00:00जब मैंने स्क्वाश सीखना शुरू करा था तो जो मेरे कोच थे उन्होंने कहा कि इंडिया में बहुत हेवी एंड्रोल्मेंट रहता है स्क्वाश में 11 से 15 साल ये जो एज ग्रूप है इसके बीच में और ये परफॉर्म भी अच्छा करते हैं
00:18मैंने का फिर क्या हो जाता है बोले इंडिया में स्क्वाश अभी बहुत पॉपुलर नहीं है तो पेरेंट्स स्क्वाश है बच्चों को इसलिए भेजते हैं कि इसमें कॉंपिटिशन कम है जब कुछ नैशनल रैंकिंग आ जाएगी जब नैशनल रैंकिंग आ जाएगी तो �
00:48जब अपनी सिंदगी का पता होता है तो दूसरों से इरश्या नहीं होती दूसरों से आप बहुत तुल्ला करना ही नहीं चाहते क्योंकि अब मी वर्सेज यू नहीं होता है जलेसी का मतलब होता है मी वर्सेज यू और इमानदारी का मतलब होता है मी वर्सेज मी मी वर्से�
01:18बात है कि improvement तो हमेशा me versus me ही होगा, हाँ दूसरे को देख करके आप एक inspiration ले सकते हो कि देखो वो कहां था, वहां से कहां पहुच गया, लेकिन वो भी आप उसकी जो तरक्की देखोगे, वो उसकी तरक्की उसकी तुलना में देखोगे, हम गड़बड ये कर देते हैं कि उसकी
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