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  • 2 days ago

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00:00और यह चाहते हैं कि आपको बिल्कुल पता ना लगने पाए कि आप जौला मुखी के मुझ पर बैठे और जौला मुखी फट चुका है
00:06और इसमें दो चीजों की बहुत ज्यादा चर्चा की गई है यह कह रहे हैं कि हम एक सिमिलेशन में रह रहे हैं हम माया में रहे हैं और फ्यूचर में पूरी कॉंशिसनेस भी कॉलाप्स कर जाएगी इसलिए यह ऐसे इंफ्रस्ट्रक्चर का निर्मार करना चाहते हैं कि पृत
00:36हैं और प्रत्वी की सत्ह पर भी 70 प्रतिशत पानी है आपको दिखाई नहीं दे रहा कि हम प्रत्वी ही हैं और आप ऐसे जगह जा रहे हो जहां पानी की बूंद भी नहीं है जहां अलग से प्लांट लगा करके बस किसी तरीके से इतना पानी दिया जाएगा कि पी के जिं�
01:06करके अपनी पूरी अपना कुटुम ले करके और दोचार दर्जन बच्चे ले करके और अपने जैसे लोग ले करके वो उड़ जाएंगे आप बस जब वो लोग अपने रॉकेट में बैठ करके भाग रहे होंगे एक फैन की तरह आप नीचे से खड़े हो के सेलफी ले रह
01:36क्लाइमेट चेंज की और आपकी नजर ना जाए ताकि आपको लगे अच्छा क्लाइमेट चेंज से प्रत्वी समाप्ति होने वाली है तो हो जाए हमें तो दूसरे प्लाइनट पर जाना है ना एक बाद बस जाद रख लीजेगा
01:46प्रणाव अचारे जी मेरा नाम अनुश्का है और मैं टेकनिकल और एथिकल एई फील में काम कर रहे हूँ
01:58हाली में एक पॉड़कास्ट है जो काफी ज्यादा वाइडल हो रहा है मैंने वो आज ही देखा है और इसमें दो चीजों की बहुत ज्यादा चर्चा की गई है दो शब्द जो मेरे जहन से नहीं निकल रहे हैं पहला है
02:12जहां पर यह कह रहे हैं कि हम एक सिमिलेशन में रह रहे हैं हम माया में रह रहे हैं और साथ ही दूसरी बहुत ही विज़ाबास बात कहीं कहीं है कि future में humanity will be dead humans will collapse तो उसी के साथ साथ पूरी consciousness भी collapse कर जाएगी चेतना को ही इन्होंने कह दिया है मर जाएगी future में ना कोई सव
02:42infrastructure का निर्मान करना चाहते हैं कि प्रित्वी बचे या ना बचे पर मनुष्य बचा ले जाएए इनका पूरा पूरी energy पूरे resources उसी दिशा में अग्रसर हैं तो प्रश्न मेरा यहां यह है कि जैसा कि आप कहते हैं कि western world को पश्च्चिम को वेदान्त का ग्यान नहीं मिला तो
03:12साइन्स का एक इंसान जिसने इतना कुछ बड़ा बना दिया है एक basic fact चो एक बच्चा भी जानता है कि global warming is a serious concern हम बच्पन से पढ़ते आए हैं और आज दुनिया जसका गार पर खड़ी है वो इंसानों की वज़स से ही है पूरे podcast में environment concern, global warming, carbon emission की कहीं कोई चर्चा नहीं की
03:42तो ये कैसी विचार धारा है कि science का एक व्यक्ति facts को इतना manipulate करके दुनिया के सामने रख रहा है और इतनी basic बातों को कहीं न कहीं चुपाने की कोशिश कर रहा है ये कैसी विचार धारा है और हम कैसे इसका सामना करें हम कैसे इस पर तर्ख करें यही मेरा प्रश्न है
04:01नहीं विचार धारा की बात नहीं है धारा का जो स्रोत है उसकी बात है विचारक की बात है
04:10science माने क्या होता है science माने यही तो कि यह जो बाहर आपके दुनिया है जो material world है वो अब आपके लिए ग्यात हो गया
04:22comprehensible हो गया ठीक है ना पानी नीचे को क्यों गिर रहा है सूरज की रोशनी प्रत्वी तक आने में समय क्यों ले रही है
04:32शंदर ग्रहन क्यों लग जा रहा है यह सब बातें हो सदासे रही थी अब आपने जान लिया कि क्यों और कैसे होती है इसको विज्ञान कहते है
04:44तो उससे आप भीतर से कोई ज्यादा इस्पश्टता थोड़े हासल कर लोगे आप खुद को ले करके बहुत उलजे हुए हो सकते हो
04:56विचार का जो सुरोत है विचारक वो भीतरी अंधेरे में एकदम डूबा हुआ हो सकता है
05:04फिर भी बहुत संभव है कि उसे विज्ञान में कुछ महारत हासल हो
