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अद्भुत अविश्वसनीय अकल्पनीय: आंध्र प्रदेश के मंदिर में क्या नंदी की प्रतिमा का आकार बढ़ रहा है?
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00:00एक तरफ पत्थर की वो मूर्ती जिसका आकार दावा है कि बरता ही जा रहा
00:29नंदी महराज की प्रतिमा पढ़ते बढ़ते इतनी बढ़ चुकी है कि यहाँ इनके चारों और जो खंबे लगे हैं उनका निर्मार दोबारा करना पड़ा
00:44दूसरी तरफ सदियों पहले की भविष्यवानी जिसमें दावा है कि कल्योग में एक मूर्ती का आकार बढ़ेगा और अगर ऐसा हुआ तो अंत करीब है
00:59कि दिन दखल्यूगा एंडिंग और दिस बसवन्ना इस बसवन्ना विल कम एलाइव और विल रोर मानते हैं कि जब ये नंदी ऊपर उड़ता है तब युगांत हो जाता है
01:20एक विश्वस्निय कहानी के दो अकल्बनिय पहलू ऐसा अधुत गिस्सा जिसका सच सुदूर एक इलाके में गुफाओं मंदिरों में छिपा हुआ है
01:33हम उन गुफाओं कंदराओं तक जाएंगे बढ़ती हुई वो अध्वितिय मूर्ती और उसका पूरा रहस्यमाई क्षेत्र दिखाएंगे
01:41ये कैसा है चमतकार ये कैसा है विस्तार क्यूं बढ़ता है आकार
01:49बहुत सारे संकेत इसमें छिपे हुए हैं बहुत सारी बाते जो आने वाले समय के लिए है भविश्यवाणिया वो सारी इस बढ़ते आकार में जुड़ी हुई है
02:00आज देखिए दुनिया के एक लौते बढ़ते नंदी की अद्भुत और विश्वस्निया और कल्पनिया परताल
02:15कि यहां के सबसे अद्भुत और कल्पनिया और चमतकारी नंदी
02:33महराज की कहानी आज हम को सुनाने वाले ही नमस्कार में कुछ भी ता सिंह और आप देख रहे हैं अद्भुत और
02:41और कल्पनिय आज हम आंद्रप्रदेश के कुर्णूल जिले के यागंती में मौजूद है जहां पर उमा महिश्वर की एक ऐसी मूर्ती स्थापित है जो एक ही शिला से उकेरी गई है स्वयंभू है और उनके समक्ष नंदी महराज अब अगर आप यहां पर यह मूर्ती ही दे
03:11आकार आज से नहीं सालू सालू से बढ़ रहा है और आज स्थिती यह आ गई है तो क्या है बढ़ते आकार की कहानी क्या है बढ़ते आकार की मान्यता और क्या है बढ़ते आकार की भविश्यवानी देखिए अद्भुत और विश्वस्निय और कल्पनिय में
03:41क्या पत्थर की ये प्रतिमा ले रही है विस्तार?
03:44यहां माना जाता है कि एवरी येर नंदी का साइज थोड़ा इंच बढ़ता रहता है
03:59बढ़ा होता है नंदी का प्राण है प्राण शिक्त है नंदी को
04:03सदियों पहले की गई एक भविश्यवाणी
04:13क्या कल्गुप में रही है आकार?
04:37यहां के किस्से कहानियों का वर्तमान में मिलता है साक्षे
04:41ये कैसी महिमा? ये कैसा चमतकार?
