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तमाम चुनौतियों को पार कर कैसे बने रूस के राष्ट्रपति? देखें पुतिन की 'कहानी'

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00:00मस्कार मैं हूँ नेहा बाथम और आप देख रहे हैं कहानी 2.0
00:20आज कहानी एक ऐसे देता कि जो सिर्फ रूस का राश्पती नहीं
00:24रूस की पूरी पहचान बन चुके है
00:27अमेरिका और यॉरप के कई देश उसे तानाशा कहते हैं
00:30और उनके समर्थक उन्हें देश का रक्षक मानते हैं
00:33बॉर्डर के बाहर भी उनकी अपनी चाल है
00:35और बॉर्डर के अंदर भी उनकी अपनी भाशा
00:38आज कहानी व्लादिमिर पुतिन की
00:41जब पुतिन आए दोजार में उस समय रश्या काफी कमजोर हो गया देखाओं
00:59पुतिन आए तब उन्होंने एक तो यह जो सारे माफिय ओलिगार्ग्स का सिस्टम धीरे-दीरे ख़तम करना शुरू करा कि रश्या के अंदर भुतिन युज्टी पॉपुलर है
01:18भुतिन ने अपने देश को एक स्ट्रॉंग लीडर्शिप दी
01:22चेचेनिया में उसको समाथ करने में जो भुवी का पुतिन ने निभाई वो वाकी यह तापिले तारीख
01:44दो दिन के भारत दोरे के बाद आश्पती पुतिन वापस रूस लोट गए लेकिन जाते जाते वो एक ऐसा समझोता छोड़ गए हैं
01:51जो दिल्ली और मौस्को के रिष्टों को नए दौर में ले जाने वाला है
01:54तश्को पुरानी दोस्ती अब एक नए रणनीते को चाहिप पर पहुँच गई है
01:58जहां रक्षा, उर्जा, टेकनोलोजी और भूराजनीती सब एक नए दिशा में मुड़ते दिख रहे हैं
02:21हम दोनों बाहर निकले, सामने मुझे मेरी कार दिखाई दी
02:41तो मैंने उन्हें साथ चलने को कह दी, वैसे ही जैसे दोस्तों के बीच होता है
02:46हमारे रश्यन फ्रैंट्स इसे दुरुजवा कहते हैं
02:55और हम हिंदी में इसे दोस्ती कहते हैं
03:05पिछले आठ दसकों में विश्व में अनेक उतार चड़ावाए
03:14मानवता को अनेक चुनोतियों और संक्रटों से गुजरना पड़ा
03:19और इन सब के बीच भी हारत रूस मित्रता एक दुरू तारे की तरह बनी रही है
03:26इतिहास की एक तस्वीर होती है और कुछ तस्वीरों का अपना इतिहास होता है
03:54ये वही तस्वीर है जो 4 और 5 दिसंबर के दिन भव्यता के इतिहास में दाखिल हुई है
03:59रूस के राश्पती व्लादमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी इस इतिहास के एक ऐसे सफर नामे में शामिल थे
04:16जिसके मकाम को देखने के इंतसार में दुनिया टक्टकी लगाए बैठी थी
04:20पिछले धाई दसक से उन्होंने अपने नेत्रुत्व और दृत्रश्टि से इन समंधों को निरंतर सीचा है
04:34हर परिस्तिती में उनके नेत्रुत्व ने आपसी समंधों को नई उंचाई दिये है
04:43भारत के प्रती इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्दता के लिए
04:52मैं राश्पती पुतिन का मेरे मित्र का रज़य से आभार व्यक्त करता है
04:57कहते हैं गले लकाना रिष्टे की गर्म जोशी का एक स्वाभावई की रुपांतरन है
05:03और मोदी पुतिन के रिष्टे में तो ये रुपांतरन देखने लाइक था
05:07जैसे ही पुतिन हवाई अड़े पर उत्रे दोनों बार बार एक दूसरे के गले मिले
05:11पुतिन ने पीम की पीट थप थपाई, मोदी ने पुतिन की पीट थप थपाई
05:16एक ही गाडी में बैट कर दोनों का काफिला रवाना हुआ
05:19ये तस्वीर देखकर दुनिया हैरान रह गई कि करोडों की गाडियों में बैटने वाले राष्ट्या ध्यक्ष