05:11बिल्कुल संभव है तो विज्ञान से आप बहतर इंसान नहीं बन जाते है बिल्कुल भी नहीं
05:21बल्कि आप अगर आदमी ही गड़बड़ हो तो आप विज्ञान का इस्तेमाल भी सबसे गिरे हुए कामों के लिए करते हो
05:28ये हमारी भूल रहती है सोचना कि कोई विज्ञानिक है तो आदमी भी बढ़ियां होगा ऐसा कुछ भी नहीं है
05:41ठीक है विज्ञान से बाहरी अंधविश्वास हटते हैं पर सबसे भयानक और खतरनाक अंधविश्वास तो भीतर होता है ना
05:53उसका नाम होता हंकार और विज्ञान से वो नहीं हटता और जहां हंकार होता है वहां कामना होती है अहंकार माने अपूर्णता जहां अपूर्णता है वहां दुनिया को लेकर कामना उठेगी कि दुनिया का कोई विशय मिल जाए तो मेरी अपूर्णता दूर हो जाए
06:11हम गीता सत्रों में गाते है न जब काम भरा हो आँख में तब सच नजर नहीं आता है
06:19आप कह रहे हो बच्चा भी जानता है कि आज दुनिया बिलकुल विनाश के मुहाने पर खड़ी है
06:29climate crisis सब जानते हैं तो फिर और ये सब बहुत सारे बड़े बड़े लोग है
06:36climate denialists हैं इनको क्यों नहीं दिख रहा है आग देहके पर धुएं से प्रकाश धकसा जाता है
06:45जब काम भरा हो आँख में तो सच नजर नहीं आता है आँख में जब कामना भरी हो तो सच्चा ही नहीं दिखाई देती
06:54और कामना कब भरी होती है जब आपको दुनिया का बहुत पता होता है अपना कुछ भी नहीं पता होता
07:00पर ऐसे लोग बहुत खतरनाक हो जाते हैं बहुत खतरनाक हो जाते हैं
07:05प्रत्वी खत्म हो जाए इंसान को बचाना है
07:09बारे बार
07:10इंसान जिसको आप इंसान बोलते हो
07:13उसकी रग रग प्रत्वी है
07:16प्रत्वी नहीं रहेगी तो
07:20इंसान कहां से रहेगा
07:22कई बाते हैं इसमें पहली बात है भी
07:23आपका जो कद है
07:26वो प्रत्वी के व्यास से निर्धारित हो रहा है
07:30प्रत्वी की जो ग्रैविटी है न वो आपकी हाइट टै कर रही है
07:36प्रत्वी की ग्रैविटी जो है और प्रत्वी की ग्रैविटी उसके रेडियस से आ रही है
07:43प्रत्वी का रेडियस तैय कर रहा है
07:48कि आपके शरीर में मास पेशियां कितनी होंगी
07:51अच्छा बताइए आपका जो मसल मास है
07:54वो टोटल मास का एक पर्टिकुलर परसेंटेज ही क्यों होता है
07:59आपने अपना बॉड़ी मास अनलसिस का भी कराया हो
08:02तो उसमें आता है बॉड़ी में इतना फैट है
08:04इतना स्केलिटल मास है और इतना मसल मास है
08:08यह से आता है
08:09तो जो आपका मसल मास आता है चाहे जितना भी आता हो
08:1245 परसेंट, 70 परसेंट
08:14यही सब रहता है लोगों का
08:16तो वो उतना ही क्यों आता है
08:19क्योंकि उसका संबंध प्रत्वी के व्यास से है डायमिटर से है
08:25ग्रैविटी तै करती है आपको कितनी मसल चाहिए
08:28अगर ग्रैविटी ज्यादा होती तो आपकी थाई मसल्स आपकी काफ मसल्स और मजबूत चाहिए होती चलने के लिए
08:37अगर ग्राविटी बहुत ज्यादा होती तो आपका शरीर बहुत दूसरे तरह से इवाल्व करता
08:44और ब्रेन भी शरीर है न ब्रेन भी शरीर है ग्राविटी दूसरी होती तो ब्रेन भी दूसरे तरह से इवाल्व करता
08:53ब्रेन दूसरे तरगे से इवाल्व करता तो जिसको आप थौट या कॉंशेसनेस बोलते हो वो भी दूसरी होती
08:59तो इनसान का तन और मन दोनों प्रत्वी ही है
09:04आप मालू में क्या हो?
09:07जो प्रत्वी की सतह पर चल रही बहुत मामूली गतिविधी उसको बोलते हैं इनसान
09:156400 किलोमीटर प्रत्वी का रेडियस है
09:20और जो प्रत्वी की क्रस्ट है जो प्रत्वी का बिलकुल बाहरी छिलका है
09:26टॉप स्वाहिल से भी जरा सा उपर वाला
09:29उसको इनसान बोलते है
09:38प्रत्वी की स्वाहिल के उपर
09:43कुछ ऐसे ही एक्टिविटी चल रही होती है
09:47उस एक्टिविटी को कहते हैं
09:49दे ह्युमेन बिंग
09:50आपकी क्या आकात है 6400 किलोमीटर के रेडियस के सामने
09:56आप हो 5 फिट 6 फिट के
09:57और आप जिस चीज पर खड़े हो उसका रेडियस देखिए
10:01तो उसकी सर्फेस पर आप बिलकुल एक मिनिस्क्यूल प्रेजन्स हो
