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Babri Masjid Demolition Anniversary: बाबरी मस्जिद विध्वंस (Babri Masjid
Demolition) की बरसी पर असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने बड़ा बयान
दिया. उन्होंने 6 दिसंबर को काला दिन बताया और सुप्रीम कोर्ट (Supreme
Court) के फैसले पर सवाल उठाए.

#ayodhya #security #babrimasjid #rammandir #uppolice

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Transcript
00:00बाबरी मस्जिद के शहादत के जितने मुल्जमीन जिन पर इल्जाम लगाया गया था
00:05कोट ने कहे दिया के वो त्माम को बरी कर दिया
00:10सवाल ये पैदा होता के फिर 6 डिसम्बर को
00:146 डिसम्बर 1992 को फिर किसने मस्जिद को शहीद किया था
00:19और ये मोडी की हकूमत
00:21बीजेबी कुमत ने उस ट्राइल कोट के फैसले के खिलाफ अपील नहीं की
00:26कि 6 डिसम्बर 1992 को मस्जिद को शहीद नहीं किया गया
00:32बलकि भारत के सम्विधान को कमजोर किया आईन को
00:36मैं आपको यहां पर एक बात बताना जुरूरी समझता हूँ
00:39कि आज 6 डिसम्बर है और आप और हम जानते हैं कि 6 डिसम्बर 1992 को क्या हुआ था
00:46सुप्रीम कोट को वादा करके कि वहां पर बाबरी मस्जिद को हाथ नहीं लगाया जाएगा
00:56तमाम संग परिवार के लोग जमा हुए
01:00लाल क्रिशन अडवानी, मुर्ली मनहर जोशी, उमा भारती, जितने लोग थे
01:09उन तमाम लोग सुप्रीम कोट को वादा किये थे कि मस्जिद को हाथ नहीं लगाया जाएगा
01:15और उसके बाद हम देखते हैं कि बाबरी मस्जिद को वहां पर शहीद कर दिया गया
01:23बावजूद इसके के सुप्रीम कोट को उन्होंने लिख कर दिया था
01:28और बाबरी मस्जिद को दुनिया की आँखों के साम में, पुलिस की मौजूदगी में
01:34मस्जिद को शहीद कर दिया गया
01:37जिस जगा पर मुसल्मानों ने नमाजे अदा की
01:43और खुद सुप्रीम कोट ने बावजूद मस्जिद के फैसले में कहा
01:48के बावीस और तेवीस दिसम्बर उन्नीस सो उन्चास को
01:55बगएर कोई खानूनी चारा कोई के
01:58मस्जिद में घुसकर
02:01वहाँ पर मस्जिद की बेहरमती की गई
02:04वहाँ पर मूर्दिया रखी गई
02:06और फिर सुप्रीम कोट ने अपने ही फैसले में
02:10सफ़े नमबर 913 और 914 में लिखा
02:13कि मस्जिद की शहादत जिसको अंग्रेजी में कहा
02:18कि एगरेगरेस उन्हें लफ़ का इस्तमाल किया
02:21और कहा कि ये रुवाइलेशन आफ रूल आफ लौ था
02:26आज जब हम ये देखते हैं कि करिमिनल कोट का फैसला आता है
02:32बाबरी मस्जिद के शहादत के जितने मुल्जमीन जिन पर लगाया गया था
02:39कोट ने कहे दिया कि उट त्माम को बरी कर दिया
02:44सवाल ये पैदा होता कि फिर छे डिसंबर को
02:47छे डिसंबर 1992 को पर किसने मस्जिद को शहीद किया था
02:52और ये मोडी की हुकुमत बीजेबी की हुकुमत ने उस ट्राइल कोट के फैसले के खिलाफ अपील नहीं की
03:00अजीब माहूल है इनसाफ की बात करते हैं
03:04और एक माब वहाब बलके हजारों की तादात में
03:09लोग जमा होकर मस्जिद को शहीद कर दिये
03:11और कोड़ ये फैसला देता है के
03:15हम किसी को भी मुझरिम नहीं खरार दे सकते
03:18मेरे अजीज दोस्तों और बुजरुगों
03:21फिर हम देखते हैं के हालिया दिनों में
03:24वजीर आजम मुलके कहा
03:26के पानसो साल के जखम अब हमारे भरे जा रहे हैं
03:31सवाल ये पैदा होता के सुप्रीम कोड़ ने
03:35अपने फैसले में कहा के ना कोई मंदिर को तोड़ कर
03:40वहां पर मस्जिद बनाई गई
03:43तो पिर किस गुनियात पर वजीर आजम इस तरह की बात करते हैं
03:48आखिर वो कौन से जखम की बात कर रहे हैं
03:52जखम तो वो है
03:54के 6 डिसम्बर 92 को
03:57मस्जिद को शहीद नहीं किया गया
03:59बलके भारत के सम्विधान को कमजोर किया गया
04:02आइन को
04:03रूल आफ लॉक को कमजोर किया गया
04:06उसको जखम दिया गया
04:08और आज वजीर आजम इस तरह की बात करते हैं
04:12मेरे अजीज दोस्तों और मुझरगों
04:15तकलीफ इस बात से भी होती है
04:17कि सुप्रीम कोर्ट के एक जजज
04:19जो उस बेंच पर बैट कर जजजमेंट लिखे
04:23रिटार्मेंट के बाद इंटर्विव में कहती है
04:28कि जो मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई
04:33वो खुद गलत था