04:48वो मंदर में यागंटी मंदर में को नहीं आता नवक रहा में नहीं है
04:53कहते हैं सेंकरों साल पहले महर्शी अगस्तिय ने यहीं की थी कटोर का पस्या
04:58कहते हैं सेंकरों साल पहले महर्शी अगस्तिय ने यहीं की थी कटोर का पस्या
05:11आज भी वो गुफाएं कंदराएं वैसी की वैसी दिखते हैं
05:22पूरे मंदर क्षेत्र में ये खड़ी खड़ी पहाड़ियां और उसमें गुफाएं
05:33और उन गुफाओं में स्थापित हैं वो मंदर क्योंकि प्राचीन काल से जो इतिहास चला आ रहा है
05:39उसके अनुसार इन सभी गुफाओं से आपको एक कथा जुड़ी हुई मिलेगी
05:45और उन सब का सिरा जाकर यागंती नंदी से भी जुड़ता है
05:48यहां पर जिस तरह की मान्यता है और जिस तरह की श्रद्धा है उसमें काल के बहुत सारे रहस्य समाएब रहän
06:01आंध्रप्रदेश के कुर्मूल जिले में यागंती नाम की एक जगय है
06:05जगें यहां परुमा माहिश्वर मंदित निस्थित है भगवान नंदी की एक प्रत्रिमा जो दावा है कि सब्यों दशकों से आकार में बढ़ती जारी है किसी को नहीं पता कब से और किसी को अंदाजा ने कि आखिर कब तक
06:23मान्यता की अनुसार पत्थर के नंदी जब तक विस्तार ले रहे हैं तब तक संसार का अस्थित्व है
06:44आस्थाएं मान्यताएं परंपराएं विश्वास पर चलती हैं जहां तर्प नहीं माने जाते लेकिन इस मूर्ती का बढ़ता आकार सब की आखों के सामने है
06:56कि कहते हैं एक समय में लंडी जी की प्रदिक्षणा की जाती थी लेकिन देखिए अगर मैं ये प्रयास भी करूं तो मैं जाओं कहां से यहां पर बिल्कुल पिलर के साथ अभी मूर्ती लग गई है यहां से संभशत रही है अगर दूसरे विस्ते से भी ये प्रयास किया ज
07:26आप अगर देखेंगे तो बिल्कुल दीवार से बिल्कुल जो निर्माण है उससे सठ चुकुल है प्रतिमा और दूसरी और आप देखेंगे तो वही हाल है एक पिलर को हटाना पड़ गया है यहां से प्रती 20 वर्ष में दो दशक में एक इंच नंदी जी की प्रतिमा बढ
07:56प्रॉपटी हो सकती है जिस वज़े से ऐसा हो रहा हूं कि देखेंगे एक यह पिलर था उसे अब उठाकर यहां पर लगाना पड़ा है यहां से काट कर दिया गया इस हिससे से दूसरा यह पिलर देखिए यह मेरे ठीक पीछे जो यहां पर पिलर है उसे भी नीचे की और से
08:26कैसे फोला गया है कि उपर जो निर्मान था उसे ऊड़ कर आगे की और बढ़ाये गया है मड़्वाइग के वधन सामने और पीछे का जो फिस्सा जो तोड़ कर दोबारा इसका विस्तार कियाा गया है एक रह 수도 कर सकते हैं नंदी जी की स्दोगे परिक्रम है इताय अब संभ
08:56हर वर्ष हर महीने हर सप्ता हर दिन हर घंटे हर पल नंदी का आकार पढ़ रहा है
09:10यह भक्त भी कहते हैं यह पुजारी भी कहते हैं यह मूर्दी का प्रत्यक्ष आकार भी कहता है
09:20एसा नहीं है कि सिर्फ लोगों के मन में ऐसा है कि जो नंदी भगवान है वो यहां पर बढ़ रहे हैं उनकी मूर्ती का आकार बढ़ा हो रहा है बल्कि उसके प्रत्यक्ष प्रमान हैं यहां पर मौजूद यहां पिलर भी हटाना पड़ा है
09:41व मौनामास प्राइब, यहां आऑ नंदी स्थाट्या प्राइब होना, इसला स्वाप दूर्श टोजा upright
09:50धूर्यो ग PhD-10 प्र法 श्रमाएब, टोग्ष एसीरा महीं वो भायाल को तो रहरे चाना प्रूर्दोपर GOOD
09:5520 साल में एक-एक इंच का अंकडा भले ही बहुत छोटा लगे
10:17लेकिन जब ये एक-एक इंच सवियों से जुडता जाए
10:21तो सोचिये कुल मिला कर कितने विशालकाय धाचे की बात हो रही
