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  • 3 days ago
डिब्रूगढ़ जिले के एक शांत कोने में, एक सरकारी प्राइमरी स्कूल को एक अनोखा नया “टीचर” मिला है - एक बोलने वाला रोबोट जो लैब में नहीं, बल्कि एक स्कूल टीचर के हाथों से बना है, जिसके पास कार्डबोर्ड, एक ब्लूटूथ स्पीकर और कल्पना की चिंगारी के अलावा कुछ नहीं है.जोकाई समागुरी प्राइमरी स्कूल में, जहाँ दो टीचर छह क्लास और 52 बच्चों को मैनेज करते हैं,  प्रेशर लगातार बना रहता है. लेकिन असिस्टेंट टीचर पार्थ ज्योति बरुआ ने पढ़ाई में कमी को कम नहीं होने दिया. इसके बजाय, उन्होंने एक फ्रेंडली कार्डबोर्ड “रोबोट” बनाया जो सबसे छोटे स्टूडेंट्स से बातें करता है, गाता है और कहानियाँ सुनाता है, जिससे उनके जिज्ञासु मन लगातार आधे घंटे तक बिज़ी रहते हैं.क्लास किंडरगार्टन, 1 और 2 के बच्चों के लिए, यह जादू है. वे उससे फुसफुसाकर सवाल पूछते हैं, उसके रिकॉर्ड किए गए जवाबों का इंतज़ार करते हैं, और जब वह साथ गाता है तो खिलखिलाते हैं. उनके लिए, यह कोई कार्डबोर्ड बॉक्स नहीं है - यह एक साथी है जो उनकी भाषा बोलता है और कभी थकता नहीं है.

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Transcript
00:00असम के इस छोटे से सरकारी स्कूल में कुछ ऐसा हो रहा है जो बच्चों की पढ़ाई का तरीका बदल रहा है
00:07ये कोई आम सिख्षक नहीं बलकि एक कार्डबोर्ड रुबोर्ट है
00:12जो बच्चों से बात करता है काहनिया सुनाता है और गाता भी है
00:30किंडर गाटन और कक्षा एक से दो के बच्चों के लिए ये सिर्फ एक बोक्स नहीं बलकि उनका नाया दोस्त बन चुका है
00:51सरकारी स्कूल के इस असाधरन सिख्षक पार्था जोती बर्वा ने सिर्फ कार्डबोर्ड और ब्ल्यूट्यूथ स्पिकर से ये रुबोर्ट तैयार किया है
01:04उनका मकसद बच्चों को पढ़ाई में मजा देना और उनकी जिग्या से जगाना था
01:10असम के सरकारी स्कूल में एक साधरन कार्डबोर्ट रोबोर्ट ने साबित कर दिया है कि कभी कभी सबसे बड़ी तकनीक होती है सिर्फ कल्पना और जुनून
01:18ब्यूरो रिपोर्ट इटीवी भारत
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