00:00हिमाचिल प्रदेश की चम्पा ठाकूर गरीबी में पली बढ़ी बांगला देश में कबड़ी विश्वकब विजेता भारती टीम का हिस्सा रही अपनी बेटी की सफलता पर चम्पा और उनके माबाप को गर्व है इस मुकाम तक पहुचने के लिए चम्पा ठाकूर को कड़
00:30پютہ کو پہلے سویدہ بھی نہیں ہوتی تھی روم میں ہی پ lesbian such살 دیٹی모ر
00:39پتہ پتہ بچپن میں چمپا تھااکر کو پہلوان بنانا چاہتے تھے
00:45پتہ بچپن میں چمپا تھاکور کو پہلوان بنانا چاہتے تھے
00:498 سال کی عمر میں اس نے کشتی کرنی شروع کی
00:52لیکن گاؤں کے لوگوں نے تانے مارے
00:54زمانہ کیا کہے گا پہاڑی درگم علاقے میں سوویدھائیں بھی نہیں تھیں
00:58Pita ne fayasla badla, bitiya ne skool me kabaddi khilna shuru kiya, zulao aur pradish ustar per naam chamka.
01:28लेकिन उसके लिए बेटी को भी बहुत सरा स्ट्रकल करना पड़ा.
01:32जिसके बाद चमपा ठाकूर का सेलेक्शन धर्मशाला भारते खेल प्राधी करण में हुआ.
01:37आठ साल की कड़ी महनत के बाद भारती कबड़ी टीम का हिस्सा बनी,
01:40चमपा की मा ने इनको बेटी नहीं बेटा माना.
02:02चमपा ठाकूर को बधाई देने पहुँचे महबूब चुरह के सभी परिवारों को अपनी बेटीों को चमपा ठाकूर जैसा बनाने की सलहा दी है.
02:10दस नैशनल गेम खेल चुकी चमपा ठाकूर के दिल में बस यहीं मलाल और मांग है कि सरकार उनके चुड़ा के चुखडा गाउं में सड़क बनवा दे
02:30और कबड़ी भारती टीम का हिस्सा रही हिमाचल की पांच बेटियों को नौकरी दें जिससे उनकी परिवार को गरीबी से निकलने में मदद मिल सके.
02:39इचवी भारत के लिए चमपा से मन्जूर पठान की रिपोर्ट.
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