00:00भारत और रूस अगर मजबूत रिष्टों की बात करते हैं तो उधर चीन भी रूस का दोस्त है
00:04एशिया की ये तीन महाशक्तियां पहले भी S.C.O. सम्मेलन के दोरान मिल चुकी है
00:10बात R.I.C. ट्रॉयका को पुनर जीवत करने की भी उठी थी
00:15लेकिन दूसरा पहलू ये भी है कि जिस तरह के रिष्टे भारत और चीन के रहे हैं
00:20ऐसे में रूस और चीन की नजदीकी भारत के लिए क्या कोई चुनोती हो सकती है
00:25रूस और भारत की दोस्ती तो पुरानी है ने रूप में और भी निखर रही है
00:39लेकिन रूस की घनिष्टा चीन के साथ भी है, जिसके साथ भारत के रिष्टे जटिल रहते हैं, क्या इसका भारत रूस के संबंधों पर असर पड़ सकता है?
00:47भारत और शीन हमारे सबसे करीबी मित्र हैं, और मैं ये नहीं समझता की, हमें उनके दूई-पक्षी मामलों में हस्तक शेप करना चाहिए।
01:05मैं जानता हूँ कि प्रधान मंतरी मूदी और राश्टपती जिंग पिंग जटिल और विवादित मसलों पर किसी नतीजे तक जरूर पहुँचेंगे।
01:20तो तस्वीर ये है कि रूस और भारत मित्र हैं, रूस और चीन भी मित्र हैं, लेकिन भारत और चीन के संबंध अकसर तनाव पून रहते हैं।
01:30भारत के हवाले से ये प्रश्ण उठना लाजमी है कि रूस कैसे बैलेंस करता है और कैसे बैलेंस करेगा।
01:36दोनों देशों के बीट जो तनाव है उससे दोनों नेता चिनते थें
01:45वो समस्या का समाधान भी करना चाहते हैं
01:49प्रियास कर भी रहें, नतीजे पर भी पहुँचेंगे
01:52मैं उन दोनों के लिए बहुत खोश हुए
01:55मैं नहीं समस्ता की, मुझे हस्तक शेप करना चाहिए
02:00ये दुईपक्षिय मामले है
02:02दरसल RIC यानि रूस, इंडिया और चाइना के बीच एक संगठन के तौर पर साथ आने की बातें उड़ती है
02:13इसी साल संगहाई में S.C.O. समिट में जैसे पिएम मोदी, शी जिन पेंग और व्लादिमीर कुतिन सामने आए
02:19उसने कई कयासों को बल दिया क्योंकि पारसपरिक रिष्टों से अलग तीनों का एक कॉमन इंटरेस्ट भी है
02:25भारत अमेरिका का सहयोगी था लेकिन 50% के साथ अमेरिका का दुश्वन जैसा बरताव चीन अमेरिका का प्रमुक रणनीतिक प्रतिद्वन्दी, रूस अमेरिकी प्रतिबंधों से परिशान और अमेरिका समर्थित यूकरेन युद से तंग
02:39लेकिन क्या संभव है रूस भारत चीन का एक संगठन के तौर पर साथ आपाना, इसमें कई पेचीदिया है
02:47रूस भारत का साथ ही है, लेकिन चीन के अतिवात के खिलाफ भारत के समर्थन की जगे शान्त रहता है
02:52क्योंकि रूस के संबंध चीन से सबसे अधिक प्रगाण है
02:55रूस भारत पाकिस्तान के मुद्य पर भारत का साथ देता है लेकिन चीन के मामले में चुपी साथ देता है
03:01अब इसी तरह अगर चीन के साथ भारत के संबंधों को देखा जाए तो भारत चीन के बीच सबसे बड़ी समस्या उनका लंबा सीमा विवाद है
03:08हिमालेक शेत्र में 3488 किलोमीटर की एक असपष्ट सीमा को लेकर उनके बीच मतभेद है
03:151962 में ये मतभेद जंग में तब्दील हो गए थे और आज भी तनाव बना हुआ है
03:202020 में लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों में हिंसक जड़क हो दे
03:26इससे राजनईक संबंध ठंडे पढ़ गए नई दिल्ली ने चीनी नागरेकों के लिए परिटक वीजा निलंबित कर दिया और तक्नीकी आयात पर प्रतिवंध लगा दिये
03:34बात सिर्फ सीमा विवाद तक ही सीमित नहीं है
03:37हाल ही में भारत ने जब पाकिस्तान के खिलाब ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया तो प्रत्यक्ष रूप से चीन की तरफ से उसे मदद मिले
03:45इसके अलावा पाकिस्तान पोशित आतंकियों को बचाने में चीन हमेशा आड़े आता रहा
03:50अब व्याभारिक रूप से देखा जाये तो समझा जा सकता है कि भारत के सामने और क्या परिशानिया आ सकती
03:57रूस बीजिंग से बेहत फरीद है
03:592004 में रूस के क्रीमिया पर खबजे के बाद पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के चल्पे रूस और बीजिंग के संबन्ध मजबूत है
04:05दोनों के बीच व्यापार रिकॉर्ड स्थर पर पहुँच गया जो 200 बिलियन डॉलर को पार कर गया
04:10ऐसे में भारत की भूमिका क्या रहे की? कम से कम भारत जूनियर पार्टनर बन कर तो नहीं रहना चाहेगा?
04:18ये सही है कि साल के पहले नौ महीनों के मुकाबले अब भारत के साथ दूई पक्षिय व्यापार में कुछ कमी आई है
04:28लेकिन इसे एक तरह के समा योजन के रूप में देखा जाना चाहिए
04:33पर कुल मिलाकर भारत के साथ रूस का व्यापार लगभग पहले जैसा ही है
04:38मैं इस समय महीने के हिसाब से सटी कांकले नहीं दे सकता
04:44पर रूस का भारत के साथ हाइडरो कारबन्स और तेल को लेकर व्यापार स्थाई रूप से जारी है
04:49लेकिन यहां एक बात जो सबसे जरूरी है समझने के लिए वो ये है कि तीनों को आपसी जरूरत जोड़ती है
05:00आपसी विश्वास नहीं और क्या अविश्वास की संदिक्ता रहने पर रिष्टों की बुनियाद मजबूत रहेगी इसमें संदे है
05:07चीन के साथ भारत को विश्वास के रास्ते पर आगे बढ़ने में कई रुकावटे सामने आने वाले वर्षों में रुकावटे दूर हो जाएं तो दुनिया बदल भी सकती है
Be the first to comment