05:24एक फॉर्चिनर कार में बैट कर एरपोर्ट से बाहर निकल रहे थे
05:27भारत आने से पहले पुतिन ने कहा था वो भारत के बहुत करीबी हैं
05:36ये बात तब जाहिर हो गई जब उन्होंने ये अलान कर दिया तेल और उर्जा की सप्लाई ना रुकी थी ना रुकेगी
05:57इस पूरे दोरे में दोनों ने कई बार हाथ मिलाया दुनिया मंत्र मुग्ध भाल से अंतरराष्टी कूटनीती की इन भंगिमाओं को देख रहा था
06:27रश्या इंडिया के रिष्टों को चो तरफा बढ़ाया जाहे क्योंकि केवल अगर हम डिफेंस में और न्यूक्लियर में इन से बिजनस करते रहे और तेल का पता नहीं आज हम खरीद रहे हैं कलकों खरीदा बंद कर रहे हैं जनवरी में तो रश्या के साथ हमारी रिष्�
06:57क्योंकि पैसे की लेंडे नहीं हो पारी है सैंक्शंज के चलते हैं रवा रॉट पूति ने कहा है कि हम एक एक्स्पो बना रहे हैं जिसमें की इंडियन एइंपोर्टर्स एकस्पोर्टर और रश्या के इंपोर्टर्स माल खरीद सकेश्ट है या प्यूडिकल टेक्नोलीज
07:27कूट नीती के समानांतर दुनिया के दो महान देशों के दो सबसे बड़े नेताओं के बीच विक्सित हुए इस रिष्टे की राजनीती में राश्ट का हासिल क्या होगा?
07:53इसकी व्याख्या आने वाले दिनों में जरूर होगी लेकिन तस्वीरों की भी अपनी एक गवाही होती है और वो गवाही कहती है कि भारत और रूस के बीच एक नई कहानी की संभावना आकार ले रही है
08:23आकार प्रशी अपनेशना में जरूर अजरूरों कार डिश्वान आकार वाही है
08:30help the further deepening of the russian-indian strategic partnership for the benefit of our
08:35countries and the people and the second one is
08:39बिश्व में अनेक उतार चड़ावाए है
08:44मानवता को अनेक चुनवतियों और संक्रटों से गुजरना पड़ा है
08:50और इन सब के बीच भी भारत रूस मित्रता एक दुरू तारे की तरफ बनी रही है
08:58परस पर सम्मान और गहरे विश्वास पर ठिके ये सम्मन समय की हर कसोटी पर हमेशा खरे उत्रे है
09:11दुनिया की सबसे महीन कूटनीती परदे के पीछे से रची जाती है
09:16उसके सूत्र शोर में नहीं खामोशियों में तलाशी जाते हैं और ये बात मोदी भी जानते हैं पुतिन भी
09:23कि पिछले वर्ष राजपति पूतिन और मैंने ट्वेंटी थर्टी तक दीपक्षिय व्यापार को हंड्रेड बिलियन डॉलर का
09:34उस लक्ष को पार करने का हमने दिर्धार किया था लेकिन कल से मेरी जो आर्पति पूतिन से बात हो रही है और जिस प्रकार के पोटेंशनल नजरार है
09:45मुझे नहीं लगता है कि हमें प्वेंटी थर्टी तक इंतजार करना पड़ेगा ये मैं साब देख रहा हूँ
09:51हम उस लक्ष को समय से पहला पुरा करने के संकर्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं और मेरा विश्वाद बढ़ रहा है
10:00आज हम अपने दोनों देशों के नागरिकों के लिए टूरिस्ट विजा पर कई एहम हमने फैसले लिए
10:12पुतिन लगभग 25 साल से रूस को संभाल रहे हैं और जब भारत आए तो कारोबारियों, किसानों, मजदूरों, छात्रों और नौकरी पेशा लोगों को बहुत कुछ देने का एलान किया
10:24पुतिन का एरपोर्ट से लेकर राष्टपती भवन तक भव्य स्वागत किया गया, लेकिन जिस पहली चीज ने लोगों का ध्यान खीचा, वो था प्रधान मंतरी नरेंद्र मोदी के साथ व्लादमिर पुतिन की आपसी साजेदारी
