00:30लेकिन काम में सुकून नहीं था यही वज़ा है कि उद्राइ ने नौकरी छोड़ दी और अपने गाउं लावालंग प्रखंट के अमपाड़ गाउं लॉट गए उन्होंने यूटूब से खेदी करना सीखा और मात्र चार साल में अपनी किस्मत बदल ली इसके बाद बीटे
01:00छे महीना हो गया था छे महीना होने के बाद मन नहीं लग रहा था खेदी वहां पर कंपनी में क्यूंकि इसके बाद फिर मैं घर पे चला आया घर पे आया तो खेदी के बारे में सोचा
01:11आज उदे खेदी से हर रोज 10,000 से अधिक रुपए कमा रहे हैं उदे की सफलता को देख पूरा परिवार उन पर गर्व कर रहा है
01:22उदे कहते हैं कि वे शहर में जरूर थे लेकिन मन में गाउं की मिट्टी अटकी थी
01:27फिर उन्हें लगा कि इंजीनियरिंग की डिगरी सिर्फ नौकरी के लिए नहीं बल्कि कुछ नया करने के लिए भी हो सकती है
01:35They said that they watched the video on YouTube, and then they started making a video.
02:05a
02:09रखेश्यों को बेड़ांने और में आपकरवाइबाने के बाद सब्सक्राइब
02:18कर दोए हैं वह आपकी करने सब्सक्राइब करने तो हम लोग सब्सक्राइब कर नहीं है
02:34ुद्याइक कुमार जी एक प्रगति सिल किशान है
02:54ये भी अपने कम जमीन होने के बावजुद अन्य लोगों से जहां खेती नहीं हो रही थी उन जमीनों को लीज पर लिया और लीज पर लेने के बाद इनों ने आधुनिक तक्निक का इस्तिमाल किया और लगातार संपर्क में विभाग से रहें
03:12कुशी अधिकारी ये भी कहते हैं कि उदे की लगातार कोशिशे आज रंग लाई हैं उनकी मेहनत से कई बंजर जमीन उपजाओ बन गए हैं
03:21काफी अच्छी खेती की और दूसरे लोगों को भी रोजगार दिया और जो जमीन हमारी परती पड़ी हुई थी उन जमीनों का भी उपयोग नहोंने खेती में किया बिभाग उन्हें हर तरह के जो भी योजनाएं हमारे पास हैं उनसे भी हमने उनका अभिशरन करवाया ता
03:51की अच्छा भविश बनाया जा सकता है उदै आज युवा पिढ़ी के लिए एक मिसाल बने हुए हैं उनकी कोशिश से कई लोगों को रोजगार मिल रहा है इतिवी भारत के लिए चत्रा से अर्बास की रिपोर्ट
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