00:00यम्राज आकर के मालूम है क्या ले जाते हैं अधूरी कहानिया शरीर तो मिट्टी हो जाता है कैसे ले जाएंगे आप जितने किलो के हो जलने के बाद एक एक ग्राम आपका प्रत्वीप को और वायु मंडल को चला जाता है यम्राज उसको ले ही नहीं जा सकते हैं तो इतना �
00:30और उसी के लिए आप रोते हो, कहानी अधूरी रह लिए, अभी कुछ बाकी था, जो बाकी है उसे बाकी मत रह जाने दो, मत रह जाने दो, जिनका बाकी नहीं रह जाता, वो 20, 25, 30, 35, 40 की उमर में भी मस्त विदा होते, विवेकानन्द हो, जीजस हो, आचारे शंकर हो, जुम
01:00कर रहे थे, और जिसने जिन्दगी सही नहीं जी, वो असी में भी जाएगा, वो तो भी कलपेगा, वो कहगा रहे, अगर बस एक दो साल और मिल जाते, तो मृत्यू नहीं डराती, कहानी का अधूरापन डराता है, मृत्यू तो उत्सव की बात भी हो सकती, अगर आपकी कहा
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