04:34अरे आप जब जजज थे
04:36आपने फैसला लिखा
04:38जब आपको ख्याल नहीं आया
04:41आपने अपने फैसले में लिखा
04:44कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई थी
04:47और मस्जिद और मंदिर के दर्मियान में
04:51जो कितना जादा लंबा रसा था
04:55मगर रिटार्मेंट के बाद
04:57जजज सहाब जजज नहीं रहे
05:00तो उनकी जबान आजाद हो गई
05:03मगर जब आपके हाथ में खलम था
05:05तो आपने क्या लिखा
05:07आपने लिखा कि
05:09मंदिर को तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई थी
05:12मेरे अजीज दोस्तों और बज़रों
05:15आज आप देखते हैं कि इस तरह कि
05:17जज्जमेंट जब आए थे
05:19जब ये जज्जमेंट आया मैंने उसी वक्त कहा था
05:22कि ये आस्था की बुनियाद पर
05:24फैसला दिया गया
05:26मैं आज भी ये सवाल उठा रहा हूँ
05:28अगर 6 डिसंबर
05:301992
05:32को अगर मस्जिद शहीद नहीं होती
05:34तो सुपरेम कोड के ओजजजज क्या फैसला देते
05:37क्या फैसला देते आप
05:39आप ने आस्था की बुनियाद पर फैसला दिया
05:43और फिर जो मस्जिद 400 साल से ठहरी हुई थी
05:47उसको आपने अपने कोड के जज़जमेंट में कहा है
05:51और जजजज साथ बाज में इंटर्विय में ये बात कहती है
05:57बहराल इनका चहरा साम में आगया दुनिया के साम में
06:03मगर इस बात को हमको समझना और याद रखना है
06:07कि 6 डिसंबर एक योम सिया है
06:106 डिसंबर हमारे मुलक के लिए एक सिया दिन है
06:14जिस तरह गांडी को जिस दिन मारा गया था वो योम सिया है
06:18जिस दिन 6 डिसंबर 92 को मस्जिद को शहीर किया गया वो एक काला दिन था
06:24जिस दिन इंदरा गांडी के खदल के बाद दिली के सड़कों पर सिखों का
06:30खून की होली खेली गई जो मुलक के लिए काला दिन था
06:34जिस वक दो हुजार दो में गुजरात और हमदाबाद में फसादात हुए
06:39वो एक योम सिया था
06:40तो ये ऐसी चीजे हैं जिसको हम कभी नहीं बोल सकते
06:45ना भूलना चाहिए
06:47याद रखी अगर खानून की बाला दस्ती रहेगी रूल आफ लौ रहेगा
06:52तो जमूरियत मजबूत होगी
06:55इनसाफ मजबूत होगा
06:57और अगर इनसाफ करने वाले रिटायर्मेंट के बाद इस तरह की बात लिखते हैं
07:02इंटर्वियू में बोलते हैं
07:04तो खुद वो अपना तमाशा कर रहे है
07:06और अपने चहरे को बेनी खाब कर रहे है
07:09बहराल मेरे अजीज़ दोस्तों और मजबूत आज वक्त यह है कि हमको
07:15मुट्धा तोर पर अपने अबादत गाहों की इफाज़त करना है
07:21और जो फैसला सुप्रीम कोर्ट से आया था
07:24जो आस्था की बुनियाद पर था
07:26आज आप देखते हैं कि
07:28नाइटी नाइटी वन प्लेस ओफ वर्शिप एक होने के बावजूद भी
07:34कई मसाजिद के ओपर केस्स पड़ जाते है
07:38और इसी बावरी मस्जिद के केस में
07:41उस जजिज़ ने लिखाता कि इन प्लेसिज ओफ वर्शिप एक का तालुग बेसिक स्ट्रक्चर से है
07:46सुप्रीम कोर्ट एक बात बोलता है
07:49और लोर कोर्ट उसको खुब नहीं करता है
07:51बहराल हम को
07:53जितनी अल्लह ने हम तमाम को सालायत दी है
07:56हम आईन को मजबूत रखे
07:58खानून की बालाजस्ती को बरखरार रखे
08:01या रूल अफ लॉक को बरखरार रखे
08:03और ऐसी ताखतों को पहचाने
08:06जो मुलक के आईन को इनसाफ को कमज़ोर करना चाहते है
08:11याद रखिए इस मुलक का कोई मजब नहीं है
08:15ये मुलक तमाम मजब के मानने वालों का है
08:18अगर कोई ये कहेगा कि ये मुलक एक मजब का है
08:22तो फिर याद रखिए
08:24हम उन अजीम आजादी के मुजाहिदीन की खुर्बानी को राइगा जाने देंगे
08:30क्योंके उस वक्त हिंदू मुसल्मानों ने मिलकर
08:34सिखों ने इसाईयों ने मिलकर
08:35अंग्रेजों से इस मुलक को आजाद करवाया था
08:39और हमारे बुजरगों ने ये खाब देखा था
08:42और इसलिए इस तरह का आईन मनाया
08:45कॉंसिटूशन मनाया 1950 में जो हमने आईन अपने आपको दिया
08:50वो ये कहता है कि इंडिया जो उसका प्रियांबल है
08:54उसका जो पहता उसमें ये बात लिखी गई
08:57कि लिबरिटी, इक्वालिटी, जस्टिस, फटर्टर्निटी
09:01ये चार चीज़ें जब आप बात करते हैं
09:04तो किसी एक मख़ब की ताईद में बात नहीं होती
09:07तो बहराल ये चीज़ें हैं जिस पर आपको हमको गौर करना है
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