आज बाबासाहब भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर बेबाक भाषा के दलित डिस्कोर्स में संविधान निर्माता के सपनों के भारत पर विचार रख रहे हैं पत्रकार राज वाल्मीकि और चर्चा कर रहे हैं कि इस समय संवैधानिक मूल्यों को बचाने के लिए संघर्ष करना पहले के किसी समय की तुलना में क्यों ज़रूरी है। #news #latestnews #newsanalysis #babasahebambedkar #constitutionofindia #6december
00:00दोस्तो नमस्कार जैभीम आप देख रहे हैं बेबाक भासा बेबाक भासा में मैं हूँ आपके साथ राजवाल में की आज दलिट डिस्कोर्स में हम बात करेंगे बाबा साब के विचारों के बारे में
00:20जैसा कि आप जानते हैं आज है 6 दिसंबर और 6 दिसंबर बाबा साब का परिनिर्मार दिवस होता है आप सभी जानते हैं कि बाबा साब का जनम 14 अप्रेल 1891 में हुआ था और उनका परिनिर्मार 6 दिसंबर 1956 को हुआ था
00:41आज हम उनके बिचारों को आपके सामने प्रस्तुत करना चाहेंगे बहुत संचेप में क्यूंकि आज भी जिस तरह का लोकतंत्र है जिस तरह की सामाजिक बवस्ता है वो है बाबा साब के बिचारों के बिलकुल बिरुद्ध है
01:00क्योंकि आज भी आपने हाल ही में महराष्ट में देखा होगा कि एक आचल नाम की लड़की के प्रेमी को सिरफ इसलिए मार दिया गया उसकी हत्या कर दी गई क्योंकि वह अनसूचित जाती से था
01:18तो जाती बाद अभी भी है सक्षम सेटी एक अनसूचित जाती का लड़का उसकी हत्या क्यों कर दी गई ये हमें सोचना चाहिए
01:29इसका मतलब है कि जाती बाद अभी भी जिन्दा है
01:33दूसरी बात है कि बाबा साहब जाती की जड़े हैं वो हिंदू धरम में मानते थे
01:41क्योंकि हिंदू धरम एक ऐसी बिवस्ता है जिसमें उच नीच है छुआ चाहत है असमानता पर आधारित है
01:53इसलिए बाबा साहब ने कहा था कि मैं ऐसे धरम को धरम नहीं मानता जो जाती के आधार पर लोगों का सोशन करता है
02:05या सोशन करने का एक माध्यम है इसलिए बाबा साहब ने जाती के बिनास की बात कही थी
02:14उन्होंने एक उस्तक भी लिखी थी जिसका नाम है Enhibliation of caste
02:20इससे पता चलता है कि बाबा साहब जाती विवस्था का खात्मा चाहते थे
02:28कि इन्तु ऐसा है नहीं अभी भी बाबा साहब जिस तरह का लोक्तंतr चाहते थे
02:36जिस तरह का धर्म चाहते थे जिस तरह के मानवतावादी विचार चाहते थे वह आज भी नहीं है
02:43यही कारण है कि बावा साहब ने हिंदू धर्म का परत्याग कर दिया था
02:50उन्होंने कहा था कि हिंदू धर्म में जन्म लेना मेरे बस में नहीं था
02:56लेकिन मैं हिंदू होकर मरूंगा नहीं
02:59और साथियों आप जानते ही हैं कि उन्होंने बहुत धर्म सुईकार कर लिया था
03:06लेकिन आज की जो विवस्ता है आज जिस तरह मनुबात की बाफसी हो रही है
03:12जिस तरह हिंदू रास्ट की बात की जा रही है
03:15इसके बारे में बाबा साब ने बहुत पहले ही आगाह कर दिया था
03:21उनकी एक पुस्तक है पाकिस्तान एंड़ पार्टिशन आफ इंडिया
03:27उसमें उन्होंने जो अपने बिचार रखे हैं मैं जरा पढ़के आपको सुना देता हूँ
03:33उन्होंने कहा था अगर हिंदू राज सच्मुच एक बास्तविक्ता बन जाता है तो इसमें संदेय नहीं कि यह देश के लिए भयानक विपत्ती होगी
03:47चाहे हिंदू कुछ भी कहें हिंदुत्व स्वतंत्ता समता और बंधुत्व के लिए खत्रा है इस द्रस्टी से यह लोकतंत्र से मेल नहीं खाता
04:05हिंदू राज को हर कीमत पर रोका जाना चाहिए लेकिन आज जो परिस्तितियां हैं वो बिलकुल विप्रीत हैं आज जादा तर हिंदुत्वादी लोग हिंदू रास्ट की परिकलपना कर रहे हैं
04:23हिंदू रास्ट की इस्तापना करना चाहते हैं और मुहन भागवत जी आरसेस वाले उन्होंने तो साब कहा कि भारत को एक रास्टी यह मंदिर बनाना चाहिए
04:35तो साथियों आप जानते हैं हमारा देश एक लोकतांतरिक देश है धर्म निरपेश देश है इसमें सभी धर्मों को मनाने की अपनी स्वतनता है तो इसलिए यहां मंदिर भी होने चाहिए मस्जिद भी होनी चाहिए गुरुद्वारे भी होने चाहिए चर्च भी होने चाह
05:05लोकतंत्र चाहते हैं, न सम्मेदानिक मुल्यों को पसंद करते हैं, और नहीं बावा साथ के विचारों को पसंद करते हैं, वो एक मनुवादी विवस्ता चाहते हैं, जो मनुई समर्ती पर आधारित है, और बावा साथ इसके खिलाब थे, इसलिए बावा साथ के विचारों क
05:35वे चाहते थे कि इस सामप्रदायक्ता को बढ़ावा मिले और बावा साहब के वैलू को डाइलूट किया जाए लेकिन बावा साहब भारत के वो सितारे हैं वो सूरज हैं जिन पर इस तरह की धूल फैकने वालों का कोई असर नहीं होगा
05:56आज के जो हालात हैं वो आज की जो राजनीती है वो हमारे लोकतंतर के लिए हमारे समाज के लिए हमारे देश के लिए एक ख़तरनाक इस्तिती में है इसलिए हम चाहते हैं कि इस राजनीती में मानवता की बात की जाए सच्चे लोकतंतर की बात की जाए और एक समतावादी द
06:26उस पर मैं अपनी बात मुकुल सरल जी की गजल की कुछ पंक्तियों के साथ समाप्त करना चाहूंगा, उन्होंने लिखा है,
06:37नया भारत बनाया जा रहा है, हमें हमसे डराया जा रहा है, उजाला जो दिखाया जा रहा है, हमारा घर जलाया जा रहा है,
06:56ये हिंदू हैं, ये मुस्लिम सिक्ष ऐसाई, ये क्यों फिर से बताया जा रहा है, हमें दुस्मन बनाके अपना यारो हमें हमसे लडाया जा रहा है
07:10साथियों बावो साभ के सपनों का भारत बनाने के लिए हमें क्या-क्या करना चाहिए, इस पर आप सोचिएगा जरूर
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