10:04और आपकी जो पूरी प्रेजन्स है
10:08वो आपके प्लैनेट आपके ग्रहने ही तै करी है
10:12आपकी आँखों
10:16प्रत्वी अगर सूरत से ज्यादा दूर होती तो आपकी आँखों को जरूरत पड़ती और ज्यादा शार्फ होने की
10:28क्योंकि रोशनी कम होती
10:31प्रत्वी अगर सूरत के ज्यादा पास होती
10:34तो भी आपकी आँखें अलग होती क्योंकि रोशनी ज्यादा होती
10:38तो फिर आँखें में आपके जो रॉड्स का, कौन्स का, रेटीना का जो साइज है
10:45वो सब दूसरे तरीके का होता
10:47आपकी खाल दूसरी होती अगर प्रत्वी सूरत के जाधा पास होती
10:52क्योंकि radiation जाधा होता तो खाल भी दूसरे तरीके की होती
10:56ठीक वैसे जैसे जो लोग equator पर रहते हैं
11:00और जो लोग जाधा temperate regions में रहते हैं
11:04उनकी खाल अलग-अलग होती है ना
11:05खाल की मुटाई, खाल का रंग सब अलग हो जाता है
11:08तो ऐसे ही आप अगर सूरत से दूर रह रहे होते
11:11आप किसी और ग्रह पर होते तो आपकी खाल, आपकी आँखें, आपके होट, आपके बाल
11:15सब अलग होते
11:16ये सब तो छोड़ दो, मैं कहा रहा हूँ, आपका ब्रेन ही अलग होता
11:20माने इंसान की consciousness ही दूसरी होती है अगर प्रत्वी पर नहीं होता
11:23प्रत्वी और मनुश्य एक ही बात है
11:26जैसे प्रत्वी में अलग-अलग सतहें होती हैं ना
11:31तो वैसे ही सबसे उपरी सतह के उपर
11:34एक और सतह है, उस सतह को आप कह सकते हो
11:38the human layer, हम वो हैं
11:41बस इस सतह को गुमान हो गया है कि उप्रत्वी से भिन्न है
11:44इस सतह को गुमान हो गया है कि उप्रत्वी से भिन्न है
11:49और वो किसी और ग्रह पर भी चली जाएगी
11:51तो वो बची रहेगी
11:53प्यास के छिलके को लग रहा है
11:56कि उसको केले के उपर बांद दोगे
11:59तब भी वो जिन्दा रहेगा
12:00भाई तू प्यास का छिलका है
12:03तू प्यास का छिलका है
12:05तू जिन्दा ही तभी तक है जब तक तू प्यास के उपर है
12:07जिस दिन तुझे केले के उपर बान दिया गया तू मर गया
12:11इसी तरह मनुष्य भी तभी तक जिन्दा है जब तक वो अपनी प्याज माने अपनी प्रत्वी के उपर है
12:16हम भी इस प्रत्वी के एक छिलके ही है
12:18जब तक हम प्रतिवी के ऊपर है। तब तक हम हैं। उसके बाद हम नहीं है।
12:23और ये बात बहुत सीधी है। आपका जो blood pressure है वो कैसे तै होता है?
12:29वो atmospheric pressure से तै होता है, और atmospheric pressure किसे तै होता है? ग्रैविटेशनल पूल से तै होता है।
12:36आपका दिल कितना धड़क रहा है
12:38वो तै होता है
12:41इससे कि एट्मॉस्फेरिक प्रिशर कितना है
12:42और आपकी बॉड़ी का साइज कितना है
12:44उससे आपका हार्ट रेट तै होता है
12:47अगर प्रत्वी बदल गई
12:50तो यह आपका जो दिल धड़क रहा है
12:52ये धड़केगा कैसे
12:54आप कहीं और चले जाओगे, जिल का धड़क नहीं बंद हो जाएगा
12:57आप किसी ऐसी जगह चलेगा, जहाँ रेडियस बहुत कम है
13:00तो अट्मोस्फरिक प्रिशर भी कम होगा
13:02जोए ट्मोस्फरिक प्रिशर कम होगा
13:04तो आपकी जो नसे हैं
13:07जो खून लेकर के घूम रही हैं,
13:10उनका प्रेशर, एट्मोस्फरिक प्रेशर से ज़्यादा हो जाएगा,
13:13आपकी सारी नसे फट जाएंगी,
13:14ठीक वैसे जैसे जब आप पहाडों के उपर जाते हो,
13:16तो कई बार नाक से खून आ जाता है ना,
13:18क्यों आ जाता है नाक से खून,
13:19क्योंकि एट्मोस्फरिक प्रेशर कम हो गया,
13:21आपका शरीर फटना शुरू हो जाता है,
13:23आप किसी दूसरे प्लैनेट पर जाओगे,
13:25आपका शरीर फटने लगेगा,
13:26दूसरे और आप जूप्टर जैसी इसी जगे पर पहुँच गए,
13:29जहां पर ग्रैविटी बहुत ज़्यादा है,
13:33तो एट्मोस्फरिक प्रेशर हो सक्था इतना ज़्यादा हो,
13:37कि आपकी ये जितनी ब्लड वेसल्स हैं,
13:39वो सब कंप्रेस हो जाएं,
13:41और मैं बहुत बेसिक साइंस की बात कर रहा हूँ,
13:44आप इसमें और आगे पढ़ोगे,
13:45तो मामला और नुएंस्ट है,
13:48कहीं और चले जाओगे,