10:36ये रिष्टा दो देशों के राष्ट्य अध्यक्षों के सियासी रिष्टों से बहुत अलग और खास था
10:42व्लादमिर पुतिन की कहानी बेहत दिल्चस्प है, बिल्कुल फिल्म की तरह बच्पन में चूहे पकड़ते थे
10:51लेकिन जवानी में रूस के सबसे खतरनाक जासूस बन गए और आज दुनिया की सबसे ताकतवर कुर्सी पर बैठे हैं
10:58पुतिन राश्पती भी है, योध्धा भी, नेता भी और लड़ाका भी
11:17सेकेंड वर्ल्ड वार के खौफनाक मंजर के बाद दुनिया को ये बात समझ में आ गई थी
11:22कि वार किसी भी समस्या का सॉल्यूशन नहीं हो सकती है
11:25भविश्य में कोई भी देश, एक दूसरे पर हावी ना होने पाए
11:29इसके लिए United Nations जैसे Organizations बनाए गए
11:32जिसके बाद लगा था कि दुनिया को वार से छुट्टी मिल जाएगी
11:35लेकिन ये किसी ने नहीं सोचा था कि कीसवी सदी में ऐसी लडाई होगी
11:39जिसे चाह कर भी कोई रोक नहीं पाएगा
11:42इसके वे जाएगी
12:12यूरोपियन देशों की पाबंदियां हो या नेटो की धंकियां पुतिन की जिद के सामने किसी की नहीं चल गए
12:42दरसल हम किसी के साथ भी टक्राव नहीं चाहते हैं केवल अपने वैद हितों की रक्षा चाहते हैं
13:12जो देश कहते हैं कि पूतिन एक अथारिटेरिंग लीडर है ठीक है उनके अपने वैचार हैं वो अपने वैचार रखें दुनिया में अलग-अलग हैं अमेरिका के ट्रम्प भी तो इस समेधने पावर्फुल लीडर हैं तो लीडर्स कॉंट्रवर्सी में रह सकते हैं
13:24प्रन्तु हमें जो अपनी दोस्ती और अपने लॉंग-टर्म इंटर्स देखना है उसमें हमें पूतिन पिछले 25 साल से हैं प्रेजडेंट और प्राइम मिनिस्टर रैट और रशिया इंडिया के रिष्टों को ले करके एक बहुत ही अच्छे ट्राजेक्ट्री को ले जा �
13:54तो यूएससर की इंटेलिजन्स एजनसी के जीवी में नौकरी करने लगे। मूट बदला तो पॉलिटिक्स में आ गए और रूस में सबसे लंबे समय तक रहने वाले राश्टपती बन गए हैं।
14:24हम किसी को नुकसान पहुचाना नहीं चाहते हैं।
14:54व्लाद्मिर पुतिन का जन्म 7 अक्टूबर 1952 को यूएससर के लेनिंग्राड में हुआ। जो आज के दिन में सेंट पिट्सबर्ग के नाम से जाना जाता है।
15:03ये वही शहर था जिसे सेकेंड वर्ल्ड वार के दोरान जर्मन सेना ने करीब दो सालों तक सीज करके रखा था।
15:09इसी दोरान आठ लाख लोगों को बुरी तरह से मार दिया गया था। और लाखों लोग भूख प्यास से मर गये थे।
15:21पुतिन अपने घर में तीन भाईयों में सबसे छोटे थे। उनके पिता व्लादमीर इस्पिरोदोनों विच पुतिन यूएससर में नेवी में नौकरी करते थे।
15:51पूरा लेमिन ग्राड का एरिया ही तरस्प था। इसलिए यहाँ से निकलने के लिए पुतिन ने माबाप की इच्छा के खिलाब जाकर जूडो सीखना शुरू किया।
15:59कुछी दिनों में पुतिन ने जूडो के साथ होर्स राइडिंग जैसे स्किल्स में मास्टरी हासिल कर ली थी।
16:151960 से 1968 के बीच पुतिन की आठवी तक की पढ़ाई लेनिन ग्राड के प्राइमरी स्कूल में हुई।
16:45स्पाय मुवी से इंस्पायड होकर पुतिन ने बचपन से ही जासूस बनने का मन बना लिया था।
16:50देश के लिए काम करने का जुनून इतना ज्यादा था कि जब वो क्लास नाइन्थ में थे।
16:54उसी समय यूएससर की इंटेलिजेंस एजनसी के जीबी में काम मांगने पहुँच गए।
