00:00अचर जी थोड़े विक्तिगत कोईशन्स थे जानवरों को लेके ही आचर जी जैसे कि हम किसी जानवर को बचा के लाते हैं जो हमारी आखों से दिखते हैं जो आसपास होते हैं तो आचर जी फिर उनको बचा के लाते हैं कोई जादे कुछी को ऐसी बीमारी है कि वो थोड़े
00:30लसके का अगरंड़ गाइं जाता है
00:31मैं इस सवाल को दूष्छ की से देखता हूं
00:33by दुख शायद प्यारी बात है
00:35लेकिन व दुख मुझे बस उस जानरोवर के लिए क्यों हूं
00:38जफ़ यूख बहुत अच्छे जानता हूं
00:39से बहुत बार गुजरा हूँ, बहुत प्यारे-प्यारे मेरे अनिमल फ्रेंड रहे हैं जीवन के अलग-अलग मौकों पर और मैंने उनको खोया है, डॉग, खरगोश, मुरगा, कई खरगोश, तो वो जो दर्द रहता है, जो मैंने पहला अपना खरगोश खोया था, उस बात
01:09नंदू उसका नाम था, मैंने का फिर मेरे लिए सब जानवर अब नंदू हो गए, मैं अपने दुख को विस्तार दूँगा, किसी भी जीवित प्राणी को अगर दर्द हो रहा है, तो मेरे नंदू को दर्द हो रहा है, सब मेरे लिए नंदू हो चाहे मैं उस प्राणी को �
01:39पूरा गहरे तक जाएंगे, हम कहेंगे, जैसे मेरा गया है, वैसे औरों के भी, तो सब प्यारे जानवर जा रहे हैं, जैसे इसको दर्द हूआ है वैसी नजाने, कितने पश्मों को दर्द हो रहा है, मुझह फिर अब सब के दर्द का इलाज करना है, यह उसके प्रते हमारा �
02:09में लेकर हमाला तक गया था, वाहां वो टोकरे में साथ, वो सब मेरे पास उसके छोटे छोटे वीडियो रखे हुए हैं, इधर उधर लैपटॉप चेंज हुआ, तो वीडियो रखे हैं, डिलीट कर दें, कई बार सोचा, जाने तो यादे हैं, मैंने एक भी वीडियो डिली�
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