13:49तो देखने में भी तकलीफ आने वाली है,
13:52सांस लेने में भी,
13:53खाने में, आप जो वनस्पतियां खाते हो,
13:55आप मिनरल्स और केमिकल्स खाके तो जी नहीं सकते,
14:00आप सब जो चीजें खाते हो प्रत्वी पर प्यादा होती हैं,
14:03कहीं और कैसे प्यादा हो जाएंगी,
14:07कैसे हो जाएंगी,
14:09मनुष्य और प्रत्वी दो नहीं हैं,
14:12आप इस प्रत्वी पर रहते नहीं हैं,
14:14आप ये प्रत्वी है
14:15प्रत्वी आपका घर नहीं है
14:17प्रत्वी आपका केंद्र है
14:20प्रत्वी दिल है आपका
14:22प्यास का छिलका सोच रहा है
14:25मैं प्यास पर रहता हूँ
14:26प्यास का छिलका सोच रहा है
14:28मैं तो प्यास पर बस रहता हूँ
14:30तुम रहते नहीं हो प्यास पर तुम प्यास हो
14:32यहां से बाहर जा करके
14:36अगर कुछ बचेगा भी
14:38तो वो मनुष्य नहीं होगा
14:39वो मनुष्य से मिलती जुलती कोई चीज होगी
14:42यह उसे आप humanoid बोल सकते हैं
14:43वो human नहीं होगा
14:44उसका कद भी दूसरा होगा
14:46उसका brain भी दूसरा होगा
14:48वो सारी चीज़ें जो आपको पता है
14:52हमारे हस्ती में
14:56पूरा एक-एक
14:58mind-body relationship चलती है
15:01हम psychosomatic जीव हैं
15:05आपका mind
15:05body से माने material से
15:08जबरदस तरीके से प्रभावित रहता है
15:10हम psychosomatic लोग हैं
15:13psycho और soma
15:15mind और body
15:16body material है
15:19material अगर बदल गया तो mind बदल जाएगा
15:22अगर
15:24planet बदल गया तो आपने यह जितनी
15:26गजलें लेखी हैं यह जितनी art forms हैं
15:29यह सब आपके लिए
15:30बिकार हो जाएगी क्योंकि mind बदल जाएगा
15:32आप कुछ और हो जाओगे
15:34किसी और ग्रह पर
15:36जाने का मतलब है सामूहिक आत्मत्या
15:38की सोचना
15:39वो species दूसरी होगी
15:41वो आप नहीं होगे
15:42अगर बचे तो
15:46अगर बचे तो
15:48कहीं और जाकर बचे तो याद रखना
15:50अगर किसी भी ग्रह पर
15:52इतनी ही favorable स्थितियां होती हैं
15:54जीवन के पनपने की
15:55तो अब तक पनप गई होती हैं
15:57वो सब ग्रह बंजर पड़े हैं
15:59इससे पता क्या चलता है
16:00कि वहाँ जीवन के पनपने की संभावना
16:03अपने आप में बहुत कम है
16:04अब आप वहाँ जाकर
16:05उसको artificially colonize करना चाहते हो
16:08जहाँ पर अपने आप जीवन
16:11कभी नहीं पनपा
16:12वहाँ पर आप जाकर
16:13क्रित्रम रूप से जीवन बसाना चाहते हो
16:15अगर उजगे इतनी अच्छी होती
16:17तो उन बे आज तक अपना जीवन क्यों नहीं है
16:19बहुत अब तो हमारे पास
16:24ये सब जो
16:25low flying satellites होते हैं
16:28आप उनोंने तस्वीरे ली हुई हैं
16:30आप सैटर्न की, जूपिटर की, मार्स की
16:33मरकरी की, इनकी सब की
16:35सतहों की तस्वीरे देखिये और फिर अपने आप से
16:37पूछिए मैं बसना चाहती हूं क्या
16:38मैं बसना भी चाहती हूं
16:41मिट्टी नहीं है भाई वहाँ
16:43जहातर लोगोंने तस्वीरे देखी भी है
16:46तो चन्दरमा की सतहकी देख ली है
16:48हमारा चंदरयान चला गया है
16:49या नील आमस्टोंग के समय की
16:51अच्छा चक्टान जैसा होता है
16:52नहीं भाई ऐसा भी नहीं होता
16:54कई तो ग्रह ऐसे हैं
16:56जिनकी सतह ही गैस की है
16:58कई ऐसे हैं जो थोड़ा दूर वाले ठंडे वाले हैं जहां गैसें भी जमी हुई हैं जहां पर कार्बन डाय उक्साइट तक जम गई है सॉलिडिफाई हो गई है
17:08आप महां रहना चाहते हो
17:11कई ऐसे हैं जहां पर सैकडों डिगरी तापमान की लगातार आंधिया चलती रहती है
17:20आप महां रहना चाहते हो
17:23लेकिन अगर प्रत्वी को पूरा बरबाद कर दिया
17:29ठीक है तो तो कहीं और रहना पड़ेगा
17:34ठीक वैसे ही जैसे जो ISS था
17:37International Space Station उसमें कुछ लोग रह लेते थे
17:40वो कैसे रह लेते थे
17:42वो रह लेते थे बहुत सारे resources consume करके
17:45यह पहली बात और दूसरी बात कितने रह लेते थे