17:00लेकिन जबाब में के जीबी के ऑफिसर्स ने फुतिन को बताया कि इंटेलिजेंस ऑफिसर्स बनने के लिए लौ की डिगरी जरूरी होती है।
17:30के जीबी में एक बहुत बड़ा फिल्टर था जो की इंडिकेट करता है कि उनकी पर्सनालिटी की स्ट्रेंथ, उनकी लीडरिशिप स्किल्स और उनकी इंटेलिजेंस एक अच्छे लेवल की थी।
18:00के जीबी में नौकरी नौकरी नौकरी था।
18:02पुतिन के लिए ये नौकरी किसी सपने के पूरे होने जैसा था।
18:0810 साल तक अपने होम टाउन लेनिंग्राड में नौकरी करने के बाद 1985 में व्लाद्मिर पुतिन को इस्ट जर्मनी के ड्रेस्डेंट शहर में जर्मन ट्रांसलेटर के तौर पर भेजा गया।
18:18उन दिनों KGB को जर्मन लेंग में जानने वाले ऑफसर्स की जरुरत थी। क्योंकि उस समय जर्मनी इस्ट और वेस्ट दो भागों में बटा हुआ था।
18:33Second World War के बाद इस्ट का एरिया USSR के कबजे में था तो दूसरी ओर वेस्ट में अमेर्का, फ्रांस और इंग्लेंड का सर था।
18:41इस्ट जर्मनी के अंदर पुतिन के श्टांदार काम और इंटेलिजेंस की चर्चा पूरे KGB और्गनाजेशन में होने लगी।
18:49जब ये बर्लिन वाल्गिरी और सोवेट यूनियन डिजॉल हुआ, टुक्रे टुक्रे हो गए, तो अब्विसली पूतिन इस्ट जर्मनी से वापिस रश्या आ गए, सेंट पीटर्जबर्ग आ गए, जा इंका बेस्त ओफिस का, और उस समय का कहा जाता है कि पूतिन को एक
19:19कि सोवेट यूनियन का ब्रेक अप नहीं होना चाहिए था, और इन फैट अभी भी जो यूक्रेन वार चल रही है, इसमें बहुत लोंगा कहना है कि पूतिन एक ग्रेटर रश्या फिर से बनाना चाते हैं जो की पहले था, तो आइटिंक बर्लिन में जो उनकी समय रहा, जो
19:49इस घटना के बक्त सोवेट यूनियन के प्रेज़टे मिखाइल गॉरबचेव
20:19से भी मिखाइल गॉरबचोफ को अपनी सेना वापस बुलानी पड़ी थी और आखिरकार USSR का विगटन भी हो गया, और ऐसे वक्त में रूस की जनता पुतिन को एक भरोसे मन नेता के तोर पर ही देख रही थी
20:49लोगों का घुसा मिखाइल गॉरबचेव के खिलाब बढ़ने लगा
20:58मजबूर होकर दिसंबर 1991 को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था
21:151990 में पुतिन KGB के लेटनेंड करनल पद के साथ एक्टिव सर्विस से रिटायर होकर वापस अपने शहर लेनिंग्राड लोट आये थे
21:23और लेनिंग्रेड स्टेट इनवर्सिटी के एक्स्टरनल रिलेशन डेपार्टमेंट में काम करने लगे
21:33यहीं पुतिन की मुलाकात लेनिंग्रेड के पहले डेमोकरेटिक एलेक्टेड मेयर अनातुली सोब्चक से
21:39पुतिन से प्रभावित होकर अनातुली सोप्चक ने अपना स्तलाकार उने बना लिया
21:48राजनीती में एंट्री ऐसेंशली बोरिस येलसिन ये केजिबी में थे पीटर्सबर्ग में थे
21:55और रश्या का जो प्रेजिडेंट था उस समय पहले मेयर था स्ट्रॉंग बोरिस येलसिन फिर वो प्रेजिडेंट बना
22:03तो केजिबी सर्कल्स द्वारा और बोरिस येलसिन की जान पेचान द्वारा ये पॉलिटिक्स में आए
22:09KGB के लोगों को सरकार में आने का मोखा मिला क्योंकि इन्हें काफी कुछ आइडिया था गवर्नेंस का
22:16तो इसलिए पूतिन भी KGB बैग्राउंड के तो इनको एंट्री मिली पॉलिटेक्स में क्योंकि KGB के और भी लोग थे
22:24और यह माना जाता था कि KGB के लोगों अगर सरकार में आएंगे तो सरकार को अच्छा वो डायरेक्शन दे सकते हैं
22:301991 में USSR के खत्म होने के बाद लेनिर्गेट का नाम बदल कर सेंट पीटर्सबर्ग कर दिया गया
