00:00तो याक्षनी जीजी लोके इकड़े आए तुमचा सकट सग्यान सिकते। तुमचीजी भूमिकायत कीज मज़ना है।
00:06माजा निसर्ग है, नी निसर्गाचा एक भाग है। निसर्गा पुड़े कुणी मोठ नाए।
00:13जात नाए कुछला, धर्म नाए कुछला, देवाई नाए। मिसर्गा हाँ पाईला है। आणि आपन भाग होते। तुमचा अपने जन्माला घतला है, आपन तला साम्भवड है।
00:21नका गरू, हाथ जोड़न इननती है, जे कोनी अधिकारी सरकार, जे कोनी आसे, जे हाथ जोड़न इननती है। ये आत्मत्या नका गरू, आपन आत्मत्या गरू प्राश्माला लगते।
00:35आहेत ते रावफ़ते ना.. आणि भरपूर जागायेत, भरपूर परियाये आहेत आहेत परियायेत। आहेत। ते सरकार खुट सक्षमाएं, ते हाँ परियाएं, शोदु शक्त तो परियाया राभव शक्त, असमाज़ा ही विश्वास है।
00:53प्रश्वास है त्याम उन्हाइक दा विचार करावा हाजुड़न निननती है सग्यान कड़ून प्लीज हाँ निरणे बदला ये तपोवन है
01:01काय करते हैं मला पड़्ट हाजुड़न निननती है नका गुष्ट अपन पगित नमें जास्त मला बोलता ही है
01:08क्यों में सल्ला का देना है मी वक्त विननती करतो कलकली अग्दी मना पसो हाँ निरणे नका गुष्ट जाड़ जागुदे तनिसर्ग जागुदे पुर्ची पीडी जागुदे
01:18माला शक्य जालो आणी संदी मिलाले ते नक्की बेड़िगों माजी इच्छा आये पड़ मी आता तुम्चा मार्फत यासो नेमी मंड़ो क्या मी कलाकार आणी प्रेक्षब क्यों आयता तुम्ही दुआ आता हम्चा मदले जे देव आणी मानुस एचा मदी जो साधू अस्
01:48इस आंता हम इनने नहीं नकाजिए बदलागी जो साधू आपके शर्वांचे करता हुए
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