10:25मौजूदा समय में नंदी की एक प्रतिमा पांच फीट उची और पंद्रा फीट चौड़ी है
10:33श्रद्धालूओं के अनुसार करीब 100 साल पहले यहाँ पर परिक्रमा करने की जगे हुआ करती थी
10:41लेकिन समय के साथ जैसे जैसे नंदी का आकार बढ़ा ये जगे कम होती गई
10:47आज स्थिती ये है कि भक्त चाह के भी परिक्रमा नहीं कर सकते
10:51परिक्रमा कर सकते थे अब अगर आप देखें तो यहां से रास्ता ही नहीं है जो आप परिक्रमा करने के लिए जा सकते हैं
11:16लेकिन बीते कुछ वर्षों में पुरा तत्व विभाग ने इसकी पड़ताल शुरू की
11:46पिछले 15 सालों से इस मंदिर में एसाई अपने प्रयोग कर रहा है ताकि इस रहस्य का पता लगाया जा सके कि क्या यहां कुछ अकल्पनिय हो रहा है
11:58कि नंदी के सिक्ष जी का साइज बढ़ने का अतात पर है कि जिस चटान से नंदी जी का निर्माण हुआ है
12:06उस चटान में वो चटान किस चीज का बना हुआ है बालवा पत्थर है या अन्य प्रकार के खनीजों से बना हुआ पत्थर है
12:21नंदी जी के बढ़ते आकार का जवाब पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम भी तलाश रही है
12:26पत्थरों के आकार में बदलाव हजारों सालों में कुछ मिलिमीटर के हिसाब से होते है
12:31लेकिन यागंती मंदिर में नन्दी जी की प्रतिमा में बदलाव आश्चर ये जनक पैमाने पर है
12:37यह निश्यत रूप से पत्थर में बदलाव संभव है और होता है यह एक विज्ञानिक प्रकिर्रा है और जहां तक समय की बात है यह बदलाव बहुत सारी चीजों पर डिपेंड करता है
12:52वहां का लेंड का इस्ट्रेक्शर कैसा है जिस पत्थर से बना है उस पत्थर के अंदर एलिमेंट्स किया है उसके साती साथ वहां पर की टाइपोलोजी किया है किस तरह का टोपोग्राफी है और वहां पर वेजिटेशन किस तरह का और उस जमीन पर यूमन इंटरफेरेंस कि
13:2215 वर्ष में इस मूर्ति के साइच के भढ़ने का आकलन करेगा जिससे यह पता चल सके कि यह कितने समय में कितना बढ़ रहा है
13:29विशेशग्यूं के अनुसार हो सकता है कि नंदी का आकार बढ़ना केवल एक भ्रम हो बलकि जिस जमीन पर वो विराजे हैं वो जमीन धस रही हो और ऐसा प्रतीत हो रहा हो कि आकार बढ़ रहा है
13:45लेकिन अगर ऐसा सही है तो फिर मंदिर की ही बागी प्रतिमाओं पर ये लागू क्यों नहीं होता
13:51सवाल एक और उठता है कि क्या कुछ ऐसे पत्थर होते हैं जिनका आकार समय के साथ बढ़ता है अगर हां तो कौन से पत्थर होते हैं
13:59अब निर्वर करता है कि बहुत सारे जो उसमें पदार्त हैं मिनरल्स हैं ये खनीज कुछ खनीज गर्मी में फैलते हैं
14:10कुछ खनीज सर्दियों में फैलते हैं कुछ खनीज जो है सर्दियों में संकुचित होते हैं
14:16कुछ खनिज सर्जियों में बढ़ते हैं, अब निर्वर करता है कि चटान में नहीत जो खरीज है, उसका स्वभाव क्या है?
14:25अब इस तरह के देखिए, जो पत्थर है, पत्थर बहुत सारे तत्वों का मिश्रन होता है, जिस पत्थर के अंदर भी खनिज और लोह तत्वों की अधिकता होगी और वहां की टोपोग्राफी और लेंड इस्ट्रेक्चर उसको हेल्प करेगा तो वो पत्थर भढ़ सकते है
14:55पूरा मंदर परिसर भी हम आपको समझाते हैं, पीछे आप मुख्य मंदर का प्रांगण मेरे देख रहे हैं और इस ओर जो अलग-अलग गुफाएं हैं, जिनके लिए मानेता है और ये कहा जाता है कि अगर आपका स्वास्तिय आपको इजाज़त देता है, अगर आप उतन