17:49तो जो लोग बाते कर रहे हैं न हम कहीं और चले जाएंगे
17:52और वहाँ पर हम अपनी दुनिया बसाएंगे
17:55वो यह नहीं कह रहे हैं और आप सब चले जाओगे
17:57वो यह कह रहे हैं कि वो चले जाएंगे
17:59क्योंकि उनके पास पैसा है आप थोड़ी चली जाओगी
18:01मैं थोड़ी चला जाओगा
18:05वो अपना
18:06रॉकेट पर बैट करके
18:08अपनी पूरी अपना कुटुम ले करके
18:11और दो-चार दरजन बच्चे ले करके
18:13और अपने जैसे लोग ले करके
18:14वो उड़ जाएंगे
18:15क्योंकि एक highly resource intensive काम है
18:17आप और मैं थोड़ी उड़ जाएंगे
18:22इस प्रत्वी की करोड़ों प्रजातियां
18:24जिन में मनुश्य भी शामिल है
18:26हमें तो नीचे छोड़ दिया जाएगा मरने के लिए
18:28और बच कौन रहा है वही जिसने प्रत्वी में आग लगाई
18:31वो बच जाएगा
18:31क्यों क्यों कि हमने उसे अपना आदर्श अपना भगवान मान रखा है
18:34वो बच जाएगा वो हमारे ही सारे संसाधन ले करके उड़ जाएगा
18:38और वो अपना कहीं जाकर के
18:40किसी स्पेस स्टेशन में या किसी प्लैनेट की सतय पर किसी तरीके से
18:44अपनी कुछ बची खुची जिन्दगी दस बीस साल काड़ देगा
18:47बहुत चंद मुठी भर लोग है
18:53जो जाकर उधारन के लिए मार्स पर
18:57सफलता पूरवक किसी कदर जी सकते हैं
19:01बहुत कम लोग
19:03पर उस सपने को पूरी मानवता के सामने ऐसे दिखाया जा रहा है
19:07जैसे ही जितने 800 करोड़ों की प्रत्वी बार अबादी है
19:10यह सारे चले जाएंगे
19:11और सब जो जीव जन्तों हैं बाकी वो भी चले जाएंगे
19:14और 70 प्रतिशत जो जीव जन्तों की आबादी हो तो समुदर में रहती है
19:19तो हमें को शायद यह बताया जा रहा है कि हम अपने समुदरों का सारा पानी भी ले जाएंगे
19:24उसमें जितने जीव जन्तों हैं और जलर आशी हैं वो सारी हम वहाँ ले जाएंगे
19:28गे इकिटिक लाइफ जो है वो सारी जो है हम रॉकेट पर लाद करके मार से ले जाएंगे है ना
19:40आपके लिए कोई स्कोप नहीं है प्रत्वी से गई जाने का वह बहुत महंगा काम है क्योंकि जाने नहीं है
19:57बात वहाँ बसनेगी हो रही है
19:58उसमें प्रति व्यक्ति करोडों अर्बों रुपय का खर्चा है
20:02आप कहां से दे दोगे
20:03और उस खर्चे के बाद भी आपको जो जीवन मिलेगा
20:07वो हुमेन का नहीं हुमेनोइड का मिलेगा
20:09जो लोग आपको इस अपना बेच रहे है
20:13उनकी मकारियों के आरपार देखो
20:17वो मानवता के अपराधी है
20:21वो यह सब इसलिए कह रहे हैं
20:24ताकि क्लाइमेट चेंज की और आपकी नजर न जाए
20:30ताकि आपको लगे अच्छा क्लाइमेट चेंज है
20:32प्रत्वी समाप्ति होने वाली है तो हो जाए
20:33हमें तो दूसरे प्लाइनट पर जाना है
20:36अपने घर में आग लगी हुई है
20:39इससे आप बेखबर हो जाओ इसलिए आपको
20:41दूसरे घर का सपना बेचा जा रहा है
20:43और घर में आग क्यों लगी हुई है
20:49क्योंकि उस आग पर हाथ सेकने वाले लोग मौजूद हैं
20:55जो आपको और प्रुच्साहित कर रहे हैं
20:57हाँ और आग लगाओ और आग लगाओ
20:59और बच्चे पैदा करो और बच्चे पैदा करोगे
21:01तो दो फायदे होंगे
21:02पहली बात हमें चीप लेवर मिलेगा
21:05अपनी फैट्ट्रीज के लिए
21:07और दूसरी बात
21:08कांजूमर्स भी तो होने चाहिए
21:11तो और बच्चे पैदा करो
21:12न तो Climate Change
21:16कोई समस्या है
21:18ना पॉपॉलेशन एक्स्प्लोजन
21:19ना कंजूमरिजम
21:20अमेरिका
21:24जो एवरेज अमेरिकन है
21:26वो जितना कंजम्शन करता है
21:29उतना अगर प्रत्वी का हर प्रानी करने लगे
21:32तो छे प्रत्वियों की ज़रूरत पड़ेगी
21:33और ये सब जो लोग हैं
21:38ये ग्रेट अमेरिकन ड्रीम ही बेच रहे हैं चारो तरफ
21:41और ये चाहते हैं कि आप बिलकुल बेहोश रहो
21:47आपको बिलकुल पता न लगने पाए
21:50कि आप जौला मुखी के मूँ पर बैठे और जौला मुखी फट चुका है
21:54ये चाहते ही नहीं कि आपको इसकी ज़रा भी भनक लगे
21:58आदनी अपने शुद्र स्वार्थ के लिए कितना भी गिरने को तयार हो जाता है
