Skip to playerSkip to main content
  • 4 days ago
केवलादेव में पूर्व महाराजा सूरजमल की 300 साल पुरानी इंजीनियरिंग आज भी हजारों प्रवासी पक्षियों को जीवन दे रही है.

Category

🗞
News
Transcript
00:00यह है भरतपुर का केवलादेव नेशनल पार्क।
00:30जिससे वेटलेंड बना और दूर दूर से पक्षी यहां रुकने लगे।
01:00मौरीवे के प्रिंस को यहां का गवर्नर डेपूट किया हुआ तो बू देखवाल करते हैं।
01:05बू इंगलेंड गए उन्होंने देखा वहां के चिडियों मारते हैं डग सूटिंग का ऐसा और रिंग करते हैं।
01:11पूर्व महराजा सूरजमल की दूरदर्शीता ने इसे चमतकार बनाते हैं।
01:17पूर्व महराजा सूरजमल की दूरदर्शीता ने इसे चमतकार बना दिया।
01:41गंभीरी और बान गंगा का पानी अजान बान से रोक कर चैनलों के जरिये 29 वर्ग किलोमीटर में ब्लॉक दर ब्लॉक फैलाया गया।
01:51300 से 400 साल पुराने कदंब के पेड आज भी उस इंजिनियरिंग के गवाह हैं।
01:57पांचना डैम बना तो यहां का पानी रुक गया।
02:20साइबेरियन क्रेन 2002 के बाद गयब हो गये। लेकिन पिछले दो साल में पांचना से मिला स्वक्ष पानी फिर वर्दान बन गया है।
02:29रेटायर्ड रेंजर भोलू अवरार का कहना है कि अगर केवला देव को बचाना है तो पानी बचाना होगा। वरना यह स्वर्ग वड्लैंड बन जाएगा।
02:39भरतपुर से श्यामविर से ही की रिपोर्ट।
02:42झाल
Be the first to comment
Add your comment

Recommended