22:37पुतिन ने अपने काम को जिम्मदारी से संभाला और उनके शांदार काम के चलते
22:421994 में पुतिन को सेंट पीटर्सबर्ग का जेप्टी मेर बना दिया गया
22:47और यही से पुतिन की पॉलिटिक्स में ये पहली एंटरी होती है
22:51सत्ता हात में आने के साथ ही शहर में पुतिन ने शांदार काम करना शुरू किया
22:56धून धून कर भष्ट अधिकारियों को सस्पेंड किया
22:59और कुछी दिनों में सेंट पीटर्सबर्ग के अंदर पुतिन की छवी एक साफ सूतरी छवी वाले नेता के रूप में बन चुकी थी
23:06लेकिन 1996 में सेंट पीटर्सबर्ग में मेर का एलक्षन हुआ और इस बार अनातोली सोबचक चुनाव हार जाते हैं
23:14सुबचक के हारने के बाद पुतिन की कुर्सी भी चली जाती है।
23:18KGB में काम करने से और सेंट पीटर्सबर्ग के डेपटी मेयर रहने के कारण
23:22पुतिन की जान पहचान मॉस्को के पड़े नेता और ऑफिसर्स के साथ हो गई थी।
23:27अब पुतिन मौस्को शिफ्ट हो गए, मौस्को में उनकी मुलाकात वेलंटन यूमा शेव से होती हैं।
23:33वेलंटन यूमा शेव उस समय रूस की राष्टपती पोरिस यल्थिन के दामात थे।
23:38पुतिन की पॉस्टनाल्टी और उनकी कारी शेली को देखकर वेलेंटन युमा शेव बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने व्लादमीर पुतिन की मुलाकात राष्टपती बोरिस यल्टसिन से कराई
23:4826 मार्च 1997 में बोरिस यल्टसिन ने पुतिन को प्रेस्टेंशल स्टाफ में टिप्टी चीप बना दिया
23:55पुतिन की राजनीती में जो एंट्री हुई जब बोरिस यल्टसिन राष्टपती थे तो उन्होंने जब देखा कि रूस में काफी परिशानी आ रही है
24:05तो उस परिशानी को दूर करने के लिए उनको भरोसा था कि पुतिन जो उस वक्त तो बहुत यंग केजी बी में थे उसके बाद राजनीती में आए प्रदार मंतरी बने राष्टपती बने तो उनको बोरिस यल्टसिन को लगा कि ये एक ऐसे शक्स है जो रूस को उस मकाम �
24:35ठीक नहीं है उस च्छवी को सुधारने के लिए बोरिस यल्टसिन ने चार्ज दिया पुतिन को
24:40पुतिन एड्मिनिस्ट्रेटी पोजिशन्स पर प्रमोट होते चले गए और अपने अच्छे काम और डेडिकेक्शन की वज़ा से देखते ही देखते सिक्यरोटी काउंसिल के सेक्रेटरी बन गए
24:58देखे रश्या के जो सेक्यरोटी काउंसिल है टेक्निकली तो एक अडवाइजरी बॉड़ी है और उसका हेड जो होता है वो प्रेजडेंट होता है इस अडवाइजरी बॉड़ी के जो मैंडेट है आप मान लिए वर्चुली सारे स्फियर्स में है नाशनल सेक्यरोटी को �
25:28भी हुआ करती थी इंटरनल, मिलिटरी इंटेलिजंस इन सब के हेड्स भी मेंबर्स होते हैं तो इस अडवाइजरी बॉड़ी कहने को का जो डिसिजिजन निकलता है वो वो ही निकलता है जो कि प्रेजडेंट क्यूंकि हेड है तो उसी के वो ही जो चाहेगा वो डिसिजि�
25:58पुरी तरह अपने हाथ में ले चुके थे और यहीं से पुतिन के साथ साथ रूस का भी वक्त बदलने वाला था
26:24नौगास 1999 को राश्पती बोरिस यल्चिन ने पुतिन को रुषियन फेडरेशन गवर्मेंट का एक्टिंग प्राइम मिनेस्टर बना दिया
26:35नो निल्जा जबुवाइच या तों शो चेरेज गोड रोवनों चेरेज गोड
26:47रूस में हुई इस बड़े पावर शिफ्ट के बाद पुतिन को असल माइनों में अब पावर मिली थी
26:58और उसी वक्त USSR के विघटन होने के बाद से चेचन्या ने खुद को एक इंडिपेंडेंट स्टेट घोशित कर लिया था