22:07आपको क्या लगता है जो चीजें आप अपनी जिन्दगी में प्यारा मानते हो
22:14सब वैसे ही चल लेंगी नहीं चल लेंगी
22:24टाइड्ज है लूनर एक्टिविटी है लूनर मन्त है इनमें आप देखते नहीं हो कि एक सिंक्रनाइजेशन होता है
22:31और आप ऐसी जगे जा रहे हो वहाँ न चांद है न चांद नहीं है तो वहाँ तो ऐसा कुछ नहीं है कि महीना फिर 28 या 30 दिनों का ही होगा
22:41कि होगा और उस चीज़ का संबंध मनुष शरीर से भी है अब क्या होगा अब कैसी दुनिया होगी हो कैसी जिन्दगी होगी वहाँ पर
22:55मनुष्य के शरीर में 70% पानी है और प्रत्वी की सतह पर भी 70% पानी है आपको दिखाई नहीं दे रहा कि हम प्रत्वी ही है और आप ऐसे जगे जा रहे हो जहां पानी की बूंद भी नहीं है जहां अलग से प्लांट लगा करके बस किसी तरीके से इतना पानी दिया जाए�
23:25बहुत संबंध है भाई आपके वोकल कॉर्ड्स जो एक्टिविटी करते हैं और हवा की जो डेंसिटी है इसमें रिलेशन है
23:38क्योंकि आपको जो वेव पैदा करनी है उसको एयर को मीडियम बना कर चलना है तो उस वेव में जो एनर्जी होनी चाहिए वो डिपेंड करेगी एयर की डेंसिटी पर
23:56दूसरी जगे आप बात कैसे कर लोगे किसी और से आप ऐसी जगे जाना चाहते हो जहाँ आप बात ही न कर पाओ
24:03आप क्या सोचरों आप भाँ खड़ो जाओगे दूसरे से बात कर लो गया रे भाई हमारी जो वेव्ज हैं वो इलेक्ट्रो मैगनेटिक वेव्ज नहीं है उन्हें मीडियम चाहिए होता है
24:14भाँ नहीं है तो दूसरे से बात कैसे करोगे और आपकी एक कानों के परदे हैं आपको पता है आप खड़ी रह लेती हो उसकी वजह यह है कि यहां और यहां एक फ्लूइड होती है जो आपके शरीर का बैलेंस बनाने में मदद करती है और वो कैसे काम करती है वो प्रेशर
24:44आप जो ऐसे गोल गोल घोम जाते हो तो चक्कर आता हूंnow गिरने लगते हो नो होता है न आप ख़ड़े कड़े ऐसे बार बार भार घूमिये चक्कर आतका.. क्योंकि वो गरने लग जाते हो ? क्योंकि वो फ्लुइड है वो विल्यकुल disturbed हो गई होती है तो आप रुख भी ज
25:14आप प्लेन में जाते हो, थोड़ा सा प्रेशर बदलता है, तो क्या हो जाता है कानों में?
25:24और जब प्रेशर पूरे ही बदल जाएगा, तो क्या हो जाएगा आपका?
25:29अच्छा, आप अपनी पैथलाब में जाती हैं, आप अपना वो कराती हैं,
25:33बोड़ी कॉम्पोजिशन और क्या मिनरल्स विटामिन सब मेरे नापो तो आप अगर देखोगे कि कितने तरीके के मिनरल्स शरीर को चाहिए होते हैं आप हैरान रहे जाओगे कई-कई दरजन भारत में उतनी ज्यादा health awareness नहीं है नहीं तो शरीर में zinc, magnesium, manganese ऐसे आप गिनने
26:03हो हैं सब जो आपको चाहिए होते हैं और उनहीं से आप बने हो क्योंकि वो यहां की मिट्टी में मौजूद हैं और अगर वो यहां की मिट्टी में मौजूद न होते तो आपको नहीं मिलते तो आपको deficiency हो जाती तो आप मर जाते आप जहां जा रहे हो वहां की मिट्टी मे
26:33खाना नहीं चाहिए होता है, आपको बहुत सारे अच्छे वाले बैक्टिरिया भी चाहिए होते हैं
26:38हम सिंबियोटिक जीव हैं, आप सोचते हो the human being, human being
26:45एक व्यक्ति नहीं है, वो अपने आप में एक system है
26:49हमारे भीतर नजाने कितने और species हैं जो काम कर रहे हैं
26:55तब जाके हम चलबा रहे हैं
26:56आप antibiotics बहुत सारी खा लो, आपकी तब यह खराब हो जाएगी, बताओ क्यों
27:01क्योंकि वो आपके भीतर नजाने कितने तरह के bacteria को मार देंगे
27:07और फिर आप गड़बड हो जाओगे एक दम
27:10और वो bacteria सिर्फ आतों में नहीं होते
27:13वो bacteria शरीर के बाकी हिस्सों में भी होते हैं
27:16और बहुत important role अदा करते है
27:18बहुत सारे वो जो bacteria हैं, वो हमें कहां से मिलते हैं?
27:23मिट्टी से मिलते हैं
27:24उनमें से कुछतों में हवा से भी मिलते हैं
27:26आप जहां जा रहे हो, वहाँ पर आपको यह जो बाकी स्पीशीज हैं भी मिल जाएंगी
27:32इनके बिना आप कैसे जी लोगें?