15:25पर ब्रम्भम गारू जहां पर उन्होंने काल के बारे में भविश्वाणिया अपनी सारी लिखी थी, और तीसरा जहां पर हमने आपको दिखाया, जो की दर्शन करने के लिए जो लोग आते हैं, यानि अगस्ति मुनी ने जहां पर जो अपनी पहली प्रतिमा है, जो खंड
15:55सीडियों से होकर जो भक्त हैं वो आगे जा सकते हैं, अब जिन सीडियों पर हम चढ़ने वाले हैं, वो सबसे कठिन बताई जाती हैं, यहाँ पर सबसे ज्यादा उंचाई पर स्थित हैं, और हमारे साथ आगे चलते हुए आप उसे समझ सकते हैं
16:09यागंती उमा महिश्वर मंदिर शिव पार्वती को समर्पित हैं, और सबसे बड़ी बात ये की भनवान की ये मूर्ती एक ही पत्थर से बढ़ी हैं
16:23इस तरहे ये विश्व का पहला ऐसा अद्भुच्शिव मंदिर भी हैं, जहाँ शिवलिंग की जगे प्रतिमा रूप में महादेई वोपस्थित हैं
16:35ये यागंती क्षेत्रम लो उमा महेश्वर स्वाम लवारू सती समेतंगा स्वयम भूगा विलसेरू
16:43पूरे मंदिर परिसर में चारों और गुफाओं का एक जालसा है जिसमें तीन बेहद महत्वपूण है
17:09पहला वो जहां अगस्तिय मुनी ने तपस्या की
17:12दूसरा वो जहां पोत्तुलुरी वीर ब्रह्मेंद्र स्वामी वारू ने काल ग्यानम में भविश्यवाणिया लिखी
17:19और तीसरा जहां अगस्तिय मुनी ने वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ती गड़ी
17:25ये अगस्तिय महमुनी का तपस्या क्षेत्र है और वो यहां पर वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ती बना रहे थी स्वयम
17:35बाकी मूर्ती तो अच्छी बन रही थी लेकिन बार-बार कहते हैं कि उनके जो दाय पेर का अंगूठा है वो खंडित हो जा रहा था
17:43अब मानिताओं के अनुसार खंडित मूर्तियों की पूजा हो नहीं सकती है बहुत परेशान हो रहे थे इसलिए अगस्तिय महमुनी
17:50इसके बाद उन्होंने दूसरी गुफा में बैठकर वहाँ पर तपस्या वहाँ पर ध्यान प्रारंब किया
17:57कहा जाता है कि सदियों पहले हिंदु धर्म के महान रिशी अगस्तिय मुनी इन गुफाओं में आये थे
18:17वो यहां कई वर्षों तक रहे और अपनी साधना में लीन रहे
18:21जब रिशी अगस्तिय बार-बार कोशिश करके भी वेंकटेश्वर स्वामी की प्रतिमा नहीं बना सके
18:26तब उन्होंने दुखी होकर भगवान शिव को याद करके तपस्या करनी शुरू की
18:31ऐसा माना जाता है कि आज मंदिर में जो मुख्य प्रतिमा उमा महिश्वर की लगी है
18:46वो उसी काल की है और लगातार बढ़ते जा रहे नंदी भी उन्होंने ही स्थापित किये थे
18:52तरिशी अगस्तिया यहस्ण वसंपरदाय के वैस्टेशवर मंदिर का निर्मान करना चाते है
19:06तरफ यह किवद frames ते की जब वैंकिटेशवर की मूर्ति वहां लाहे मंदिर में तो वैंकिटेश्वर की मूर्ति के पैर का नखौन तूट जाता था
19:16जिसके कारण उन्होंने शिव की तपस्या की और शिव की तपस्या करके शिव ने उनसे कहा कि उन्हें ये प्रामर्श दिया कि आप यहाँ पर एक शिव मंदिर का निर्मान करें और रिशी अगस्ते के निवेदन पर उन्होंने उमा महेश्वर अर्ध नारिश्वर रूप मे
19:46पताबदी में विजय नगर सामराज्य के राजा हरीहर बुक्का ने मंदिर को विदिवत रूप से पनवाया और उसी का रूप आज दुनिया के सामने है।
20:16जो शिव मंदिर में क्षेत्र रक्षक यानि द्वारपाल की भूमिका में होते हैं।
20:46जो शिव मंदिर महादेव मंदिर इसका प्रत्यक्ष साक्ष है।
21:10लेकिन एक बात है जो यागंती नंदी को अलग करती है।
21:15पूरी दुनिया में जितने भी शिव मंदिर हैं। उनमें नंदी महादेव के ठीक सामने होते हैं।
21:20लेकिन ये नंदी महाराज शिव पार्वती की प्रतिमा के इशान कोण में।