27:05और लगातार रश्या के साथ कॉन्फलिक्ट में उल्जा हुआ था
27:08चेचन्या ने अपने आपको आजाद घोशित कर दिया था लेकिन रूस्ट का वर्चस्व कायम था
27:14और इसी वज़ा से दो रोदेशों के पीच खमासान चल रहा था
27:18देखे रूस और चेचन्या की जो कहानी है उसमें था कि चेचन्या और चेचन इंगुष का जो इलाका है ये लोग अपनी इंडिपेंडनेस मांगते थे
27:292000 से पहले की बात है ये और उन्होंने अपनी एक आर्मी भी बना ली थी उस प्रॉविंस में
27:35रश्यन आर्मी उनको दवा नहीं पाई थी
27:381999 में चेचन्या के इसलामिक फाइटर्स ने रूस के अंदर आतंग फैला रखा था
27:45जगा जगा बंबलास्ट की जा रहे थे
27:481999 में चेचन्या वित्रोहियों ने कई शहरों पर एक साथ निशाना बनाया
27:58जिसमें 300 से स्यादा लोग मारे गए और करीब 1000 से स्यादा लोग भुरी तरह खायल होगे
28:03चेचन्या के खिलाब गुस्सा पढ़ता ही जा रहा था
28:07राश्पती बोरिस यल्टसिन ने चेचन्या को हैंडल करनी की पूरी सिंबदारी पुतिन को सौथ दी
28:12पावर हाथ में आते ही पुतिन ने चेचन्या पर वर डिक्लियर करते हुए अटैक करने का ओडर दे दिया
28:18चेचेनिया का जो था खास का चेचेनिया के अंदर जिस प्रकार से जो मैं कहूंगा जो आतंक वादी थे और वो जो आतंक वादी थे वो क्योंकि किसी ना किसी तरह के से वो जो आतंक एक इस्लामिक जो आतंक था चेचेनिया में उसको समाफ्त करने में जो भूमी का पुटिन
28:48आई से चेचेनिया में इस्लामिक पोबिया को जो दबाने की कोशिश की मुझे लगता है वो बहुत बड़ा कदम था और यही कदम है कि आज विश्व में अगर देखते हैं पुटिन ने बड़ा साफ का है यह अगर आपको रूस के अंदर रहना है तो रूस जैसा है वैसे आ
29:18कहा जाता है कि 80,000 से ज्यादा लोगों की माउथ हुई इस युद्ध को 2nd चेचनिया वार भी कहा जाता है ऐसा पहली बार हुआ था जब सेनिकों के हिलमेट पर कैमरा लगा दिया गया था ताकि रूस के लोगों को पता चल सके कि कैसे रूसी लोगों की जान का बदला लिय
29:48और रशियन सोल्जर्स के हिलमेट्स में जो कैमरे लगाए गये थे ताकि रिकॉर्ड हो कि रशियन फोर्सिस किस ताकत से इस इंसर्जनसी को दबा रही हैं तो वो केवल इसलिए भी नहीं था कि दुनिया को दिखाये जाए बलकि वो ज़्यादा था अपने देश के अंदर
30:18इदले की इस खतरनाक लडाई में रूस के अंदर पुतिन की एक नई छवी बनकर सामने आई रूसी लोग पुतिन को एक हीरो के तौर पर देखने लगे इस घटना के दो महिने के बाद ही दिसंबर 1999 में बोरिस यल्चिन ने राश्पती पत से अचानक इस्तीफा दे दिया
30:48और रूस की चंता ने पुतिन पर अपना पूरा विश्वास जता है
31:18कुर्सी संभालते ही पुतिन ने रूस के अंदर सबसे पहले भरष्टाचार को खत्म करने पर जोर दिया
31:38लोगों की आमदानी बढ़ाने और बेरुज़गारी को खत्म करने पर पुतिन ने जोर दिया
31:42आंतरिक सुरक्षा और दुनिया के देशों के साथ संबंद सुधारने पर जोर दिया
31:47तेल और गैस के एक्सपोर्ट पर पुतिन ने सबसे ज्यादा फोकस किया
31:52पुतिन ने वाके ही उस वकत जब रूस शत्रा सो डॉलर पर कापिटा इंकम होता था
32:00और आज समझ सकते हैं आज जब वह 25 साल रूस के राष्टरपति और पधारमंति रहे हैं उनका पर कापिटा इंकम है
32:0817,000 डॉलर पर कापिटा इंकम रूस का