27:38लेकिन
27:39हम जिस दुनिया में रह रहे हैं ना वहाँ पर crisis of maturity है
27:44सब
27:47infants हो गए है
27:49the infantilization of intellect, यह हुआ है
27:5260-60-70 साल वाले हैं, वो बच्चों ऐसी बाते कर रहे हैं
27:56उनका मूवी बच्चों ही ऐसा हो जाता है
27:57बिलकुल बच्चे हो गए हैं, लोग अब grow up करते ही नहीं
28:02कोई maturity नहीं है, आपने notice किया होगा
28:04और बलकि इस बात में लोगों को नाज होता है कि मैं तो देखो
28:0960 का हो गया हूँ, लेकिन अभी मैं 20 साल ओलो जासी बात करता हूँ
28:12वो youthfulness नहीं है
28:15वो regression है
28:17वो एक तरह का retardation है
28:19और जो बाते आप बता रही हैं कि हो चल रही हैं दुनिया में
28:24वो वही हैं, the crisis of maturity
28:26कोई maturity नहीं है किसी किस्म की
28:31बिलकुल ऐसी बाते हैं जैसे 5 साल का बच्चा कर रहा हूँ
28:35हवा हवाई, cartoon show है जैसे
28:36एक good day को एक planet से उठा के दूसरे planet पर रख देना है
28:41cartoon show चल रहा है न
28:42अचारे जी बच्चे तो फिर भी प्रश्ण उठा लेते हैं
28:59पूछ लेते हैं पर यह जनता कैसी है जिसने
29:02ऐसों को गद्दी पर बठा रख रख है जो कहते हैं कि
29:04climate crisis is just an illusion
29:07यह जनता ऐसों का ही निर्माण है
29:09यह जो लोग हैं जो कह रहे हैं climate crisis is just a hoax
29:14यह इस जनता को ऐसा बनाने में स्वार्थ रखते हैं
29:21जनता जितनी गिर गई है उसको गिराने में
29:25ऐसों का ही तो हाथ राए
29:27popular media कौन control करता है मुश्किल से दुनिया में एक दरजन लोग
29:32और आप दिन रात media consume कर रहे हो न
29:36उस media का ही इस्तेमाल किया जाता है
29:39आपको infantilize करने के लिए आपको immature बनाने के लिए
29:44टीवी पर यह जो आपको बेहुदी चीज़े दिखाई जाती हैं वो यूहीं नहीं दिखाई जाती हैं
29:48उसके पीछे एक गहरी बात है
29:49वो बात यह है कि इनसान का दिमाग इतना कुंद कर दो
29:53कि वो कुछ भी गहरी बात समझने के या गहरा विचार करने के लायक ही न बचे
29:59उसके बाद जो तुछ भी बेच सकते हो
30:01टीवी है, सोशल मीडिया है, सोशल मीडिया अल्गॉरिदम
30:06किस तीज को फेवर करते हैं?
30:09विजडम कंटेंट को? सच मुछ? नहीं
30:12टीवी पर जो आप देख रहे हों क्या करता है?
30:14वो आपको और ज़्यादा बेखूफ बना देता है
30:16जो जितना टीवी देख रहा है, वो उतना बेखूफ हो रहा है
30:18दिन बदिन, उसकी हार्ड वाइरिंग तक बदल रही है
30:21इस पर प्रयोग हो चुके हैं
30:23आप ज़्यादा टीवी देखिए
30:24आप एकदम बेखूफ होते चले आते हैं
30:27और टीवी में भी खासकर
30:29वो कारिकरम
30:31जो महिलाओं को टार्गेट करके बनाए जाते है
30:35वो हैं इसलिए ताकि वो यहां से बेखूफ बनी रहे
30:40तो जनता
30:46जब इन्हीं के द्वारा तैयार है
30:49इन्हीं चंद लोगों ने जनता को तैयार किया है
30:52तो जनता तो बेखूफ होगी ना
30:56आप सोचते हो आपका दिमाग आपका आपका आपका नहीं है
30:59आपका दिमाग दुनिया के करीब बारा पंदरा या बीस लोग होंगे
31:04आपका दिमाग उन्होंने तैयार किया है
31:07आपका दिमाग आपका अपना नहीं है
31:08आप बेखूफ बनाए गए हो
31:12आपको लग रहे हो कि आपको लग रहा आपकी अपनी जिन्दगी आपकी अपनी जिन्दगी है ही नहीं
31:17आप सब कुछ वही कर रहे हो जो दूर बैठी ताकतें आपसे करवाना चाहती है
31:22और मैं कोई बहुत गहरी बातें नहीं बता रहा हूँ
31:46मैं जो बातें बोल रहा हूँ आप साधारन सर्च भी करोगे तो आपको पता जल जाएंगी
31:52नजाने कितनी किताबें जो आपको सीथे सीथे बता देंगी
31:57आप evolution थोड़ा था पढ़ लीजिए तो वह आपको बताएंगी
32:00कि कैसे कोई भी species evolve करती है बाहरी इस्थितियों के साथ एक dialectical engagement से
32:10यह तो शायद साथवी आठवी का बच्चा भी जान जाएगा
32:18कि यह क्या बाते हो रही है दूसरा planet होगा तो इंसान थोड़ी होगा उसपर फिर
32:24दूसरे planet होगा तो फिर उसपर aliens होगे
32:27आप अपनी सब यह science fiction भी जो बनाते हो उसमें क्या यह दिखाते हो कि
32:33दूसरे planet से या galaxy से कोई आया है तो इंसान आया है कभी दिखाते हो
32:36दिखाते हो एक भद्दा सा alien है यही तो दिखाते हो
32:41तो मने दूसरे planet पर जो होता है वो एक भद्दा सा alien होता है
32:46वही आप भी बन जाओगे अगर आप किसी कदर वहां पहुँच भी गए और बच भी गए पहली बात तो पहुँच नहीं सकते आप
32:51आप बस एक फैन की तरह जब वो लोग अपने रॉकेट में बैठ करके भाग रहे होंगे
32:58एक फैन की तरह आप नीचे से खड़े होके सेलफी ले रहे हुए यह मैं हूँ और यह वो रॉकेट है
33:03और चारो तरफ मेरे अब यह दुनिया जल रही है और यह अपने रॉकेट में भाग रहे हैं