21:26मान्यता है कि प्रार्थन आप महादेव के लिए लाए हैं तो नंदी जी के कानों में बोल दीजें।
21:40नंदी जी सिफारिश आपकी पहुचा देते हैं महादेव तक।
21:42महादेव तक। لेकिन यहां पर देखिए एक अलग बात। वैसे तो नंदी जी महादेव के ठीक सामने मुख करके बैठे होता है
21:49यहाँ पर उनके ठीक सामने शिवलिंग नहीं है शिवजी की प्रतिमा नहीं है लेकिन आप जब प्रमुख मंदर की ओर देखेंगे उस ग्रे की ओर देखेंगे जहाँ पर उमा और महेश्वर एक साथ विराजमान है तो वहाँ पर उनके ठीक सामने आपको नंदी जी नजर आ
22:19यागंती के बढ़ते हुए नंदी से है अब इन पहाडियों पर भक्तों की सहूरियत के लिए सीडियों का निर्मान कर दिया गया है लेकिन एक समय ऐसा भी रहा होगा जब यहां ऐसा कुछ नहीं रहा होगा
22:49तो देखे लगभगिस उचाई तक हम चड़े हैं और अभी नजाने कितनी और उचाई तक हमें जाना है लेकिन आपको बताएं कि यहां पर जो गुफा है उसमें ऐसा बताया जाता है कि वीर अब्रम्मम गारू ने यहां पर काल ग्यानम यानि कि आने वाले समय में क्या होने �
23:19कल यूग में यागनती नंदी का आकार बढ़ता जाएगा और वो तब तक बढ़ेगा जब तक कल यूग का अंत नहीं हो जाएगा तो ये भविश्यवानी उस किताब में लिखी गई है दुनिया भर की कई सभ्यताएं गवा हैं कि उन सभ्यताओं में किसी ने किसी ने भव
23:49पांडुलीपिया आज उस रूप में सनरक्षित नहीं है
24:04कि इन भविश्यवाणियों का विस्तार से अध्ययन संभब
24:08पर जो जानकारी उपलब्ध है उसके अनुसार भविश्यवाणी के दो हिस्से है
24:14पहली भविश्यवाणी ये कि कल्यूग में यागंती नंदी का आतार बढ़ना शुरू होगा
24:19दूसरा ये कि कल्यूग के अंत काहलाद बासवन्न यानी नंदी महराज जीवित होकर करेंगे
24:27यिरुंढक रोज कारी इंटा भाल DUR खोली में ये नहुड़ित मार्ने था ही पिते क्ति युप कर ढ़नाऊ में युफितीी नंदी की मूरती की तो तो तोंदी की मूरती की नंदी की संदर में ये चूद Intelligence की के आता methods
24:51कि एक्ते की गाफल फैंता है
24:56मूर्ती हर वर्ष निरंतर इसका जो आकार है वो विस्तारित होता जा रहा है और इस संदर में भारते पुराता तो सर्वेक्षन की एलूर सरकिल के सी मोहन राव के निर्देशन में एक कमेटी बनी जिसने उसकी जाच की और इसके बाद जियो लॉजिकल डिपार्टमेंट ने
25:26आज भले ही यागंती नत्ती के आतार को हम इस रूप पे देख रहे हैं लेकिन हकीकत में पहले से तुलना करने के लिए केवल मान्यताओं पर आधारित बाते हैं
25:40ये भविश्यवानी लोगों के विश्वास में गहरी जड़े हासिल कर चुकी है पर हम पूरी हकीकत को समझने का प्रयास कर रहे थे
25:51पूरा दिन मंदिर में बिताने के बाद तरकों को आस्था के तराजू पर तॉलने के बाद भी मन में जो सवाल थे उनका सिलसला खत नहीं हुआ
26:03नंदी का विस्तार किसी विशेश चक्टान या वातवरण की वज़े से है या वाकई कोई पौरानिक सच है जो सामने आना बाकी है
26:14अगर नंदी के आकार का विस्तार सेंकडों सालों से चल रहा है तो कुछ लोगों ने 20 से 30 साल के अंतर पर भी उसे कैसे देखा
26:22क्यों नंदी की ये प्रतिमा दुनिया के बाकी सभी मंदिरों की तरह शिव प्रतिमा के सामने नहीं है और वाकई क्यों बढ़ रहा है नंदी की प्रतिमा का आकार
26:32ये विश्वास या तो अंधा समझकर खारिच किया जा सकता है
26:37या चमतकार मानकर स्वीकार किया जा सकता है
26:40या फिर आकार बढ़ने की बातों की प्यक्यानिक परताल की जा सकती है