32:12धीरे धीरे रूस की हालत सुधरने लगी
32:16आर्फिक स्थिती फिर से मजबूत होने लगी
32:19रूस की ताकत बढ़ने लगी
32:21उस वक्त दुनिया भर में रूसी तेल की डिमांड बढ़ रही थी
32:24साथी तेल की कीमतों में भी इजाफा हो रहा था
32:27रूसी लोगों की कमाई बढ़ने लगी थी
32:29रूस के अंदर हुए इस बदलाव से पुतिन को एक ग्रेट लीडर के रूप में देखा जाने लगा
32:34और इसका असर यह हुआ कि 2004 में जब फिर से चुनाव होते हैं तो इस बार पुतिन को पहले से भी ज्यादा वोट मिले
32:42लगातार मिल रही जीत से इतना तो तै हो गया था कि पुतिन ही अब रूस के सर्वे सर्वा है
32:48लेकिन अब एक पेश फसने वाला था रूस का संबिधान एक आदमी को लगातार सिर्फ दो बार प्रेज़ेंट बनने की जाज़त देता था
32:572000 और 2004 में राश्पती बनने के बाद पुतिन के दो कारिकाल पूरे हो चुके थे
33:02रूस में पुतिन के विरोधियों को लगता था कि 2008 के चुनाव में वो क्रेमलिन से बाहर हो जाएंगे
33:08लेकिन पुतिन के दिमाग में कुछ ऐसा चल रहा था जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था
33:13मार्च 2008 के चुनाव में पुतिन ने अपने करीवी दिमित्री मेद्विदेव को राष्टपती का उमिद्वार बनाया और दिमित्री चुनाव जीत भी गए और पुतिन पुतिन पुर्धानमंत्री बन गए
33:242008 से 2012 तक उन्होंने क्या करा उनका जो प्राइम मिनिस्टर था रश्यन सिस्टम में प्राइम मिनिस्टर की पावर जादा नहीं होती
33:31मेद्विदेव उनका अच्छा लॉयल कोलीक था तो 2008 से 2012 में उसको प्रेजडेंट के लिए कॉंटेस्ट किया और पुतिन खुद प्राइम मिनिस्टर बन गए
33:412012 में क्योंकि दो कॉंटिनिस टर्म कर चुके थे अब एक टर्म मिद्वदेव ने कर ली तो 2012 में पुतिन फिर से इलिजबल हो गए
33:51तो 2012 से लेके 2020 तक दो टर्म रह सकते थे और इस बीच सम्विधान बलल दिया गया और अब ये हो गया कि प्रेजडेंट की टर्म का कोई लिमिट नहीं है
34:02तो इसलिए पुतिन 2012 से अब तक प्रेजडेंट चले आ रहे हैं
34:06पुतिन के इस मास्टर स्ट्रोक से पुतिन के विरोधी चारों खाने चित हो गए थे
34:11पुतिन और दिमित्री ने मिलकर सितंबर 2011 में रूस के सम्विधान में बदलाव किया
34:17अब तक जहां राश्पती का कारिकाल 4 साल का होता था उसे बढ़ा कर 6 साल कर दिया
34:222012 में एक बार फिर रूस के अंदर चुनाव की तयारियां शुरू हो गई थी
34:26पुतिन तीसरी बार राश्पती बनने के लिए तयार थे
34:30रूस के सम्विधान में दो बार से अधिक लगातार राश्पती बनने पर रोक थी
34:35लेकिन ये कहीं नहीं लिखा गया था कि तीन बार कोई राश्पती नहीं बन सकता है
34:40पुतिन ने तीसरी बार उम्मिद्वारी ठोक दी
34:42इससे उन लोगों को जटका लगा जो पुतिन को रूसी राजनेती से बाहर देखना चाहते थी
34:48रूस में विरोधियों ने जम कर प्रदर्शन किया लेकिन ये प्रदर्शन नारेबाजी कोई काम नहीं आया
35:01मार्च 2012 में तीसरी बार पुतिन रूस के राश्पती बने और इसी तरह 2018 में पुतिन चोथी बार रूस के राश्पती चुने गए
35:082014 में हुए चुनाव में राश्पती के चुनाव में फिर वो जीत गए और अब 2030 तक पुतिन रूस के राश्पती बने रहेंगे
35:16रूस में राश्पती को हैर ओफ स्टेट का दर्जा दिया जाता है
