जाएगी? अजिक्ष्मोजे, बंदे मातरम को स्�
45:03कर 1905 तक कांगर्स का ना अपना कोई रास्तीं गीप था ना अपना जिन्ड फंभा गया गया है
45:10कांङ्रस घुलामी की मानफिक्ता को छोड़े और बंदी भात्रम को इसके पूंड स्वरूप को स्विकार करने की बात करहें
45:19देश को लोग आपको अभी भी माफ कर देगा अध्यक्स मोदे मैं याद दिलाना चाहता हूं
45:29बंडे मात्रम ने बिटिस सामराज्य की नीव हिला दी थी उन्डी सो पांट में खुद मोतिलाल नहरू जी ने
45:35बंडित नहरू को लिखे पत्र में लिखा था मोतिलाल जी नहरू लिख रहे हैं हम बिटिस सासन के इतिहास की सबसे अधिक संकट पूर्ण अबली से बुजर रहे हैं
45:44इलहाबाद में भी बंडे मात्रम आम अभिवादन बन गया है जड़ी अभियान चलता रहा तिहां लोटने पर जब तुम गए उससे बिलकुल बदला हुआ पाओगे यह मोतिलाल नहरू जी ने कहा है
46:01इतना जन्सबर्थन होने के बाद भी तथाकतित रिलिजियस संटिमेंट होने के नाम पर बंडे मात्रम का बराबर भिरोट किया गया है
46:10कुछ लोगों वारा तरह तरह के शडियंतर करके उस गीट को दोयम अस्थान पर लाकर खड़ा कर लिया गया है
46:17ने चाड़ी जब कांग्रेस से निकले और आजाद हिन फौज की अस्थाफना की
46:21तो फौज के संचालन गीतों में बंडे मात्रम को रास्ट गीत का अस्थान दिया गया था जक्षमोदे
46:28पंडित नहरू ने पंडे मात्रम के खिलाब तलह तलह के तर्क दिये
46:32उनके अंसार बंडे मात्रम आरकेस्ट्रा पर आथानी से नहीं बजाये जा सकता
46:36उन्हों लिखा है कि in Nehruji's assessment, in Nehruji's assessment
46:44tune was not more important than the words
46:47I quote him in regard to the national anthem tune
46:52in regard to the national anthem tune it was felt that the tune was more important than the words
46:59and that this tune should be such as to represent the Indian musical genius
47:05as well as to some extent the western
47:08so that it might be equally adaptable to orchestra and band music
47:14and to being played abroad.
47:17उन्होंने खा है, घरूजीर, यह भी मानते थे
47:21कि राश्टी गान का असली भत्व बिदेशों में जादा है, अपने देश में जादा है, अपने देश में कम है।
47:28उन्होंने कहा था, the real significance of the national anthem is perhaps more abroad than in the home country.