26:44हम तीसरे सिरे को पकड़ कर आगे बढ़ रहे थे
26:48दुनिया में बढ़ते हुए शिवलिंग के बारे में सुना होगा आपके
26:55कई ऐसे मंदिर है जैसे तिल भांडेश्वर हो गए वारणसी में वहाँ पर कहते हैं कि तिल तिल शिवलिंग बढ़ते हैं
27:02लेकिन शिवलिंग का बढ़ना और नंदी महाराज के बढ़ने में बहुत अंतर आ जाता है हम आपको समझाते हैं क्यूं
27:30और चक्तिस गड़ के गरिया बन भूतेश्वर नात।
27:34आस्था के पजिन्नों पर चले तो युगों की यात्रा शुन हो जाती है।
27:56तरकों पर यकीन करें तो एक अनसुलजा सवाल है।
28:00भक्ति को भरोसा है कि ये महिमा है महादेव की।
28:08क्या मूर्तियों का बढ़ना हकीकत हो सकता है।
28:11या फिर लोगों का भ्रह्म।
28:12क्या वागई इश्वर इन पावन स्थलों पर अपनी उपस्थती का प्रमाण अपने आकार को बढ़ा कर दे रहे है।
28:18या फिर क्या ये मूम्किन है कि ये कोई प्राकृतिक प्रक्रिया हो।
28:24सबसे पहले देखिए काशी का तिल भाण इश्वर मंतर।
28:28मानेता है कि ये महाशिवलिंग प्रति दिन तिल भर पढ़ता है।
28:32और ये सलसिला आज से नहीं बलकि हजारों सालों से कायम है।
28:38आपको ये महसूस होता है कि तिल तिल इश्वर बढ़ रहे हैं यहाँ पर।
29:08हम पहले आयते तो शीवलिंग बहुत छोटा था अब बहुत बढ़ा हो गया।
29:11तो इतना तो नहीं है कि एक तिल बढ़ता है तो पहले ही से बाबा आदी कांसे हम तो इतना ही बढ़े से देख रहे हैं।
29:15हमारा बच्पन यहीं से गुज रहे हैं।
29:17यह तो हमेशा बढ़ते ही रहते हैं।
29:19लेकिन कुछ लोग कहते हैं साल में लेकिन बढ़ते हैं रोज
29:22कैसलं पौल एमें परए बार आता था और मेने बात सुना कि ओप結果 श्वर और हम थी DD भैते हैं
29:34तो कर्मान से कर्मान से और बढ़ा हो जा रहा है
29:37मेरे विड़तियों को मैं परानेश के कोशिश करें कि हिंदू लोग सोचते हैं या विश्वास करते हैं कि बहु हां डिकूछ भूरे भूमिय में बरा हम निकलता हैं
29:53से कभी-कभी निकलते हैं और हम देख सकते हैं कि कोई शिवलिंग है और शिवलिंग बगवान के शक्ति की कुछ साइन जो है निशान यह लिंग है और यह बहुत प्रदान और नामी के शिवलिंग है
30:10स्वयमू तिल्भानि समय महादेव जी indexxis 69 लिंग है बाभा का स्वयमू उसमें जो है तो यह बाभा भी उसी गिनती में ही आते हैं
30:19कासी मों 69 लेंगे उसमें बाबा ये आते हैं ये प्रती दिन एक दिल करके बढ़ते हैं
30:23ऐसा इनका बढ़ने का मानेता सदीयों से लोग देखते चले आ रहे हैं
30:27अगर ये बाबा बढ़ते नहीं तो प्रती दिन इनको उपड़ जल चलता है
30:31लेकि दिल का आकार इतना चोटा होता है कि जो लोग रोजाना यहां पूजा के लिए आते हैं
30:52उन्हें आखों से के मामूली बढ़त नहीं दिख सकते
30:54पर एक दिल के आकार को अगर माप के हिसाब से हम एक मिलिमीटर माने
31:01तो एक महीने में इस शिवलिंग को 30 मिलिमीटर यानी 3 सेंटीमीटर बढ़ना चाहिए
31:06अब 36 गड़ के गरिया बंद का ये शिवलिंग देखिए
31:13लोगों का मानना है कि ये दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग और चमतकारी भी
31:17क्योंकि ये लगातार बढ़ रहा है
31:19दावा है कि हर साल ये शिवलिंग 6 से 7 इंच तक बढ़ जाता है
31:24कई लोग अपनी पूरी उम्र का हवाला देते हैं
31:29और दावा करते हैं कि कई साल पहले उन्होंने इस शिवलिंग के आकार को
31:32इतना बड़ा नहीं देखा था जितना अब है
