00:00तीर्थ नगरी पुषकर हिंदूओं का सबसे बड़ा तीर्थ हिस्थल है।
00:30उस समय सरोवर के जल में खड़ा होना मतलब मौत को दावत देने के समान था।
00:35इसका कारण था कि सरोवर में पहले मगरमच्छों का आतंक था जहां करीब सो मगरमच्छों का बसीरा था।
01:00पंडित निर्मल गुरू बताते हैं कि मगरमच्छों के आतंक से परिशान होकर काफी मगरमच्छों को चंबल में छोड़ा गया था।
01:20लेकिन उस वक्त कुछ मगरमच्छ सरोवर में ही रह गए। इन में एक विशाल काए मगरमच्छ भी था।
01:26जिसे पकडने की काफे कोशिश की गई लेकिन वो पकड में नहीं आया।
01:30उस दौर में एक बिटिश अधिकारी के पिता सरोवर के तक पर पूजा पाठ किया करते थे।
01:34एक दिन शाम को जब वह सरोवर में उतर कर जब कर रहे थे तब मगरमच्छ उन्हें खीच कर गहराई में ले गया और उन्हें खा गया।
01:42इस घटना के बाद अतकालीन थाना अधिकारी ने एक नर मगरमच्छ को गोली से मार दिया था।
02:12लेकिन अब ये मगरमच्छ वी जो बर्सों पुराना जिसको केमिकल करके रखा हुआ था लोगों को दिखाने के लिए बताने के लिए उस समय की बातें बताने के लिए अब वो भी जिर्ण सिर्ण अवस्ता में और अब बिल्कुल निर्मूल हो रहा है अगर इसकी तरफ ज
02:42कई लोग मगरमच्छ के इस शव को देखने के लिए आते हैं लेकिन अंदेखी के कारण इसकी अवस्ता खराब हो चुकी ऐसे में अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो धीरे धीरे मगरमच्छ का पूरा शरीर खत्म हो जाएगा और उस दोर के आतंक की यादे
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