33:07और मैं अभी भी नीचे खड़ाओ करके एक फैन की तरह सेल्फी ले रहा हूँ
33:10वो भाग भी रहोंगे तो बहुत सारे लोग उनकी चरण वंदना करके कह रहोंगे
33:14सर सर सर सर सर प्लीज सर ऑटोग्राफ सर
33:17उन्होंने कीडा बेचा है बेचा नहीं है
33:29इंप्लांट करा है आपके खोपड़े पर जानते हैं उसका क्या नाम है पॉजिटिविटी
33:33तो कहते हैं डोंट बी रियलिस्टिक बी पॉजिटिव
33:39सच्चाई मत देखो खाप सजो
33:43सच्चाई मत देखो
33:47कावना के घोड़े पर सवार होकर बादलों में उड़ जाओ
33:51यह पॉजिटिविटी है
33:51मैं जो भी कुछ बोल रहा हूँ इसको बोलेंगे
33:55वहरी निगेटिव वहरी निगेटिव है कि तो निगेटिव बाते कर रहा है आत्मी
33:58जबकि जो मैं बात कर रहा हूँ यह अथारत है जमीनी बात है
34:02मैं जो बात कर रहा हूँ साइन्स है
34:04आप साइन्स को निगेटिव बोलना चाहते हो तो बो
34:07मैं जो बात कर रहा हूँ साइकॉलोजी है उसको निगेटिव बोलना चाहते हो
34:12फिलोसोफी यह निगेटिव बोलना है, बोलो
34:13टाइटनिक, जब डूब रहा था न
34:34तो पर लोगोंने मांग करी कि संगीत सुनाओ
34:39इंसान वो शय है
34:42वो बहुत पॉजिटिव लोग थे
34:47बोल रहे थे हम यह जानना ही नहीं चाहते हैं कि डूब रहा है, कुछ नहीं डूब रहा है
34:51रिंग ओन दे म्यूजिक
34:54और वो म्यूजिक बिलकुल ऐसा
34:58आसमान में उड़ गए, यहां बैठ गए, चांद है, तारे हैं, परिया हैं
35:05अब पानी था, बढ़ियां थंडा थंडा थंडा एटलांटिक वाला
35:09इतना थंडा कि उस पर आइसबर्ग भूम रहा था
35:11और यह बढ़ियां अपनी सब गरम गरम
35:17सारी आउटफिट्स डाल करके क्या कर रहे हैं, म्यूजिक सुन रहे हैं
35:22और उसके पात सेकेंड, दस सेकेंड बाद वो बढ़ियां थंडा थंडा
35:26फ्रीजिंग कोल्ड वाटर
35:28उसी में आपकी फ्रोजन ग्रेव बननी थी
35:33यह है पॉजिटिविटी
35:38यह हैं, यह हुमन कॉंशियसनेस इस तू प्रेशियस
35:46to be left to the fate of a single planet
35:51so we need to disperse the seeds of humanity
35:57across planets and galaxies
35:59मैं क्या खा कर आए हो, क्या पिया है
36:04human consciousness is this planet itself
36:09वही प्यास के छिलके वाली बाद, वो कह रहे है
36:13कि human consciousness इतनी प्रेशियस चीज है
36:16कि उसे हम सिर्फ एक planet पर कैसे छोड़ सकते हैं
36:20उस planet पर कोई asteroid आके टकरा गया
36:22तो human beings है क्या होगा
36:23इसमें जो मूल अज्यान है वो यह है
36:27कि आप सोच रहे हो कि मनुष्य और प्रत्वी
36:29अलग-अलग हैं, नहीं अलग-अलग
36:31नहीं है
36:32विज्ञान की दृष्टी से भी नहीं है
36:36और अध्यात्म की दृष्टी से भी नहीं है
36:38स्वयम को प्रक्रति से
36:40भिन मानना
36:42इसी को अहंकार कहा गया है
36:44जो कि मूल माया है
36:46वेगन ओने में वा कितनी इंप्रेसिव लग्ती है
36:53नहीं ओने, हम इद नहीं है
36:53human consciousness
36:55is just too precious
36:59to be tied to the fate of a solitary planet
37:03let's
37:06hedge our risks
37:08let's take humanity to diverse planets
37:12so that we survive
37:15even in the case of a catastrophic event involving a couple of planets,
37:21we'll still survive because we have diversified.
37:23We are stock trading.
37:28Hedging,
37:31तुमें existence और ट्रेडिंग में अंतर नही समझ में आता?
37:36तुमने लिविंग को ट्रेडिंग मान लिया?
37:45एक बात बस याद रख लीजेगा,
37:52we don't live on this planet,
37:53we are this planet.
37:56Either the two of us live together
37:59or we go down together
38:01because we are not two at all.
38:04We are one.
38:15धन्यवाद आचार जीजेग अंतर नहीं आप अचार जीजेग के साथ 2020 से जड़ा हुआ हूँ.
38:39पहला सत्र में ने दिवाली का सत्र अटेंग किया था बूद स्थल में.
38:43अचार जीजेग के सत्रों के बाद
38:46जो एक तरीका सिखा रहे हैं खुद को समझने का
38:51वो समझने का एक प्रयास है अचार जीजेग से जूड़ने के बाद.
38:57मैं परसनली अचार जीजेग से स्ट्रेंथ ड्रॉ करता हूँ
39:01कि जिससे मैं सीख रहा हूँ
39:03वो उस व्यक्ति में डर नहीं है तो उससे मुझे भी प्रेड ना मिलती है एक नेडरता की और बढ़ने का
39:14अचारे जी को जब मैं देखता हूँ तो मुझे भीवेकानन्द, भगत सेंग, सोक्रेटीज
39:25इन सब का दिहान आता है कि अगर ट्राइम ट्रेवल करके किसी को विवेकानन्द के साथ, भगत सिंग जी के साथ
39:35काम करने का मौका मिले या उनके सामने बैठने का मौका मिले तो यह उस तरह की कुछ एक गटना पीत रही है
39:43और इससे मुझे बहुत लाब हो रहा है, थैंक यू
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