47:37यह तरक महज बहाना था, सास्त्री संगीतकार मास्टर कृष्ण राव जी ने नहरूजी के तरक को खारिज किया था,
47:44उन्होंने बंदे मातरम की तीन अलग-अलग त्यून्स, बंदे मातरम की तीन अलग-अलग त्यून्स, संविधान सभा में ही प्रस्तूत की थी,
47:531949 में, कृष्ण राव जी ने एक पत्र में लिखा है,
47:56कुछ लोग कहते हैं कि बंदे मात्रम बैंड पर नहीं गाया या सकता कि तो मेरा पक्का विश्वास है यह संभव है और वह भी वड़े सुन्दर धंग से संभव है मैं अपनी तर्जमें से गार्ड सेप्ड किंग से अधिक प्रभावसाली बना सकता हूँ
48:13अधिक्ष मौले और तो और स्वयम गुरदेव रबिनाथ टाइगोर ने भी बहुत पहले ही बंदे मात्रम की त्यून तयार की ती लेकिन पंडित नहरू ने बंदे मात्रम के खिलाफ अपना मन बना लिया सा धिक्ष मौले नहरू जी ने कुछ लोगों का हवाला देते हुए
48:43को उस गीत में मूवमेंटी नजर नहीं आ रहा है अधिक्ष मौरे यह भारप के लोगों के साथ एक भद्दा मजब था जहारास के प्रतीक के चुनाओं के लिए शब्दों और उसके मतलब से जारा इस बात को महत दिया गया कि विरेशी लोगों को इसकी ट्यून कैसी लग
49:13लोगों हो रहें और जेख भेडरी चु stripes裡面 सवा ने देज का रास्टगान अपनाया समिलककमे रास्टगान पर हुई चर्चा क्ल मिलकर कुल विलाकर तीस मिनuriousर भी कम चली थी रास्टगान पर चर्चा क्ल मिलाकर तीस मिन्यूट से भी कम चली थी क्या इसका अर्थ यह था
49:43नहीं बनाना चाहते थे उन्हें यह बहांस हो गया था कि अगर चर्चा हुई तो स्वतंत्र भारत का रास्त्रदान क्या होगा साइड इसने ही इस पर जाजा करना ज्यादा चर्चा करना उचित
49:56नहीं समझा गया और बंदे मात्रम को समान समान देने की बात कही गई थी लेकिन वास्तों में इसे दोयम दर्जा दिया गया अगर समान समान देने का वाला किया गया था तो अध्योडे क्यों उस समय की सरकारों ने बंदे मात्रम को
50:12prevention of insults to national honor act में अस्तान क्यों नहीं दिया गया मैं इस सवाल का भी जवाब चाहूँ यह इस देश का दुरभाग गया ध्यक्ष मोले जिस गीत के बारे में गांधी जी ने कहा था जब तक यह देश रहेगा बंदे मात्रम रहेगा उस गीत को गाने का हक मांगने के लिए अदाल
50:42मात्रम के साथ नहीं हुआ है बलकि बंकिम बावू की पूरी विरास्त के साथ हुआ है बलकि बंकिम बावू की पूरी विरास्त के साथ हुआ है पच्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च्च
51:12जगा से नकिव sharply अंयान हैं बल्कि जगा की स्थिति भी अद्यक्ष मोधे बहुती धैली हो गईं अजक्ष सुमोडे मंदे मात्रबं के साथ BENGला भासा के साथ भी अन्याय हुआ है
51:23बंगाल और बंगला भासा किस्तान मंकिम बागू के साथ हुए अन्याय को
51:28हमारी सरकार ने बंगला भासा को क्लैस्कल लेंग्वेज का दर्जा देकर सही करने का प्रयास की लगा
51:34और अध्यक्ष मौरे आज हम आदाद हैं हम दुनिया के एक बड़ी ताकत हैं
51:40और विक्सित रास्ट बंडे की राह पर हम तेजी से आगे बढ़ चले हैं मैं आज सदन को बतलाना चाहता हूं एक सा पचास वर्स पूर्वलिखे बंदे मात्रम गीत में आज के भारत के उदय का मार्ग भी देखा जाता है
51:52बंदे मात्रम के वाध्यम से बंकिम बाबू ने उत्तिस्थ जाग्रत का संदेश दिया यानि जब भारत का हर नागरिक बंदे मात्रम कहेगा तभी भारत शशक्त बलेगा बंदे मात्रम भी बिक्सित भारत का मार्ग प्रशश्ट करेगा