31:37निश्चीत रूपस एक शक्ती है निश्चीत रूपसी ये चमतकार है
31:40और इस चमतकार में इस भूलेनात के मंदिर में दर्शन करने के बाद
31:43व्यक्ति अपने आप में एक अदम साहस बहुत आत्म विश्वास
31:46और बड़ा जबर्दस तरीके से व्यक्ति में आध्यात्म की भावना प्रभावित होती है, ऐसा मैंने महसूस किया।
32:16चतीस गड़ के गरिया बंद एलाके में जहां सडक घने जंगलों में चली जाती है, वहीं से इस अधुच शिवलिंग की महिमा की कहानी शुरू होती।
32:24लोग कहते हैं जब यहां कुछ नहीं था, तब भी यह शिवलिंग यहीं था, लेकिन सुक्ष्म रूप में था।
32:30और अब लगातार बढ़ते रहने की वज़े से यह शिवलिंग इतना विशालकाय हो चुका है।
32:36किस से कई थे, कहानिया कई थी, लेकिन तर्क भी अपनी जगे थे, जो इसे चमतकार नहीं, जलवायू और भौगोलिक स्थिती में बदलाव मानते हैं।
32:48मैंने मैं भी उस स्थान पर गया था, और मुझे नहीं लगता कि यह इसकी अपने आप कोई मुटाई बढ़ रही है या इसका साइज बढ़ रहा है।
33:05होता यह है कि यह चटान जो थी वो एक मिट्टी के ठीले में दबी हुई थी, और जैसे-जैसे उसका नीचे की जो स्वाइल है, उसका इरोजन होते जा रहा है, उसका साइज जो है वो एक्स्पोजर जादा दिखाई दे रहा है।
33:19तो हर साल जैसे जैसे उसका इरोजन होगा वैसे वैसे वो उसका जो साइस है वो अपने को बड़ा दिखेगा इसलिए वहाँ के लोगों को शायद ये लग रहा है कि इसका हर साल साइस बढ़ते जा रहा है
33:30शिवलिंग के आकार में वृद्धी के पीछे एक तर्क दिया जाता है कि प्रतिदिन अलग-अलग सामगरी से उसका अभिशेक किया जाता है लिहाजा मुंकिन है इस कारण आकार में बढ़ोतरी होती
33:43तो कि युए मैं आने भूए के G
33:49ह소대� läuft ज़ल चणाया जाता आज्ञ जाता है धूत चडहा जाता जड़ाया जाता है
33:54दही चड़ाया जाता लेप किया जाता इससे घर्षन होता है घर्षन होने से से दो मध हमेसा चोटा
34:01होगा बढ़ेगा नहीं परन्तु यदि किसी कारण से सिवलिंग काकार बढ़ रहा है तो इसके पीछे दो महत्पूर तथ्यों है
34:11कि पहला पूंडरुप से भगोलिक है जैसे किसी चटान की अवधी आयू निर्भर करती है कि वह चटान किस पदात से बना है सनचना
34:25फिर वहां के जलवाई किसी है और वो कितना समय बीच चुका है बने हुई जैसे हम समय करते हैं टाइम
34:34हालकि अगर शिवलिंग के अविशेक के तत को माना जाए तो हर मंदिर के हर शिवलिंग के साथ उसके बढ़ने की मानिता क्यों नहीं जो
34:49इससे परे अगर नंदी महाराज को लेखें तो उनकी पूजा की पद्धती भी अलग होती है किसी प्रकार कोई अभिशेक नहीं होता ऐसे में आकार के बढ़ने पर ये तर्क लागू भी नहीं हो सकता
35:06दूसरा ये कि तिल भांडेश्वर और गर्याबन के शिवलिंग स्वयंभू है और उनका आकार बढ़ना प्राकृतिक रूप से स्वीकार ये हो सकता है
35:16लेकिन एक पत्थर से तराशी हुई मूर्ती के साथ ऐसा कोई तर्क नहीं जुड़ता पर नंदी के दर्शन करने आने वाले शंधालू का एक वर्ग ऐसा भी है जो नंदी महराज के बढ़ते आकार को लेकर विज्ञान की संभावनाओं से इंकार नहीं करता
35:30ये पिस्टिपिटिशन के थकारण है, आकार तो बढ़ता रहेगा, दीरे दीरे बढ़ जाएगा
35:41जैसे कि आप गुफां में जाएगा, इस्टेलेक टाईख अर्स टेल्माइट योटी है, उनका भी आकार दीरे दीरे बढ़ता रहता है
35:48तो वो समय की इसाब से देखे तो पता चलता है कि 100 साल पहले कितना था, 500 साल पहले कितना था, आज कितना है