35:20वहां के समविधान के मताबिक सबसे जादा पावर राश्पती के हाँ अपने होती है
35:24यहां तक कि जज़ भी राश्पती की मर्जी से चुने जाते हैं
35:28कहने को तो रूस एक लोगतांतरिक देश है
35:30लेकिन यहां चुनाव का परिणाम हर बाद पुतिन के ही पक्ष में होता है
35:342014 से लेकर 2025 तक
35:39रिजिदेंट रसीशकाई फेडराची व्लादीमिर व्लादीमिर व्लादीमिर व्लादीमिर पुटिम
35:48रूस की राजनीती, फूर राजनीती और युद्ध की कहानी एक ऐसे नेता के इर्दगिर्द घूमती है
35:56जिसने ना सिर्फ रूस की सत्ता को मजबूत किया बलकि योरोप और अमेरिका के साथ पूरे विश्व समीकरन को हिला कर रख दिया
36:04हम युद्ध शुरू करने वालों में से नहीं थे
36:06पश्चिम ने यूकरेन के साथ मिली भगत की और वहां तख्ता पलट को अंजाम दिया
36:12मार्च 2012 में पुतिन तीसरी बार रूस के राश्पती बने
36:19एक तशक पुराने उस दौर में पुतिन कुछ समय के लिए प्रधानमंत्री बन गए थे
36:23लेकिन स्तता का केंद्र प्रधानमंत्री का दफ्तर ही था
36:27पुतिन भले ही राश्पती नहीं थे लेकिन आर्थिक राजनितीक सारे फैसले पुतिन ही लेते थे
36:33और 2014 में सत्ता मेवापसी के साथ ही रूस की राजनीती में सेंट्रलाइजेशन और पावर फिर से तेज हो गया
36:41पुतिन ने राशपती का पद सिर्फ संबैधानी पद नहीं रहने दिया बल्कि रूस की पूरी ताकत का केंद्र बना दिया
36:482018 में पुतिन चौथी बार राशपती चुने गये और इसके बाद 2020 में रूस के संबैधान में वो बड़े बदलाव हुए जिन्होंने पुतिन के शासन को आने वाले कई दशकों तक सुरक्षित कर दिया
37:01राशपती कारिकाल की सीमा को रिसेट किया गया जिससे पुतिन के लिए 2036 तक सत्ता में रहने का रास्ता साफ हो गया
37:12रूस के कानूनों को अंतरराष्ट्य कानूनों से उपर रखा गया
37:17पारंपरीक और धार्मिक मुल्यों पर जोर दिया गया और विपक्षी राजनिती की जगह और सिकुड गई
37:23यह वही पल था जब दुनिया समझ गई पुतिन अब सिर्फ रूस के राषपती नहीं
37:31रूस की संपुर्ण राजनितिक विवस्था के निर्माता बन चुके है
37:34लेकिन पुतिन के शासन की सबसे बड़ी कहानी सिर्फ घरेलू सत्ता नहीं बलकि भूराजनितिक विस्तार रही है
37:42क्रीमिया सिर्फ जमीन नहीं था वो रूस्ट की नेवल रणीती का दिल था
37:46और यही हाल यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र टोनेट्स और लुहांत्र का भी है
37:51पुतिन खुल कर कहते हैं ये इलाका रूस का है
37:55सबसे बड़ा विस्पोट रुआ तो हजार बाईस में
38:07यूरोपी यूनियन, अमेर्का और नाटो ने रूस को वेश्विक आर्थिक विवरस्था से लगभग बाहर कर दिया
38:37सबसे बड़ा कारण ये हैं कि रश्या ने जो अपनी डिफेंस प्रोडक्शन कहें जिस तेजी से बढ़ाई है उसमें पैसा डाला है उसके चलते रश्यन एकॉनमी में फिलाल फरक नहीं पड़ा है
38:562014 के बाद से रूस के भीतर पुतिन की सत्ता लगातार मजबूत होती गई संबिथान संचोधन विपक्ष पर कारणवाई कोट के फैसले मीडिया पर नियंतरन सब कुछ पुतिन तै करने लगे
39:08पुतिन ने रूस को एक स्थिर लेकिन कड़े साचन वाला तेश बनाया पश्यम से टकराव को नई परिभाशा दी और अब 2030 तक सत्ता में बने रहकर रूस की अगली दिशा भी वही तै करेंगे
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