52:10हमारे आप मपल को बढ़ाएगा रास्त्री एक्ता को बढ़ावा देगा स्वरेशी की भावना को भी यह बढ़ावा देगा
52:19सभी सामसरों से आग रहे हैं कि हम सब एक साथ आएं और विशार करें कि क्या हम कांस्ट्यूशन के आड़किन 51A के तहट सभी नागरिकों के लिए एक नई
52:32फंडामेंटल ड्यूटी नहीं जोड सकते हैं जिसके अंतरकत हम बंडे मात्रम का वैसा ही तम्मान का हैं जैसा कि हम रास्तदान का सम्मान करते हैं अगर हम ऐसा करते हैं तो यह बंडे मात्रम और इसके लेख़ग और बंगाल के महान रास्तवारी शिंचिन तक बंप में ब
53:02और हमारे समिधान की सबसे उची पुकार है
53:05बंदे मात्रम मात्र भूम के प्रती वातसलिका अनहद नाद है
53:11बंदे मात्रम सुतंता संग्राम के उन अग्यात और अवरनित सैनिकों की याद है
53:16जिन्होंने अपनी मात्रिभूम के लिए अपना सर्वस निवशाबर कर दिया यह उस पीड़ा को भावपूंट फ्रदांजली अध्यक्षम हो रहे जो अशंख्म मतवालों ने आजारी प्राप्त करने के लिए सही में के लिए सहाथा बरदात किया बंदे मात्रम हर उस सैनिक
53:46है त्याग का महामंत्र है और बलिजान का यह अमर्गान है बंदे मात्रम, बंदे मात्रम हमारें सालियकीद का मुरान है जेक्षम्हो रहे
54:10या संदेई से कर्ब की प्रेणा है शक्ति का आवाहान है विजय का विश्वात है अमरत्व का स्वर है पवित्रता का स्पंदन है और रास्था का आधार है धक्षमोरे बंदे मातरम हारतियता का और रास्थियता का एक ससक्त हस्ताच्छर भी है धक्षमोरे इफले गर्ब से क
54:40से किरन रिजु जी
54:44सर आई राइस तो प्रेजन दार गुल
54:48तो बंकिम बावु की विरासत के साथ अन्याय हुआ राजनात सिंग रक्षा मंत्री बंदे मातरम पर जो थाज खंटे की पहस चल विए नोग सबा के भीतर
55:01उस पे राजनात सिंग बात कर रहे थे पिछले एक घंटे से करीब करीब राजनात सिंग ने अपनी भूमी का इस पर रखी और अब राजनात सिंग का आरोप है
55:21कि वंदे मातरम पर पुरानी गल्कियों को सुधारना पड़ेगा
55:25साथ साथ उन्होंने कॉंग्रेस को भी नसियत दिये है कि आप पूरा वंदे मातरम अपनाएं ताकि पुराने अपराज माफ किये जा सके
55:33कॉंग्रेस ने संविधान को खंडित करने का काम किया है ये भी राजनात सिंग का आरोप है
55:37सविधान की भावना से कॉंग्रेस ने खिलवार किया है
55:40वंदे मातरम के पहाने कॉंग्रेस पूरू प्रधार मंतरी जवारडाल नेरू पर भी भारती जनता पार्टी ने तमाम आरोप लगाये हुए है
55:48राजनाथ सिंग ये भी कह चुके है कि वंदे मातरम के पीछे कॉंग्रेस का राजनितिक स्वार्त है ये भी उनने खाया है
55:57और सबसे बड़ा आरोप लगातार जो प्रधार मंतरी नरेंडर भोजी और उसके बाद अब राजनाथ सिंग ने भी लगाया है
56:02कि वंदे मातरम के टुपले करने के पीछे तुष्टी करन की राजनिति की और वंदे मातरम तुष्टी करन का शिकार हुआ है
56:10उसके साथ साथ बंगाल को लेकर भी और बंगाल की राजनिति को लेकर भी राजनाथ सिंग ने कुछ टिपनिया की है
56:18उनका ये कहना है कि लेफ्ट और टीमसी के कारण बंगाल आज पिछड़ा हुआ है
56:23वही प्रियांका गांधी ने सरकार पर ये आरोप लगाये था कि बंगाल के चनाव नस्दीक है और ध्यान भटकाने के लिए दरसल ये बहस की जा रही है
56:38वही राजदात सिंग ने उसके जवाब में कहा है कि बंदे मातरम के साथ बंगला भार्षा का भी अप्पान करने की कोशिश हुई और तुष्टी करन की राजनीती के लिए बंदे मातरम के टुकडे किये गए
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