35:56तो उससे पता चलता है कि कितना धीरे धीरे धीरे अकार बढ़ रहे
36:00इस पूरे परिसर में इतिहास आज भी जीवित है
36:02चाहे आप निर्मान को देखे, कला को देखे, वास्तु कला को देखे, कारीगरी को देखे, आप यहाँ के किस्सों को देख लिजे, अब यहाँ पूरे प्रांगण में आपको चह चहाती हुई कई चिडिया दिख जाएंगे, अगर नहीं दिखेगा, तो वो है कवा, आखिर क
36:32जब कोई मंदिर में थोड़ा समय बिताएगा, तो एक अदभुत, और विश्वस्निय, और कल्पनिय सत्थ से सामना भी करना पड़ेगा
36:43मान्यताएं दिल की दुनिया में रहती है, जहां दिमाग की सक्ता नहीं चलती
36:49और ऐसी ही एक और मान्यता है इस मंदिर की, कि यहां कववे नहीं आते, क्योंकि उन्हें श्राप है, अगस्ति मुनीगा
36:57हमने काफी समय बिताया मंदिर में, ताकि हम भी यह देख सकें कि क्या वाकई मंदिर परिसर या उसके उपर आस्मान में कववे नहीं आते
37:13उपर तीन गुहा है, गुहा में स्केवस, फस्ट केव अगस्ति महाँ नहां तपस करने केव जेकंड केव विश्णुमूर्ति केव तीन केव ब्रह्मा केव
37:26यागंती मंदर के बारे में ये भी कहा जाता है कि यहाँ नवग्रहूं का भी वास है
37:50चुकि कवे को शनी देव का वहन माना जाता है और उनका प्रवेश यहाँ निशेध है तो इस क्षेत्र में शनी देव की भी पूजा नहीं की जाती है क्योंकि उनका वास यहाँ माना ही नहीं जाता है
38:01लूँँदू पर्मात्मा पर्मेश्वर के सानिद्ध में हमेशा रहना चाहिए
38:19हिंदु मानेताओं के अनुसार सबसे पहले सत्यूब था
38:28श्री राम के समय तुरेता युग, भगवान कृष्ण, द्वापर युग में अव्तरित हुए और अब कल युग चल रहा है। कल युग स्रिष्टी का आखरी युग माना जाता है।
38:58अबितों से बाच्चीत, भक्तों के अनुभव, पुरातत्वे विभाग के शोध और भूवैज्यानिकों की राय के आधार पर जो कुछ समझा वो इस प्रकार है।
39:28पत्थर बढ़ रहा हो, इस पर भी अभी शोध का काम जारी है। पत्थर के भीतर लोह तत्व हो और ऐसे रसायन जिससे पत्थर का आकार बढ़ रहा हो।
39:36इसके साथ ही तर्क ये भी सामने आता है कि अगर वाकई ये सही है तो समूझे मंदिर में केवल एक प्रतिमा को इस प्रकार का क्यों बनाया गया हजारों साल पहले।
39:48और दूसरा तर्क ये कि अगर सभी प्रतिमाओं को एक ही अनुसार बनाया गया है तो फिर बाकी प्रतिमाओं पर यही आकार का बढ़ना लागू क्यों नहीं होता है।
40:02कि पीछे दो महत्वपूर तथ्या है। पहला पूंडल से भगो लिख है। जैसे किसी चटान की अवधी आयू निर्भर करती है कि वह चटान किस पदात से बना है सनचना।
40:21पिर वहां की जलवाय। कैसी है और वो कितना समय बीचुका है बने हुए। कई बार ऐसा होता है कि जो चटान धरातल से उपर है और चटान तो इस्थिर रहता है परन्तु अपक्छे के कारण अपरदन के कारण धरातल का सतह धीरे धीरे धीरे नीचे जाता है।
40:45तो उल्टा हमें महसूस होता है धरातल नीचे जा रहा है वो हम महसूस नहीं कर पाते। लेकिन हमें देखने में ऐसा लगता कि चटान बड़ा हो रहा है।
40:55महादेव भी अद्भूत है और महादेव के वाहन नंदी महाराज भी अद्भूत है।
41:10अद्भूत और विश्वसनिय और कल्पनिय में आज के लिए इतना ही क्यामरपरसन महसिल के साथ मुझे दीजे इजाज़त देश और दुनिया के बाकी खबरों के लिए आप देखते रहिए आज तक।
41:19मुझे उलिए इजाज़त और खबरों के साथ मुझे और घ्ड़त्स अध्यों के लिए है।
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